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51 सालों से छठ व्रत कर रही हैं 70 साल की उषा देवी, 30 सूपों से देती हैं अर्घ्य

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Published : Nov 3, 2019, 12:38 PM IST

उषा देवी की उम्र 70 साल है. वह 19 साल की कम उम्र से यह व्रत करती आ रही हैं. वह तीस सूपों के साथ अपने घर में बने घाट पर हर साल अर्घ्य देती हैं. उनके घर में नदी और तलाबों जैसी लोगों की भीड़ देखने को मिलती है.

51 सालों से कर रही हैं भगवान भास्कर का महापर्व

पूर्णियाः जिले की उषा देवी नामक महिला भगवान भास्कर का महापर्व छठ पिछले 51 सालों से कर रही है. वह तीस सूपों के साथ अपने घर में बने घाट पर हर साल अर्घ्य देती हैं. इसमें पिछले कुछ सालों से उनकी तीन बेटियां भी साथ दे रही हैं. इस दौरान उनके घर में नदी और तलाबों जैसी लोगों की भीड़ देखने को मिलती है.

19 साल की उम्र से कर रही हैं छठ
उषा देवी की उम्र 70 साल है. वह 19 साल की कम उम्र से ही यह व्रत करती आ रही हैं. उषा देवी ने बताया कि उनकी शादी कम उम्र में हो गई थी. ससुराल में उनकी सास छठ पर्व करती थी. सास की मृत्यु के बाद उन्होंने यह व्रत करना शुरू कर दिया. उस समय उनके परिवार की स्थिति काफी दयनीय थी. उसके बावजूद वह इस पर्व को करती आई. जिसके बाद से उनकी स्थिति काफी अच्छी हो गई.

51 सालों से कर रही हैं भगवान भास्कर का महापर्व

रिश्तेदार और पड़ोसी भी यहीं करते हैं पूजा
उषा देवी की बेटी ने बताया कि वे लोग पूरे परिवार के साथ छठ में यहां आती हैं. उन्होंने बताया कि उनके रिश्तेदार और पड़ोसी नदी या तालाब में न जाकर उनके घर आकर भगवान भास्कर को अर्ध्य देते हैं.

पूर्णियाः जिले की उषा देवी नामक महिला भगवान भास्कर का महापर्व छठ पिछले 51 सालों से कर रही है. वह तीस सूपों के साथ अपने घर में बने घाट पर हर साल अर्घ्य देती हैं. इसमें पिछले कुछ सालों से उनकी तीन बेटियां भी साथ दे रही हैं. इस दौरान उनके घर में नदी और तलाबों जैसी लोगों की भीड़ देखने को मिलती है.

19 साल की उम्र से कर रही हैं छठ
उषा देवी की उम्र 70 साल है. वह 19 साल की कम उम्र से ही यह व्रत करती आ रही हैं. उषा देवी ने बताया कि उनकी शादी कम उम्र में हो गई थी. ससुराल में उनकी सास छठ पर्व करती थी. सास की मृत्यु के बाद उन्होंने यह व्रत करना शुरू कर दिया. उस समय उनके परिवार की स्थिति काफी दयनीय थी. उसके बावजूद वह इस पर्व को करती आई. जिसके बाद से उनकी स्थिति काफी अच्छी हो गई.

51 सालों से कर रही हैं भगवान भास्कर का महापर्व

रिश्तेदार और पड़ोसी भी यहीं करते हैं पूजा
उषा देवी की बेटी ने बताया कि वे लोग पूरे परिवार के साथ छठ में यहां आती हैं. उन्होंने बताया कि उनके रिश्तेदार और पड़ोसी नदी या तालाब में न जाकर उनके घर आकर भगवान भास्कर को अर्ध्य देते हैं.

Intro:ANCHOR--पूर्णिया निवासी उषा देवी नामक महिला भगवान भास्कर का आस्था भरा पर्व छठ अपने पूरे परिवारो के साथ घर मे बने घाट पर करते दिखती है।अब इनकी तीन बेटियां पिछले कुछ सालों से दे रही है इस आस्था भरे पर्व में माँ का साथ।नदी एवं तलाबों जैसा इनके घर मे इस पर्व में दिखती है लोगों की भीड़।


Body:VO--यह है उषा देवी जो पिछले 51 सालों से तीस सूपों के साथ भगवान भास्कर का आस्था भरा पर्व मनाते आ रही है। इनकी उम्र 70 साल है।कम उम्र से ही करते आ रही हैं आस्था भरा पर्व।उषा देवी बताती हैं कि इनकी शादी कम उम्र में हुई थी और इनके ससुराल में इनकी सास छठ पर्व करती थी।सास की मृत्यु के बाद उषा देवी छठ करना शुरू की उस समय इनके परिवार की स्थिति काफी दयनीय थी उसके वावजूद यह महिला इस आस्था के पर्व को करती आयीं और छठी मइयां का पर्व इनके दयनीय स्थिति को काफी अच्छी कर दी ।अभी ये महिला तीस सुपो से भगवान भास्कर को अर्ध देते आ रही हैं।पिछले कुछ वर्षों से इनकी तीन बेटियां इनका साथ देते दिखती हैं।इस पर्व को मनाने के लिए सभी बेटियां अपने पूरे परिवार के साथ छुट्टी ले इनके घर आ बड़ी धूमधाम से इस पर्व को मनाती हैं।बेटी बताती हैं कि माँ का साथ इस पर्व में दे काफी अच्छा लगता है।इनके समाज के लोग भी अपने शहर के नदी तालाब में न जाकर इनके घर आकर भगवान भास्कर को अर्ग देते हैं।पड़ोसी बताते हैं कि इनके घर आ अर्ग देने में शांति महसूस होता है।

BYTE--अनिल वर्मा (पड़ोसी)
BYTE--स्वेता देवी (बेटी)


Conclusion:इस आस्था के पर्व को लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं

ABHAY KUMAR SINHA
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