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बिहार में खुलेआम नकल की सबसे ताजा तस्वीर, देखिए

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Published : Jan 9, 2021, 3:23 PM IST

Updated : Jan 9, 2021, 4:22 PM IST

बिहार में बोर्ड परीक्षा के नकल की हैरान करने वाली तस्वीरें आपने देखी थीं लेकिन अब ग्रेजुएशन लेवल की परीक्षाओं में भी नकल का खेल सामने आया है. परीक्षा के नाम पर मजाक और शिक्षा विभाग की पोल खोलती ये तस्वीर कई सवाल खड़े करती है. देखें पूरी खबर

पूर्णिया विवि
पूर्णिया विवि

पूर्णिया: 'शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं'. यह कोट नेल्सन मंडेला का है. लेकिन दुनिया तब तक नहीं बदलती जब तक उसे बदलने के लिए कठिन परिश्रम नहीं किया जाता और बिहार के सीमांचल इलाके के यूनिवर्सिटी का हाल यह है कि पढ़ाई व्यवस्था दुरूस्त होना तो दूर की कौड़ी है. पूर्णिया यूनिवर्सिटी प्रशासन कदाचार मुक्त परीक्षा तक नहीं करवा पा रहा है.

ये हाल बयान कर रही हैं तस्वीर
पूर्णिया यूनिवर्सिटी में इन दिनों स्नातक के पार्ट- टू की परीक्षाएं चल रही हैं. इन सब के बीच पीयू के मॉडल कॉलेज से हैरत कर देने वाली तस्वीर सामने आयी है. जिसने बिहार की शिक्षा व्यवस्था की फिर से एक बार पोल खोलकर रख दी है. वहीं, मामले के तूल पकड़ने के बाद पीयू प्रशासन की सफाई सामने आई है.

देखें रिपोर्ट

खुलेआम नकल करते कैमरे में कैद हुए छात्र
दरसअल पीयू में डिग्री पार्ट टू की प्रैक्टिकल परीक्षा चल रही है. लिहाजा तय तिथि के तहत रसायन विभाग में आयोजित डिग्री पार्ट टू केमेस्ट्री की प्रायोगिक परीक्षा आयोजित की गई. कोविड-19 के प्रोटोकॉल को देखते हुए पहले दिन सभी 52 छात्र एग्जाम देने पहुंचे. हालांकि महज नाम मात्र के इस प्रैक्टिकल परीक्षा की तब पोल खुल गई. जब मीडिया के कैमरे पर ये छात्र खुलेआम नकल करते पकड़े गए.

यह भी पढ़ें: पूर्णिया: सीमांचल के चावल से सीमावर्ती मुल्कों में बन रही शराब

बीकर की जगह हाथों में थे मोबाइल
परीक्षा में शामिल किसी भी छात्र ने प्रैक्टिकल नहीं किया. छात्रों के हाथों में बीकर की जगह मोबाइल थे. मोबाइल में आंसर देखकर छात्र बड़ी आसानी से उत्तर लिख रहे थे. परीक्षा में छात्र जिस तरह से परीक्षा दे रहे थे, उससे तो यही लग रहा था जैसे कॉलेज प्रशासन की मौन स्वीकृति छात्रों को प्रदान की गई हो. पूर्णिया कॉलेज प्रशासन का एक भी अधिकारी प्रैक्टिकल के दौरान छात्रों के बीच नजर नहीं आए.

कुछ छात्रों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोरोना काल में हम लोगों का प्रैक्टिकल और पढ़ाई दोनों ऑफलाइन हुआ था. ऐसे में पढ़ाई पूरी नहीं हुई है. छात्रों से जब मोबाइल में देखकर आंसर लिखने की बात की गई तो उन्होंने बताया कि रहने दीजिए, हम लोगों के भविष्य का सवाल है.

परीक्षा नियंत्रक के गोलमोल जवाब
इस बाबत ईटीवी के सवालों का फोन पर जवाब देते हुए पूर्णिया कॉलेज के परीक्षा नियंत्रक डॉ मरगूब आलम ने बताया कि जब वे निरीक्षण को पंहुचे तो सभी व्यवस्था ठीक थी. आने के बाद की बात की जानकारी नहीं है. अगर कदाचार की बात सामने आ रही है. तो यह ठीक नहीं है. इस पर सख्त कार्रवाई होगी.
सवालों के घेरे में सुशासन बाबू की शिक्षा महकमा आ चूका है. क्या इसी बूते बिहार एक बार फिर ज्ञान की धरती बन पाएगा!

पूर्णिया: 'शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं'. यह कोट नेल्सन मंडेला का है. लेकिन दुनिया तब तक नहीं बदलती जब तक उसे बदलने के लिए कठिन परिश्रम नहीं किया जाता और बिहार के सीमांचल इलाके के यूनिवर्सिटी का हाल यह है कि पढ़ाई व्यवस्था दुरूस्त होना तो दूर की कौड़ी है. पूर्णिया यूनिवर्सिटी प्रशासन कदाचार मुक्त परीक्षा तक नहीं करवा पा रहा है.

ये हाल बयान कर रही हैं तस्वीर
पूर्णिया यूनिवर्सिटी में इन दिनों स्नातक के पार्ट- टू की परीक्षाएं चल रही हैं. इन सब के बीच पीयू के मॉडल कॉलेज से हैरत कर देने वाली तस्वीर सामने आयी है. जिसने बिहार की शिक्षा व्यवस्था की फिर से एक बार पोल खोलकर रख दी है. वहीं, मामले के तूल पकड़ने के बाद पीयू प्रशासन की सफाई सामने आई है.

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खुलेआम नकल करते कैमरे में कैद हुए छात्र
दरसअल पीयू में डिग्री पार्ट टू की प्रैक्टिकल परीक्षा चल रही है. लिहाजा तय तिथि के तहत रसायन विभाग में आयोजित डिग्री पार्ट टू केमेस्ट्री की प्रायोगिक परीक्षा आयोजित की गई. कोविड-19 के प्रोटोकॉल को देखते हुए पहले दिन सभी 52 छात्र एग्जाम देने पहुंचे. हालांकि महज नाम मात्र के इस प्रैक्टिकल परीक्षा की तब पोल खुल गई. जब मीडिया के कैमरे पर ये छात्र खुलेआम नकल करते पकड़े गए.

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बीकर की जगह हाथों में थे मोबाइल
परीक्षा में शामिल किसी भी छात्र ने प्रैक्टिकल नहीं किया. छात्रों के हाथों में बीकर की जगह मोबाइल थे. मोबाइल में आंसर देखकर छात्र बड़ी आसानी से उत्तर लिख रहे थे. परीक्षा में छात्र जिस तरह से परीक्षा दे रहे थे, उससे तो यही लग रहा था जैसे कॉलेज प्रशासन की मौन स्वीकृति छात्रों को प्रदान की गई हो. पूर्णिया कॉलेज प्रशासन का एक भी अधिकारी प्रैक्टिकल के दौरान छात्रों के बीच नजर नहीं आए.

कुछ छात्रों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोरोना काल में हम लोगों का प्रैक्टिकल और पढ़ाई दोनों ऑफलाइन हुआ था. ऐसे में पढ़ाई पूरी नहीं हुई है. छात्रों से जब मोबाइल में देखकर आंसर लिखने की बात की गई तो उन्होंने बताया कि रहने दीजिए, हम लोगों के भविष्य का सवाल है.

परीक्षा नियंत्रक के गोलमोल जवाब
इस बाबत ईटीवी के सवालों का फोन पर जवाब देते हुए पूर्णिया कॉलेज के परीक्षा नियंत्रक डॉ मरगूब आलम ने बताया कि जब वे निरीक्षण को पंहुचे तो सभी व्यवस्था ठीक थी. आने के बाद की बात की जानकारी नहीं है. अगर कदाचार की बात सामने आ रही है. तो यह ठीक नहीं है. इस पर सख्त कार्रवाई होगी.
सवालों के घेरे में सुशासन बाबू की शिक्षा महकमा आ चूका है. क्या इसी बूते बिहार एक बार फिर ज्ञान की धरती बन पाएगा!

Last Updated : Jan 9, 2021, 4:22 PM IST
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