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कोटा से लौटे छात्र सरकार की बदइंतजामी देख हुए नाराज, कहा- जनता देगी जवाब

कोटा में फंसे सैकड़ों छात्र बुधवार को पूर्णिया पहुंचे. इस दौरान छात्र और अभिभावक सरकार के रवैये से काफी नाराज दिखे.

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Published : May 7, 2020, 4:21 PM IST

Updated : May 7, 2020, 7:21 PM IST

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पूर्णिया: बुधवार को कोटा में फंसे सैकड़ों स्टूडेंट्स बिहार पहुंचे. हालांकि प्रशासनिक बदइंतजामी देख इस दौरान स्टूडेंट्स के चेहरे पर खुशी कम मायूसी ज्यादा दिखी. दरसअल कोटा से लौटे स्टूडेंट्स को घरों तक सकुशल पहुंचाने के जो दावे किए जा रहे थे, ईटीवी भारत की पड़ताल में ये दावे पूरी तरह खोखले साबित हुए.

वाहन कोषांग सेंटर से ज्यादातर स्टूडेंट्स मजबूरन निजी रिक्शे, गाड़ियां और ऑटो रिजर्व कर लौटते दिखे. छात्रों ने कहा कि मुफ्त में मिल रही बदइंतजामी के अलावा यहां फ्री में मिलने जैसी कोई सेवा नहीं थी. घरों तक पहुंचाने के लिए ये छोटी गाड़ियां मनमाना किराया मांग रहे थे.

मनमाना किराए की मांग
ईटीवी भारत की टीम सरकार और जिला प्रशासन की दावों की पड़ताल के क्रम में सीधे वाहन कोषांग सेंटर पहुंची. मनमाना किराए की मांग और गाड़ियों की कमी की वजह से रिक्शे से घर लौट रहे स्टूडेंट्स ने कहा कि सीएम नीतीश अंकल ने उनका भरोसा तोड़ दिया. बिहार में कदम रखते ही बदइंतजामी के सिवाए पूरे सफर के दौरान कुछ और नहीं मिला.

कोटा से पूर्णिया लौटने वालों में सैकड़ों स्टूडेंट्स थे. इसके बावजूद सिर्फ 5 बसें भेजी गई. जबकि प्रशासन को पहले ही स्टूडेंट्स की संख्या और भारी सामान की सूचना दे दी गयी थी. इस हिसाब से बसों की संख्या बढाकर भेजनी चाहिए थी. लेकिन बस कम थी. इसलिए 5 बसों में ही किसी तरह सैकड़ों स्टूडेंट्स को पूर्णिया लाया गया.

देखें रिपोर्ट

सैकड़ों स्टूडेंट्स के लिए सिर्फ 5 बस
नाराज छात्रों ने कहा कि सरकार लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग फार्मूले के पालन की बात कह रही है. वहीं दूसरी तरफ खुद प्रशासनिक अधिकारियों ने कटिहार जंक्शन पर सैकड़ों स्टूडेंट्स को लाने के लिए सिर्फ 5 बसों को भेजा. वहां से सभी को ठूंसकर वाहन कोषांग सेंटर तक लाया गया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का बिल्कुल पालन नहीं किया गया.

स्टूडेंट्स के पैरेंट्स ने कहा कि सरकार और जिला प्रशासन की ओर से वाहन कोषांग सेंटर से घरों तक पहुंचाने के लिए निःशुल्क दी जा रही छोटी वाहन की सुविधा की बात की जा रही थी. यहां ऐसी कोई व्यवस्था नहीं दिखी.

आगामी चुनाव में जनता देगी जवाब
अभिभावकों ने कहा कि स्टेडियम परिसर में ऑटो की कतारें लगी थी. उतरते ही प्रशासन की ओर से कहा गया कि घर तक जाने के लिए गाड़ियों की व्यवस्था सरकार की ओर से की गई है. जिसके बाद ऑटो चालक ने घर तक पहुंचाने के लिए मनमाना किराए की शर्त सामने रख दी. ये किराया इतना था जैसे कि कोटा से पूर्णिया तक के सामान्य डिब्बे का भाड़ा उनसे लिया जा रहा हो.

हालांकि भारी लगेज रखने के बाद कुछ स्टूडेंट्स और पैरेंट्स ऑटो से गए. वहीं कुछ लोग निजी रिक्शे और निजी ऑटो या फिर अपने साथ लाए बाइक से सारा सामान ढोते दिखाई दिए. इस बाबत नाराज छात्रों ने कहा कि वे सरकार के इस रवैये से काफी नाराज हैं. आगामी चुनावों में व्यवस्थाओं को लेकर त्राहिमाम कर रही आवाम इसका जवाब देगी.

पूर्णिया: बुधवार को कोटा में फंसे सैकड़ों स्टूडेंट्स बिहार पहुंचे. हालांकि प्रशासनिक बदइंतजामी देख इस दौरान स्टूडेंट्स के चेहरे पर खुशी कम मायूसी ज्यादा दिखी. दरसअल कोटा से लौटे स्टूडेंट्स को घरों तक सकुशल पहुंचाने के जो दावे किए जा रहे थे, ईटीवी भारत की पड़ताल में ये दावे पूरी तरह खोखले साबित हुए.

वाहन कोषांग सेंटर से ज्यादातर स्टूडेंट्स मजबूरन निजी रिक्शे, गाड़ियां और ऑटो रिजर्व कर लौटते दिखे. छात्रों ने कहा कि मुफ्त में मिल रही बदइंतजामी के अलावा यहां फ्री में मिलने जैसी कोई सेवा नहीं थी. घरों तक पहुंचाने के लिए ये छोटी गाड़ियां मनमाना किराया मांग रहे थे.

मनमाना किराए की मांग
ईटीवी भारत की टीम सरकार और जिला प्रशासन की दावों की पड़ताल के क्रम में सीधे वाहन कोषांग सेंटर पहुंची. मनमाना किराए की मांग और गाड़ियों की कमी की वजह से रिक्शे से घर लौट रहे स्टूडेंट्स ने कहा कि सीएम नीतीश अंकल ने उनका भरोसा तोड़ दिया. बिहार में कदम रखते ही बदइंतजामी के सिवाए पूरे सफर के दौरान कुछ और नहीं मिला.

कोटा से पूर्णिया लौटने वालों में सैकड़ों स्टूडेंट्स थे. इसके बावजूद सिर्फ 5 बसें भेजी गई. जबकि प्रशासन को पहले ही स्टूडेंट्स की संख्या और भारी सामान की सूचना दे दी गयी थी. इस हिसाब से बसों की संख्या बढाकर भेजनी चाहिए थी. लेकिन बस कम थी. इसलिए 5 बसों में ही किसी तरह सैकड़ों स्टूडेंट्स को पूर्णिया लाया गया.

देखें रिपोर्ट

सैकड़ों स्टूडेंट्स के लिए सिर्फ 5 बस
नाराज छात्रों ने कहा कि सरकार लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग फार्मूले के पालन की बात कह रही है. वहीं दूसरी तरफ खुद प्रशासनिक अधिकारियों ने कटिहार जंक्शन पर सैकड़ों स्टूडेंट्स को लाने के लिए सिर्फ 5 बसों को भेजा. वहां से सभी को ठूंसकर वाहन कोषांग सेंटर तक लाया गया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का बिल्कुल पालन नहीं किया गया.

स्टूडेंट्स के पैरेंट्स ने कहा कि सरकार और जिला प्रशासन की ओर से वाहन कोषांग सेंटर से घरों तक पहुंचाने के लिए निःशुल्क दी जा रही छोटी वाहन की सुविधा की बात की जा रही थी. यहां ऐसी कोई व्यवस्था नहीं दिखी.

आगामी चुनाव में जनता देगी जवाब
अभिभावकों ने कहा कि स्टेडियम परिसर में ऑटो की कतारें लगी थी. उतरते ही प्रशासन की ओर से कहा गया कि घर तक जाने के लिए गाड़ियों की व्यवस्था सरकार की ओर से की गई है. जिसके बाद ऑटो चालक ने घर तक पहुंचाने के लिए मनमाना किराए की शर्त सामने रख दी. ये किराया इतना था जैसे कि कोटा से पूर्णिया तक के सामान्य डिब्बे का भाड़ा उनसे लिया जा रहा हो.

हालांकि भारी लगेज रखने के बाद कुछ स्टूडेंट्स और पैरेंट्स ऑटो से गए. वहीं कुछ लोग निजी रिक्शे और निजी ऑटो या फिर अपने साथ लाए बाइक से सारा सामान ढोते दिखाई दिए. इस बाबत नाराज छात्रों ने कहा कि वे सरकार के इस रवैये से काफी नाराज हैं. आगामी चुनावों में व्यवस्थाओं को लेकर त्राहिमाम कर रही आवाम इसका जवाब देगी.

Last Updated : May 7, 2020, 7:21 PM IST
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