पूर्णियाः फूल, बेलपत्र, गंगा जल और दूध से भोले नाथ की पूजा तो बहुत आम है. लेकिन जिले के लाइन बाजार के महामाया मंदिर में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग का बर्फाभिषेक किया जाता है. यह मंदिर अपनी अनूठी मान्यताओं के लिए इलाके में प्रसिद्ध है.
बर्फ की सिल्लियों से होती है पूजा
महामाया मंदिर में महादेव की पूजा की अनूठी परंपरा है. यहां शिवलिंग पर आक-धतूरा, गंगा जल और दूध से पूजा नहीं की जाती है. बल्कि बर्फ की सिल्लियों से ढककर भोले नाथ की अराधना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि सावन की सोमवारी को यहां पूजा करने से मन की हर मुराद पूरी होती है. यहां सावन की सोमवारी की संध्या स्तुति देखने दूर-दराज से भक्त आते हैं.
मुरादें होती हैं पूरी
मंदिर के पुजारी अभय कांत झा बताते हैं कि यह मंदिर बहुत प्रचीन है. लेकिन यहां बर्फाभिषेक की परंपरा 1966 से चली आ रही है. उन्होंने बताया कि भोलेनाथ का क्रोध शांत करने के लिए उनका बर्फाभिषेक किया जाता है. इससे शिव भक्तों को भी शांति मिलती है. वहीं, मंदिर में पूजा करने आए श्रद्धालुओं ने बताया कि महामाया मंदिर में शिवलिंग का बर्फाभिषेक करने से मन की सारी मुरादें पूरी होती हैं.