पूर्णिया: कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए किए गए देशव्यापी लॉकडाउन का व्यापक असर इंसानों के साथ-साथ बेजुबानों पर भी देखने को मिल रहा है. उन्हें खाना बड़ी मुश्किल से नसीब हो रहा है. ऐसे में जिले के एक चायवाले के पशु प्रेम की कहानी सामने आई है. इस लॉकडाउन की मुश्किल घड़ी में जहां लोगों के खाने का इंतजाम नहीं हो पा रहा वैसे समय में चायवाला सड़क पर आवारा घूमने वालों जानवरों की भूख मिटा रहा है.
दरसअल, लॉकडाउन के बाद से ही शहर के सभी छोटे-बड़े होटल और ढ़ाबे पूरी तरह बंद पड़े हैं. इनके बंद होने के कारण बेजुबान कुत्ते, गाय और अन्य जानवर मरने के कगार पर आ गए हैं. चाय दुकानदार महादेव इनदिनों ऐसे जानवरों के लिए फरिश्ता बने हुए हैं. महादेव शहर के जेल रोड़ पर एक छोटी सी चाय की दुकान चलाते हैं. वे सड़क किनारे रहने वाले दर्जनों कुत्तों के खाने की व्यवस्था कर रहे हैं.
सुबह-शाम कर रहे दूध का इंतजाम
लॉकडाउन के बाद से ही महादेव अपने घर के पास आसरा लेकर रह रहे कुत्तों और उनके पिल्लों को सुबह-शाम दूध पिला रहे हैं. वहीं, इनके साथ ही आस-पास के बाकी बेजुबानों को भी वे रोजाना सुबह और शाम रोटी खिलाते हैं. चाय दुकानदार महादेव ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि लॉकडाउन ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. उन्हें चाय की दुकान बंद करनी पड़ी. अब वे किसी तरह अपना और अपने परिवार का गुजर-बसर कर रहे हैं.
'इंसान से बुरे हैं जानवरों के हालात'
महादेव कहते हैं कि आमदिनों में जानवर मनुष्य पर निर्भर रहते हैं तो अभी तो लॉकडाउन चल रहा है. ऐसे में सबसे बड़ी विपदा उनके सामने खड़ी है कि वे कहां खाएं और कहां रहें? इस बात को सोचकर ही उन्होंने पशुओं की मदद करने की ठानी और तब से लगातार बेजुबानों का पेट भर रहे हैं.
गांव में हो रही महादेव की तारीफ
बेजुबान जानवरों के लिए चाय दुकानदार महादेव की ओर से किए जा रहे कार्य की पूरे गांव में तारीफ हो रही है. इनदिनों ये गांव में चर्चा का विषय बने हुए हैं. लोगों का कहना है कि मुश्किल घड़ी में इंसान पहले अपना सोचता है लेकिन, महादेव ऐसा नहीं कर रहे हैं. उनका कार्य सरहानीय है.
पीएम मोदी के फैन हैं महादेव
बता दें कि महादेव वही चाय दुकानदार हैं, जिन्होंने पीएम मोदी के जीतने और प्रधानमंत्री बनने पर 100 लीटर दूध की चाय पिलाई थी. इलेक्शन रिजल्ट के दिन उन्होंने सभी ग्राहकों को मुफ्त चाय पिलाई. इतना ही नहीं 200 से अधिक लोगों को मटन-चावल की दावत भी दी थी.