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पूर्णिया: बाढ़ग्रस्त इलाकों में गर्भवती महिलाओं के लिए 'प्रसव हाट' की शुरूआत

सीएस मधुसूदन प्रसाद ने गर्भवती महिलाओं के लिए एक खास पहल करते हुए सभी बाढ़ प्रभावित प्रखण्डों में प्रसव हाट की शुरुआत की है. इस हाट में महिलाओं के सुरक्षित प्रसव की पूरी व्यवस्था होगी.

मधुसूदन प्रसाद, सीएस
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Published : Jul 25, 2019, 8:56 PM IST

पूर्णिया: जिले में सैलाब का सितम अब तक शांत नहीं हुआ है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 79 प्रखण्डों के 8 लाख 36 हजार से अधिक लोग बाढ़ प्रभावित हैं. ऐसे में गर्भवती महिलाओं के लिए जिले के सिविल सर्जन ने एक प्रशंसनीय पहल की है. इसके तहत जिले का स्वास्थ्य महकमा सभी बाढ़ प्रभावित प्रखण्डों में प्रसव हाट लगा रहा है. ताकि बाढ़ के दौरान प्रसव पीड़ा से गुजरने वाली महिलाओं को मेडिकल सुविधा मिल सकेगी.

'प्रसव हाट' की शुरूआत
जिले में हर साल आने वाली बाढ़ की विभीषिका और उसके हालातों का अध्ययन करने के बाद यह पहल की गई है. नए सीएस मधुसूदन प्रसाद ने गर्भवती महिलाओं के लिए एक खास पहल करते हुए सभी बाढ़ प्रभावित प्रखण्डों में प्रसव हाट की शुरुआत की है. इसका मकसद बाढ़ के समय प्रसव की सुविधा मुहैया न होने के कारण प्रसव पीड़ा से होने वाली मौतों पर अंकुश लगाना है. इसके साथ ही मेडिकल वैन और मोबाइल वैन भी 24x7 अलर्ट मोड पर रहेंगे.

सिविल सर्जन ने की गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव हाट की शुरूआत

स्वास्थ्य महकमा कर रहा तैयारी
इसके लिए स्वास्थ्य महकमे ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ऊंचे स्थलों को हाट के लिए चिन्हित कर लिया है. यहां प्रसूता को सुरक्षित प्रसव की सुविधा दी जाएगी. इसके साथ ही विभाग ऐसी गर्भवती महिलाओं की लिस्ट भी बनाने में जुट गया है, जिनका प्रसव जुलाई- अगस्त तक होना है. इन प्रसव हाटों में एएनएम की तैनाती के साथ ही प्रसूता के सुरक्षित प्रसव की सारी व्यवस्था मुकम्मल होगी. वहीं जच्चा-बच्चा दोनों ही सुरक्षित और सेहतमंद हो इसके लिए बाढ़ के दौरान नियमित टीकाकरण मुहैया कराई जाएगी. वहीं, शिशुओं को दिए जाने वाली टीके की सुविधा भी उपलब्ध होगी.

मेडिकल वैन पर भी होगी सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था
वैसे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र जहां पीएचसी बाढ़ के पानी में जलमग्न हो गए हैं, वहां मेडिकल वैन की सुविधा भी प्रसूता को उपलब्ध कराई जाएगी. यह मेडिकल वैन प्रसव से जुड़ी तमाम तरह की दवाइयों और इलाज के आधुनिक डिवाइस और मशीनों से लैस होंगी.

पूर्णिया: जिले में सैलाब का सितम अब तक शांत नहीं हुआ है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 79 प्रखण्डों के 8 लाख 36 हजार से अधिक लोग बाढ़ प्रभावित हैं. ऐसे में गर्भवती महिलाओं के लिए जिले के सिविल सर्जन ने एक प्रशंसनीय पहल की है. इसके तहत जिले का स्वास्थ्य महकमा सभी बाढ़ प्रभावित प्रखण्डों में प्रसव हाट लगा रहा है. ताकि बाढ़ के दौरान प्रसव पीड़ा से गुजरने वाली महिलाओं को मेडिकल सुविधा मिल सकेगी.

'प्रसव हाट' की शुरूआत
जिले में हर साल आने वाली बाढ़ की विभीषिका और उसके हालातों का अध्ययन करने के बाद यह पहल की गई है. नए सीएस मधुसूदन प्रसाद ने गर्भवती महिलाओं के लिए एक खास पहल करते हुए सभी बाढ़ प्रभावित प्रखण्डों में प्रसव हाट की शुरुआत की है. इसका मकसद बाढ़ के समय प्रसव की सुविधा मुहैया न होने के कारण प्रसव पीड़ा से होने वाली मौतों पर अंकुश लगाना है. इसके साथ ही मेडिकल वैन और मोबाइल वैन भी 24x7 अलर्ट मोड पर रहेंगे.

सिविल सर्जन ने की गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव हाट की शुरूआत

स्वास्थ्य महकमा कर रहा तैयारी
इसके लिए स्वास्थ्य महकमे ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ऊंचे स्थलों को हाट के लिए चिन्हित कर लिया है. यहां प्रसूता को सुरक्षित प्रसव की सुविधा दी जाएगी. इसके साथ ही विभाग ऐसी गर्भवती महिलाओं की लिस्ट भी बनाने में जुट गया है, जिनका प्रसव जुलाई- अगस्त तक होना है. इन प्रसव हाटों में एएनएम की तैनाती के साथ ही प्रसूता के सुरक्षित प्रसव की सारी व्यवस्था मुकम्मल होगी. वहीं जच्चा-बच्चा दोनों ही सुरक्षित और सेहतमंद हो इसके लिए बाढ़ के दौरान नियमित टीकाकरण मुहैया कराई जाएगी. वहीं, शिशुओं को दिए जाने वाली टीके की सुविधा भी उपलब्ध होगी.

मेडिकल वैन पर भी होगी सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था
वैसे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र जहां पीएचसी बाढ़ के पानी में जलमग्न हो गए हैं, वहां मेडिकल वैन की सुविधा भी प्रसूता को उपलब्ध कराई जाएगी. यह मेडिकल वैन प्रसव से जुड़ी तमाम तरह की दवाइयों और इलाज के आधुनिक डिवाइस और मशीनों से लैस होंगी.

Intro:जिले में सैलाब का सितम अब तक शांत नहीं हुआ। वहीं सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 79 प्रखण्डों के 8 लाख 36 हजार से अधिक जनजीवन बेपटरी और 5 प्रखंड बाढ़ प्रभावित हैं। ऐसे में प्रसव से गुजरने वाली महिलाओं के लिए जिले के सिविल सर्जन ने एक प्रशंसनीय पहल की है। इसके तहत जिले का स्वास्थ्य महकमा सभी बाढ़ प्रभावित प्रखण्डों में प्रसव हाट लगा रहा है। इसका अहम मकसद बाढ़ के समय प्रसव की सुविधा मुहैया न होने के कारण प्रसव पीड़ा से होने वाली मौतों पर लगाम लगाना होगा। इसके साथ ही मेडिकल वैन व मोबाइल वैन भी 24×7 अलर्ट मोड़ में होगी।


Body:बाढ़ से उभरे हालातों का हुआ था अध्ययन...

दरअसल जिले में प्रत्येक साल आने वाली पारंपरिक बाढ़ विभीषिका और उसके हालातों का अध्ययन करते हुए जिले के नए सीएस मधुसूदन प्रसाद ने प्रसवावस्था से गुजरने वाली महिलाओं के लिए एक खास पहल करते हुए जिले के सभी बाढ़ प्रभावित प्रखण्डों में प्रसव हाट की शुरुआत की है।



2017 में दो दर्जन से अधिक प्रसूता की गई थी जान...


दरअसल स्वास्थ्य महकमे के सर्वेसर्वा सदर अस्पताल सीएस सीएस की मानें तो इसकी एक बड़ी वजह प्रसवावस्था से गुजर रही महिलाओं को सैलाब के कारण समय रहते समुचित इलाज की सुविधा मुहैया न हो पाने के कारण वेवजह होने वाली जच्चा और बच्चा की मौतों पर लगाम लगाना है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 2017 में आई बाढ़ के दौरान तकरीबन दो दर्जन महिलाओं की जान प्रसव की समुचित व्यवस्था न होने
के कारण प्रसव पीड़ा से गई।


बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगेगा प्रसव हाट...

दरअसल बाढ़ के समय प्रसूता को होने वाली समस्याओं को देखते हुए स्वास्थ्य महकमे ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के उच्च स्थलों को प्रसव हाट के लिए चिन्हित कर लिया गया है। जहां प्रसूता को सुरक्षित प्रसव उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य अमले की ओर से ऐसी गर्भवती महिलाओं की एक फेहरिश्त बनाने का काम भी जारी है। जिनके प्रसव की तिथि जुलाई- अगस्त तक है। इन प्रसव हाटों में एएनएम की तैनाती के साथ ही प्रसूता के सुरक्षित प्रसव की सारी व्यवस्था मुकम्मल होगी। वहीं जच्चा- बच्चा दोनों ही सुरक्षित और सेहतमंद हो इसके लिए बाढ़ के दौरान नियमित टीकाकरण मुहैया कराई जाएगी। वहीं शिशुओं को दिए जाने वाली टीके की सुविधा उपलब्ध होगी।


मेडिकल वैन पर भी होगी सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था..

वहीं वैसे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र जहां की पीएचसी बाढ़ के पानी में जलमग्न हो जाते हैं। ऐसी जगहों पर मेडिकल वैन की सुविधा भी प्रसूता को उपलब्ध कराई जाएगी। इनके प्रसव से जुड़ी तमाम तरह की दबाइयों से लेकर इलाज के आधुनिक डिवाइस व मशीन
से यह मेडिकल वैन लैश होगी। जो प्रसूता की मदद के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में खड़ी रहेगी। इस मेडिकल वैन में एएनएम एक्सपर्ट मौजूद होगी। जो सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करेगी।


24×7 अलर्ट मोड़ में होंगे मोबाईल और मेडिकल वैन...

वहीं मेडिकल वैन के साथ ही एक मोबाइल वैन भी बाढ़ प्रभावित प्रखण्डों में घूमती रहेंगी। जो फ़ोन की महज एक घण्टी बजते ही
प्रसव व अन्य जहरीले जीवों के काटने से जुड़ी मदद मांगने पर पलक झपकते बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हाजिर रहेगी। वहीं
दिन में ही नहीं बल्कि रात में भी यह मोबाइल वैन बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 24×7 अलर्ट मोड़ में रहेगा।


जहरीले सांप ,बिच्छु व कुत्ते के इलाज की भी होगी व्यवस्था...

इसके साथ ही जहरीले बाढ़ से बेहाल वैसे पीड़ित जिन्हें पानी के अंदर छिपे जहरीले सांप ,बिच्छुओं ने डसा हो। ऐसे सभी रोगियों के लिए पीएचसी से लेकर मेडिकल वैन व मोबाइल वैन में दबाइयां स्टोर कर दी गयी हैं। वहीं एक दिन में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या 3500 के करीब पहुंच गई है।



Conclusion:
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