हैदराबाद: हैदराबाद में गुलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) का एक मामला सामने आया है, जिससे इस क्षेत्र में स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ गई है. सीपेट मंडल से एक महिला में गुलियन बेरी सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी होने की पुष्टि हुई है. शुक्रवार को केआईएमएस अस्पताल द्वारा जारी एक बयान के अनुसार मरीज का पुणे का कोई यात्रा इतिहास नहीं है. महिला का पहले कुछ हफ्तों तक दूसरे अस्पताल में भर्ती थी, लेकिन वहां उसकी हालत खराब होने के बाद उसे केआईएमएस में स्थानांतरित किया गया. महिला की हालत को देखते हुए उसका इलाज वेंटिलेटर सपोर्ट पर किया जा रहा है.
यह मामला महाराष्ट्र में जीबीएस के निदान में उछाल के बीच आया है, जहां हाल ही में ग्रामीण इलाकों में लगभग 100 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. कई मामलों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों का ध्यान खींचा है, जो स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं.
गुलियन-बैरे सिंड्रोम क्या है?
जीबीएस एक दुर्लभ ऑटोइम्यून विकार है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली नसों पर हमला करती है, जिससे कमजोरी, सुन्नता और गंभीर मामलों में पक्षाघात हो सकता है. यह अक्सर वायरल संक्रमण से शुरू होता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है और असामान्य प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का कारण बनता है.
लक्षण और कारण
- शरीर में सुन्नता और झुनझुनी
- मांसपेशियों में दर्द और थकान
- दस्त, उल्टी और पेट दर्द
- कुछ मामलों में बुखार
माना जाता है कि यह सिंड्रोम संक्रमण से शुरू होता है, जिसमें कैंपिलोबैक्टर नामक बैक्टीरिया के कारण होने वाले संक्रमण शामिल हैं, जो आमतौर पर दूषित भोजन और पानी के माध्यम से फैलता है. हालांकि जीबीएस संक्रामक नहीं है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है.
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