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CAA-NRC के खिलाफ रैली में जुटी भीड़ का रियलिटी चेक, किसी को नहीं पता कानून तो किसी ने नाम भी नहीं सुना - citizenship amendment act

पप्पू यादव ने कहा कि जिस तरह झारखंड में बीजेपी की ओर से अनुसूचित जाति-जनजाति में नफरत पैदा की गई और सूबे को बांटने का प्रयास किया जा रहा था. जनता ने सत्ता से बेदखल कर बीजेपी को सबक सिखा दिया है.

reality check of crowd against CAA and NRC
रैली में जुटी भीड़
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Published : Dec 25, 2019, 5:26 AM IST

पूर्णिया: पूरे देश में इस समय नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. इन प्रदर्शनों में हजारों की संख्या में लोग जुट रहे हैं. हालांकि इन प्रदर्शनों में शामिल होने वाले ज्यादा लोगों को सीएए और एनआरसी के बारे कुछ जानकारी ही नहीं है. मंगलवार को पूर्णिया के शहर के रंगभूमि मैदान में कानून के विरोध में विशाल रैली का आयोजन किया गया. यहां भी पहुंचे ज्यादातर लोगों को इस कानून की जानकारी ही नहीं थी.

रैली को कवर करने पहुंचे ईटीवी भारत के संवाददाता ने कई लोगों से नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के बारे में पूछा. किसी को कानून के बारे में पता ही नहीं था, तो किसी ने इसका नाम भी नहीं सुना था. कुछ लोगों को जानकारी थी तो वो भी आधी अधूरी. ऐसे में सवाल उठता है कि इन रैलियों में जुटती भीड़ को वाकई में कानून को लेकर परेशानी है या फिर ज्यादा से ज्यादा लोगों की भीड़ दिखाने के लिये विपक्षी पार्टियां इन्हें सुनियोजित तरीके से रैली का हिस्सा बना रही हैं.

पेश है रिपोर्ट

इकबाल फाउंडेश ने कराई रैली
रैली को इकबाल फाउंडेशन की ओर से आयोजित कराया गया था. इसमें जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव भी पहुंचे थे. उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह पर जमकर निशाना साधा. पप्पू यादव ने कहा कि अब बिहार से ही आजादी की दूसरी लड़ाई शुरू की जाएगी. पप्पू यादव ने कहा कि बिहार ने खुद ठाना है कि देश की आजादी की लड़ाई कहीं और से नहीं बिहार से ही चलेगी. यह बड़ी आजादी की लड़ाई है यहां दूसरा जिन्ना अब नहीं चलेगा.

reality check of crowd against CAA and NRC
प्रदर्शनकारी.

पप्पू यादव ने बीजेपी पर किया हमला
पप्पू यादव ने कहा कि जिस तरह झारखंड में बीजेपी की ओर से अनुसूचित जाति-जनजाति में नफरत पैदा की गई और सूबे को बांटने का प्रयास किया जा रहा था. जनता ने सत्ता से बेदखल कर बीजेपी को सबक सिखा दिया है. उन्होंने कहा कि अब बारी बिहार और दिल्ली की है. अब बीजेपी एनआरसी के नाम पर देश को न जलाए और न ही मजहब के आधार पर सियासत करे.

पूर्णिया: पूरे देश में इस समय नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. इन प्रदर्शनों में हजारों की संख्या में लोग जुट रहे हैं. हालांकि इन प्रदर्शनों में शामिल होने वाले ज्यादा लोगों को सीएए और एनआरसी के बारे कुछ जानकारी ही नहीं है. मंगलवार को पूर्णिया के शहर के रंगभूमि मैदान में कानून के विरोध में विशाल रैली का आयोजन किया गया. यहां भी पहुंचे ज्यादातर लोगों को इस कानून की जानकारी ही नहीं थी.

रैली को कवर करने पहुंचे ईटीवी भारत के संवाददाता ने कई लोगों से नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के बारे में पूछा. किसी को कानून के बारे में पता ही नहीं था, तो किसी ने इसका नाम भी नहीं सुना था. कुछ लोगों को जानकारी थी तो वो भी आधी अधूरी. ऐसे में सवाल उठता है कि इन रैलियों में जुटती भीड़ को वाकई में कानून को लेकर परेशानी है या फिर ज्यादा से ज्यादा लोगों की भीड़ दिखाने के लिये विपक्षी पार्टियां इन्हें सुनियोजित तरीके से रैली का हिस्सा बना रही हैं.

पेश है रिपोर्ट

इकबाल फाउंडेश ने कराई रैली
रैली को इकबाल फाउंडेशन की ओर से आयोजित कराया गया था. इसमें जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव भी पहुंचे थे. उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह पर जमकर निशाना साधा. पप्पू यादव ने कहा कि अब बिहार से ही आजादी की दूसरी लड़ाई शुरू की जाएगी. पप्पू यादव ने कहा कि बिहार ने खुद ठाना है कि देश की आजादी की लड़ाई कहीं और से नहीं बिहार से ही चलेगी. यह बड़ी आजादी की लड़ाई है यहां दूसरा जिन्ना अब नहीं चलेगा.

reality check of crowd against CAA and NRC
प्रदर्शनकारी.

पप्पू यादव ने बीजेपी पर किया हमला
पप्पू यादव ने कहा कि जिस तरह झारखंड में बीजेपी की ओर से अनुसूचित जाति-जनजाति में नफरत पैदा की गई और सूबे को बांटने का प्रयास किया जा रहा था. जनता ने सत्ता से बेदखल कर बीजेपी को सबक सिखा दिया है. उन्होंने कहा कि अब बारी बिहार और दिल्ली की है. अब बीजेपी एनआरसी के नाम पर देश को न जलाए और न ही मजहब के आधार पर सियासत करे.

Intro:आकाश कुमार (पूर्णिया) exclusive report। अगर आप भी सीएए और एनआरसी के नाम पर देश भर में जुटती रैलियों और प्रदर्शनों की भीड़ का अंदेशा देश की उबाल से लगा रहे हैं तो थोड़ा सावधान। दरअसल ईटीवी भारत की टीम आज ऐसी ही एक रैली में जुटती भीड़ का रियालिटी चेक करने पहुंची। जिसके बाद ईटीवी भारत की इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में सियासी पार्टियों द्वारा लोगों को गुमराह कर रैली और प्रदर्शन का हिस्सा बनाने का काला सच सामने आया है।


Body:रैलियों के भीड़ पर ईटीवी भारत की रियालटी टेस्ट वहीं यह चौकाने वाली सच्चाई तब सामने आई। जब ईटीवी भारत की टीम सीएए व एनआरसी के विरोध में इकबाल फाउंडेशन की ओर से शहर के रंगभूमि मैदान में चल रही संबोधन में मौजूद आए भीड़ के विषय जानकारी को लेकर रियालटी टेस्ट करने पहुंची। पूर्णिया से रैलियों में जुटती भीड़ की काली सच्चाई... दरअसल हैरत की बात है कि देश में हिंसा की लपटें और न फैले। लिहाजा सियासत भूल जिस कानून को लेकर देश के लोगों को जागरूक करने का दायित्व सियासी पार्टियों को निभाना चाहिए था। इनदिनों ऐसे सियासी पार्टियों द्वारा भोले-भाले मासूम लोगों को गुमराह कर रैलियों की भीड़ और प्रदर्शन का हिस्सा बनाने का घृणित खेल जारी है। मुसलमानों को भगा रही सरकार ये बोल कर लाए थे कार्यकर्ता.. इस बाबत ईटीवी भारत की टीम सीएए और एनआरसी जुड़े सवाल के साथ रैली में आए लोगों के बीच पहुंची। जहां सवाल पूछे जाने पर सभी भागते दिखे। बायसी से आए उस्मान से सवाल पूछे जाने पर बताया कि मोदी इनके लिए खतरे पैदा कर रहा है और इन्हें देश से निकालने जा रहा है ये बात कह कर इनके परिवार आए बाकी लोगों को यहां लाया गया है। वहीं ईटीवी भारत की टीम ने रैली में आए कुछ दूसरे लोगों से सीएए व एनआरसी से जुड़े सवाल पूछे जाने पर कहा वे बाजार जाने के क्रम में मोदी का विरोध करने की बात कहने की बात बोलकर इन्हें कार्यकर्ता यहां लेकर आए थे। सो वे यहां चले आए। वहीं कुछ और लोगों से सवाल करने पर भीड़ में मौजूद लोगों ने संवाददाता पर दूसरे व्यक्ति से सवाल पूछे जाने का दवाब बनाया। भ्रम पैदा कर लोगों को रैलियों तक ला रहे सियासतदान.... जिसके बाद ईटीवी भारत ने एक दूसरे व्यक्ति से एनआरसी व सीएए से जुड़े अनुच्छेद को लेकर सवाल पूछे। जिसके बाद पेशे से मौलाना एनआरसी हटाने की बात कहने लगा। जिसे साफ सुना जा सकता है। लिहाजा जब हमारे रिपोर्टर ने मौलाना को एनआरसी अब तक देश में लागू नहीं किए जाने की बात बताई। तो मौलाना अपने बयान से पलटी मारते हुए सिर्फ सीएए की विरोध करने की बात कहने लगा। लिहाजा इस भीड़ में ऐसा कोई नहीं मिला जिसे ठीक-ठीक एनआरसी व सीएए से जुड़ी जानकारी हो।


Conclusion:बहरहाल जिस तरह सियासी रोटियां सेंकने की आड़ में सियासत एनआरसी और सीएए को लेकर जानबूझकर कर देश को तोड़ने की कोशिश में जुटे हैं। यह संकेत देश के लिए किसी खतरे से कम नहीं। इसे तभी दूर किया जा सकता है जब सरकार विरोधी सियासी घड़े से कहीं ज्यादा ताकत लगाकर संचार माध्यम और सरकारी अमले की मदद से घर-घर जाकर लोगों को इन कानून के अमल में न आने के वास्तविक नफे-नुकसान बताए।
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