पूर्णिया: जिले के जलालगढ़ हाई स्कूल के पास परिवार के साथ रहने वाला शमशाद फेरी का काम कर अपने परिवार का पालनपोषण करता था. कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन की इस घड़ी में उसके परिवार के सामने भुखों मरने की नौबत आ गई. स्थानीय सहयोग न मिलने पर उसने पीएमओ यानि प्रधानमंत्री कार्यालय को फोन कर मदद की गुहार लगाई. इसके बाद एक घंटे के अंदर ही शमशाद तक मदद पहुंच गई. सहायता के लिए उसने पीएम मोदी को शुक्रिया कहा.
स्थानीय प्रशासन ने शमशाद के घर राशन पहुंचाया
जलालगढ़ निवासी शमशाद फेरी कर अपने परिवार का पालन पोषन करता था. भूखमरी की हालत में स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ-साथ समाज से भी मदद की गुहार लगाई. लेकिन आपदा की घड़ी में शमशाद की ओर मदद को कोई भी आगे बढ़ता नहीं दिखा. शमशाद के दो छोटे बच्चे हैं एक की उम्र लगभग 4 माह और दूसरे की उम्र 2 साल है. अपने परिवार को भूखा मरता देख शमशाद ने पीएमओ को सहायता के लिए फोन लगाया. इसके बाद एक घंटे के अंदर ही स्थानीय प्रशासन ने शमशाद के घर राशन पहुंचाया.
शमशाद के परिवार ने पीएम को कहा-शुक्रिया
स्थानीय प्रशासन ने बताया कि पीएमओ से जलालगढ़ थानाध्यक्ष को फोन आया कि उनके इलाके में शमशाद नामक युवक को सहयोग की जरूरत है. प्रशासन अपने स्तर से जांच कर सहयोग पहुंचाने का काम करें. पीएमओ के फोन के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया. जिसके बाद प्रशासन ने शमशाद के घर राशन पहुंचाया.