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पूर्णिया: वृद्ध दंपत्ति गुमशुदगी कांड का पर्दाफाश, आरोपी ने बुजर्गों को उतारा था मौत के घाट

आरोपी अजित ने पुलिस को बताया कि उसने वृद्ध दंपत्ति से एक साल के लिए उनकी जमीन लीज पर ली थी. जहां वह बकरी पालता था. साथ ही बताया कि आरोपी अजित ने दोनों लाश को बरौली पुल के नीचे फेंक दिया.

दोनों वृद्ध को उतारा मौत के घाट
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Published : Nov 19, 2019, 9:09 PM IST

पूर्णिया: जिले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने बहुचर्चित वृद्ध दंपत्ति गुमशुदगी कांड का पर्दाफाश कर दिया है. जांच के दौरान पुलिस ने वृद्ध दंपति को मारने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

बता दें कि अगस्त महीने से वृद्ध दंपत्ति दिनेश्वर प्रसाद सिन्हा और माया सिन्हा लापता चल रहे थे. जिसको लेकर परिजन ने थाने में केस दर्ज कराया था. जिसके करीब तीन महीने बाद पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए हत्याकांड के मास्टरमाइंड अजित कुमार भगत को धर दबोचा है. आरोपी ने बताया कि वृद्ध दंपत्ति को उसने मौत के घाट उतार दिया है.

हत्याकांड से जुड़े राज खोले
एसपी विशाल ने कहा कि वृद्ध दंपत्ति गुमशुदगी मामले में पुलिस कई एंगल से जांच कर रही थी. जिसके बाद इस केस से जुड़ा एक अहम सुराग सामने आया कि वृद्ध दंपत्ति गाय और बछड़ा पालते थे. वहीं, पुलिस ने समीर के घर छापेमारी कर लापता गाय और बछड़ा बरामद किया. जिसके बाद समीर ने बताया कि आरोपी अजित ने बीते कुछ महीने पहले जो गाय इसे दी थी. वह उसके जमीन वाले मालिक की है. जिसे अजित ने समीर को सौंप दिया था. इसके बाद समीर ने मरंगा थाने पहुंचकर हत्याकांड से जुड़े सारे राज खोल दिए.

वृद्ध दंपत्ति गुमशुदगी कांड का पर्दाफाश

लाश को बरौली पुल के नीचे फेंका
एसपी विशाल शर्मा ने बताया कि आरोपी अजित भगत को आनंदपुरी से छापेमारी कर धर दबोचा गया. आरोपी अजित ने पुलिस को बताया कि उसने वृद्ध दंपत्ति से एक साल के लिए उनकी जमीन लीज पर ली थी. जहां वह बकरी पालता था. साथ ही बताया कि आरोपी अजित ने दोनों लाश को बरौली पुल के नीचे फेंक दिया.

पूर्णिया: जिले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने बहुचर्चित वृद्ध दंपत्ति गुमशुदगी कांड का पर्दाफाश कर दिया है. जांच के दौरान पुलिस ने वृद्ध दंपति को मारने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

बता दें कि अगस्त महीने से वृद्ध दंपत्ति दिनेश्वर प्रसाद सिन्हा और माया सिन्हा लापता चल रहे थे. जिसको लेकर परिजन ने थाने में केस दर्ज कराया था. जिसके करीब तीन महीने बाद पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए हत्याकांड के मास्टरमाइंड अजित कुमार भगत को धर दबोचा है. आरोपी ने बताया कि वृद्ध दंपत्ति को उसने मौत के घाट उतार दिया है.

हत्याकांड से जुड़े राज खोले
एसपी विशाल ने कहा कि वृद्ध दंपत्ति गुमशुदगी मामले में पुलिस कई एंगल से जांच कर रही थी. जिसके बाद इस केस से जुड़ा एक अहम सुराग सामने आया कि वृद्ध दंपत्ति गाय और बछड़ा पालते थे. वहीं, पुलिस ने समीर के घर छापेमारी कर लापता गाय और बछड़ा बरामद किया. जिसके बाद समीर ने बताया कि आरोपी अजित ने बीते कुछ महीने पहले जो गाय इसे दी थी. वह उसके जमीन वाले मालिक की है. जिसे अजित ने समीर को सौंप दिया था. इसके बाद समीर ने मरंगा थाने पहुंचकर हत्याकांड से जुड़े सारे राज खोल दिए.

वृद्ध दंपत्ति गुमशुदगी कांड का पर्दाफाश

लाश को बरौली पुल के नीचे फेंका
एसपी विशाल शर्मा ने बताया कि आरोपी अजित भगत को आनंदपुरी से छापेमारी कर धर दबोचा गया. आरोपी अजित ने पुलिस को बताया कि उसने वृद्ध दंपत्ति से एक साल के लिए उनकी जमीन लीज पर ली थी. जहां वह बकरी पालता था. साथ ही बताया कि आरोपी अजित ने दोनों लाश को बरौली पुल के नीचे फेंक दिया.

Intro:तीन महीने के लेटलतीफी के बाद आखिरकार बहुचर्चित वृद्ध दंपत्ति गुमसुदगी कांड से आखिरकार पर्दा उठ गया है। अगस्त महीने से मिल्की लालगंज स्थित अपने घर से गायब दंपत्ति अब इस दुनिया में नहीं रहे। वहीं तफ्तीश के दौरान पुलिस के हत्थे चढ़ा इस केस का अहम आरोपी अजित भगत ने वृद्ध दंपति को मौत के घाट उतारने का जुर्म कबूल लिया है। हालांकि हत्याकांड के तार इस केस में किसी और की मिलीभगत की ओर ईशारा कर रहा है।


Body:सुशासन की सरकार में अब वृद्ध भी महफूज नहीं। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि बहुचर्चित वृद्ध हत्याकांड के खुलासे ने यह साफ कर दिया है। दरअसल बीते अगस्त माह से जिले के मरंगा थाना अंतर्गत मिल्की लालगंज स्थित अपने घर से लापता चल रहे वृद्ध दंपत्ति दिनेश्वर प्रसाद सिंहा और माया सिन्हा अब इस दुनिया में नहीं रहे। वहीं सिंहा परिवार के सदस्य वादी उपेंद्र कुमार सिंह द्वारा इस मामले को लेकर दर्ज कराए गए इस केस में करीब तीन महीने की लेटलतीफी के बाद पुलिस ने पर्दा उठाते हुए हत्याकांड के मास्टरमाइंड अजित कुमार भगत को धर दबोचा है। हालांकि तीन महीने बाद भी वृद्ध का शव खोज निकालने में पुलिस नाकाम रही। शव ढूंढ निकालने में पुलिस के हाथ अब भी खाली हैं।



इस बाबत जिले के एसपी विशाल ने आज आयोजित पीसी में कहा कि वृद्ध दंपत्ति गुमसुदगी मामले में पुलिस कई एंगल से जांच कर रही थी। जिसके बाद इस केस से जुड़ा एक अहम सुराग वृद्ध दंपत्ति द्वारा पाला जा रहा वह गाय व बछड़ा पुलिस के हाथ लगा। जिसे वृद्ध दंपत्ति पालते थे।

पुलिस ने सिपाही टोला स्थित मो समीर उर्फ ननकू के घर छापेमारी कर यह लापता गाय व बछड़ा बरामद किया। जिसके बाद पुलिस को दिए बयान में ननकू ने बताया कि अजित ने बीते कुछ महीने पूर्व जो गाय इसे दी थी। वह उसके जमीन वाले मालिक की है। जिसे अजित ने मारने के बाद इस गाय को ननकू को सौप दिया था। अगर वह इस राज को राज बना लेता है जो अजित इसे बदले में 50 हजार रुपये देगा। हालांकि इसके ठीक बाद ननकू मरंगा थाने पहुंचा। इस हत्याकांड से जुड़े अजित के सारे राज खोल दिए।

एसपी विशाल शर्मा ने कहा कि इसके ठीक बाद अजित भगत को आनंदपुरी के एक घर से गुप्त छापेमारी के बाद धर दबोचा गया।
अजित ने पुलिस को दिए इकबालिया बयान इस हत्याकांड से पर्दा उठाते हुए कहा कि उसने वृद्ध दंपत्ति से एक साल के लिए उनकी जमीन लीज पर ली थी। जहां वह बकरी पालन करता था।
इसी बीच इस जमीन को दोनों बेटियों में बाटने की बात अजित को मालूम हुई। जिसके बाद अक्सर ही अजित की वृद्ध दंपत्ति से कहासुनी हुआ करती थी। जिसके बाद अजित ने इन्हें मौत के घाट उतारने की घिनौना प्लान बनाया। 10.8.19 को लीज खत्म होने से एक रोज पहले 9.8.19 की रात ने पहले महिला वृद्ध दंपति और उसके बाद पुरुष वृद्ध दंपत्ति को गला दबाकर मौत के घाट उतार डाला। वहीं इस खूनी खेल की किसी को भनक न लगे। लिहाजा अजित ने दोनों लाश को अलग-अलग बोरे में भर बारी -बारी से बरौली पुल के नीचे फेंक दिया।


भले ही यह चर्चित हत्याकांड सुलझ गया हो। मगर इस हत्याकांड के तार अपने पीछे कई सवाल छोड़ गए हैं। सवाल ये कि जिस बाइक से बारी-बारी से लाश को लालगंज से बेलौरी ले जाने की बात कही गई। इसी रास्ते में रोज पुलिस का पहरा होता है। यहां तक की स्थानीयों की मानें तो घटना की रात से एक दिन पहले भी मेवालाल चौक पर पुलिस तैनात थी। फिर घटना की रात पुलिस कहां तैनात थी। एक शव को एक अकेला युवक बाइक से ले जाता है। यह कैसे संभव है और यदि वह अकेला था तो इसपर किसी की नजर क्यों नहीं गई। वहीं पीड़ित परिवार के लोगों व स्थानीयों की मानें तो पकड़े गए अजित के साथ मरंगा थाने की पुलिस को कई बार देखा गया था। सो इस हत्याकांड में कोई तीसरा तो नहीं। यह भी एक बड़ा सवाल है।



Conclusion:
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