पूर्णिया: सीमांचल के एम्स के नाम से मशहूर पूर्णिया सदर अस्पताल में मरीज अब बेहतर इलाज के साथ-साथ स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन का आनंद उठा रहे है. जिले में यह जिम्मा जीविका को दिया गया है. बताया जाता है कि अस्पताल में एडमिट होने वाले मरीजों के स्वास्थ्य से लेकर सेहत तक का ख्याल जीविका दीदी की रसोई से रखा जाएगा. इसके साथ ही पूर्णिया, सूबे के उन गिने-चुने जिलों में शामिल हो गया है जहां मरीजों की थालियों में जीविका की रसोई से बना हुआ खाना परोसा जाता है.
स्वाद से लेकर सेहत का खयाल
अस्पताल में पूर्णिया के अलावा अररिया, किशनगंज, कटिहार, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, पश्चिम बंगाल एवं नेपाल तक के लोग बेहतर इलाज के लिए आते हैं. इलाज करा रहे मरीज आए दिन खाने की गुणवत्ता से लेकर स्वच्छ्ता पर सवाल उठा रहे थे. मरीजों ने कई बार खाने में कंकड़, कीट-पतंगों के निकलने की शिकायतें की थीं. जिसके बाद पूर्व से खाना परोस रहे संस्था के साथ अनुबंधन टूटते ही यह जिम्मा आकाश जीविका दीदी की रसोई को सौंप दिया गया.
हेयर और माउथ मास्क के साथ परोसा जा रहा खाना
वहीं, इस दौरान जब ईटीवी भारत की टीम जब खाने की गुणवत्ता की रियलिटी टेस्ट करने पहुंची तो यह पाया गया कि जीविका दीदीयों की ओर से बने हुए खाने में स्वच्छता मानकों का खास ख्याल रखा जा रहा है. खाना पूरी तरह स्वच्छ और सुरक्षित हो. लिहाजा खाने को बकायदा सिल्वर कवर से ढके जाने के साथ ही हेयर और माउथ मास्क के साथ ही ग्लब्स लगाकर खाने को मरीजों के बीच परोसा जा रहा है.
स्थानीय लोगों में उत्साह
वहीं, अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज काफी उत्साहित हैं. मरीजों ने बताया कि पहले घर से खाना मंगवाना पड़ता था या फिर बाहर से लाना पड़ता था. लेकिन जब अस्पताल में ही स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन मिल रहा है तो अब ना पैसे बाहर खर्च होंगे और ना ही यहां से किसी अन्य अस्पताल की शरण में जाना पड़ेगा.
मेन्यू के अनुसार परोसा जा रहा है खाना
अस्पताल में इलाज करा रहे मरीज और उनके परिजन कहते हैं कि खाने में शुद्धता और पौष्टिकता का खासा ख्याल रखा जा रहा है. सुबह में चाय- नाश्ते और फल दिए जाते हैं. दोपहर में चावल-दाल. उसी तरह शाम में भी खाना मेन्यू के अनुसार ही परोसा जा रहा है.