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पूर्णिया में धड़ल्ले से चल रहे हैं गैर निबंधित अस्पताल, प्रशासन ने कार्रवाई का अलापा राग

डॉक्टरों में 95 फीसदी गैर निबंधित डॉक्टर होते हैं. जो कम अनुभव के चलते अच्छे भले मरीज को मौत के मुंह में धकेल देते हैं और खुद फिर घटना घटने के बाद फरार हो जाते हैं.

पूर्णिया सदर अस्पताल
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Published : Jun 7, 2019, 8:42 AM IST

पूर्णिया: जिले में 500 से भी अधिक ऐसे फर्जी क्लिनिक और अस्पताल हैं. जो इलाज के बजाए मौत बांटते फिर रहे हैं. आपको यह जानकर तब और हैरानी होगी कि डॉक्टरों और क्लीनिक की भीड़ से भरा नजर आने वाला इस मेडिकल हब में महज 17 नर्सिंग होम और अस्पताल ही रजिस्टर्ड हैं.

दरअसल आए दिन मेडिकल हब से किसी न किसी मरीज की मौत की खबर आती है. कम अनुभवी निजी डॉक्टर की चूक के कारण मरीज की मौत के बाद परिजन जमकर हंगामा मचाते हैं. अब तक ऐसे सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने जब रजिस्टर्ड नर्सिंग होम्स का रिकॉर्ड खंगाला तो यह बड़ा खुलासा हुआ.

95 फीसदी डॉक्टर भी गैर निबंधित
खास बात यह है कि डॉक्टरों में 95 फीसदी गैर निबंधित डॉक्टर होते हैं. जो कम अनुभव के चलते अच्छे भले मरीज को मौत के मुंह में धकेल देते हैं और खुद फिर घटना के बाद फरार हो जाते हैं. यहां के लाइन बाजार को मेडिकल हब के रूप में जाना जाता है. जहां नर्सिंग होम से लेकर, अस्पताल, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे समेत मेडिसिन की सैकड़ों दुकानें हैं. लेकिन अस्पताल से मिले रिकॉर्ड के मुताबिक इनमें से ज्यादातर बगैर किसी लाइसेंस के चलाए जा रहे हैं.

शहर में चल रहे फर्जी क्लिनिक

मरीजों को दलाल पहुंचाते हैं नर्सिंग होम
सूत्रों की मानें तो प्राइवेट नर्सिंग होम और अस्पताल जगह-जगह अपने दलाल रखते हैं. ये दलाल स्थानीय मरीजों के साथ ही सीमावर्ती जिलों से आने वाले मरीजों को सस्ते इलाज का मोह देकर निजी अस्पताल और नर्सिंग होम तक खींच लाते हैं. वहीं निबंधित नहीं होने का फायदा ऐसे अस्पतालों व नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टरों को मिलता है.

सदर अस्पताल के सीएस का बयान
वहीं, इस मामले में सदर अस्पताल के सी एस मधुसूदन प्रसाद ने बताया कि फर्जी निजी अस्पताल व नर्सिंग होम पर कार्रवाई की जा रही है. वहीं कुछ गैर निबंधित चिन्हित अस्पतालों व नर्सिंग होम ने निबंधन के लिए आवेदन दिए हैं. जल्द ही इससे निबट लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वैसे चिकित्सक जो स्वयं डिग्री लेकर किसी और से क्लीनिक संचालन करवाते हैं. उनके खिलाफ भी कठोर रुख अपनाया जाएगा. फेक डिग्री वाले डॉक्टरों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं खुद ऐसी घटनाओं में मरीजों की जान जाने से संजीदा हूं.

पूर्णिया: जिले में 500 से भी अधिक ऐसे फर्जी क्लिनिक और अस्पताल हैं. जो इलाज के बजाए मौत बांटते फिर रहे हैं. आपको यह जानकर तब और हैरानी होगी कि डॉक्टरों और क्लीनिक की भीड़ से भरा नजर आने वाला इस मेडिकल हब में महज 17 नर्सिंग होम और अस्पताल ही रजिस्टर्ड हैं.

दरअसल आए दिन मेडिकल हब से किसी न किसी मरीज की मौत की खबर आती है. कम अनुभवी निजी डॉक्टर की चूक के कारण मरीज की मौत के बाद परिजन जमकर हंगामा मचाते हैं. अब तक ऐसे सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने जब रजिस्टर्ड नर्सिंग होम्स का रिकॉर्ड खंगाला तो यह बड़ा खुलासा हुआ.

95 फीसदी डॉक्टर भी गैर निबंधित
खास बात यह है कि डॉक्टरों में 95 फीसदी गैर निबंधित डॉक्टर होते हैं. जो कम अनुभव के चलते अच्छे भले मरीज को मौत के मुंह में धकेल देते हैं और खुद फिर घटना के बाद फरार हो जाते हैं. यहां के लाइन बाजार को मेडिकल हब के रूप में जाना जाता है. जहां नर्सिंग होम से लेकर, अस्पताल, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे समेत मेडिसिन की सैकड़ों दुकानें हैं. लेकिन अस्पताल से मिले रिकॉर्ड के मुताबिक इनमें से ज्यादातर बगैर किसी लाइसेंस के चलाए जा रहे हैं.

शहर में चल रहे फर्जी क्लिनिक

मरीजों को दलाल पहुंचाते हैं नर्सिंग होम
सूत्रों की मानें तो प्राइवेट नर्सिंग होम और अस्पताल जगह-जगह अपने दलाल रखते हैं. ये दलाल स्थानीय मरीजों के साथ ही सीमावर्ती जिलों से आने वाले मरीजों को सस्ते इलाज का मोह देकर निजी अस्पताल और नर्सिंग होम तक खींच लाते हैं. वहीं निबंधित नहीं होने का फायदा ऐसे अस्पतालों व नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टरों को मिलता है.

सदर अस्पताल के सीएस का बयान
वहीं, इस मामले में सदर अस्पताल के सी एस मधुसूदन प्रसाद ने बताया कि फर्जी निजी अस्पताल व नर्सिंग होम पर कार्रवाई की जा रही है. वहीं कुछ गैर निबंधित चिन्हित अस्पतालों व नर्सिंग होम ने निबंधन के लिए आवेदन दिए हैं. जल्द ही इससे निबट लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वैसे चिकित्सक जो स्वयं डिग्री लेकर किसी और से क्लीनिक संचालन करवाते हैं. उनके खिलाफ भी कठोर रुख अपनाया जाएगा. फेक डिग्री वाले डॉक्टरों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं खुद ऐसी घटनाओं में मरीजों की जान जाने से संजीदा हूं.

Intro:आकाश कुमार (पूर्णिया)

अगर आप भी पूर्णिया से ताल्लुक रखते हैं। और इलाज के लिए किसी निजी नर्सिंग होम या फिर अस्पताल का रुख करने वाले हैं तो थोड़ा सावधान। दरअसल जिले में 500 से भी अधिक ऐसे फर्जी क्लिनिक व अस्पताल हैं। जो इलाज के बजाए मौत बांटते फिर रहे हैं। आपको यह जानकर तब और हैरानी होगी। कि डॉक्टरों व क्लीनिक की भीड़ से भरा नजर आने वाला इस मेडिकल हब में महज 17 नर्सिंग होम और अस्पताल ही निबंधित है। दरअसल यह खुलासा तब हुआ। जब ईटीवी ने इससे जुड़े रिकॉर्ड खंगाले।



Body:दरअसल आए दिनों ही इस मेडिकल हब से किसी न किसी मरीज की मौत की खबर आती है। कम अनुभवी निजी डॉक्टर की चूक के कारण मरीज की मौत के बाद परिजन जमकर हंगामा मचाते हैं। अब तक ऐसे सैकड़ों ही मामले सामने आ चुके हैं। जब मरीज को मौत व उनके परिजनों के पास बिलखने के सिवाए और कुछ नहीं रह जाता। ऐसे डॉक्टरों में 95 फीसदी गैर निबंधित डॉक्टर होते हैं। जो अच्छे भले पेसेंट को मौत के मुंह में धकेल देते हैं। और खुद भाग खरे होते हैं।



बगैर निबंधन के चल रहे 500 से अधिक अस्पताल व नर्सिंग होम..


यहां के लाइन बाजार को मेडिकल हब के रूप में जाना जाता है। नर्सिंग होम से लेकर, अस्पताल, अल्ट्रासाउंड , एक्सरे समेत मेडिसिन के सैकड़ों दुकाने हैं। मगर अस्पताल से मिले रिकॉर्ड के मुताबिक इनमें से ज्यादातर बगैर किसी लाइसेंस के चलाए जा रहे हैं। दरअसल इस वक़्त जिले में 500 से भी अधिक ऐसे निजी नर्सिंग होम और अस्पताल हैं। जो बगैर जिला प्रशासन के रोक-टोक के धड़ल्ले से फर्जी तरीके से चल रहे हैं। वहीं निबंधित नर्सिंग होम व अस्पतालों की संख्या 20 से भी कम है। लिहाजा निबंधन न होना ही एक बड़ी वजह है, कि कुछ झोला छाप डॉक्टरों के हाथों मरीजों के मौत के बावजूद इनपर कार्रवाई नहीं हो पाती।



दलालों के जरिये होता है मरीजों को क्लीनिक तक लाने का खेल..

सूत्रों की मानें तो प्राइवेट नर्सिंग होम व अस्पताल ऐसे ही जगह-जगह अपने दलाल रखते हैं। ये दलाल स्थानीय मरीजों के साथ ही सीमावर्ती जिलों से आने वाले मरीजों को सस्ते इलाज का मोह देकर निजी अस्पताल व नर्सिंग होम तक खींच लाते हैं। वहीं निबंधित नहीं होने का फायदा ऐसे अस्पतालों व नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टरों को मिलता है। पैसे ऐंठने की एवज में मरीजों की जिंदगी का सौदा करने वाले डॉक्टर बेहद आसानी से पुलिस के नाक के नीचे से निकलने में कामयाब हो जाते हैं।



जानिए क्या कहते हैं सदर अस्पताल के सीएस.....


इस बाबत सदर अस्पताल के सी एस मधुसूदन प्रसाद ने बताया कि फर्जी निजी अस्पताल व नर्सिंग होम पर कार्रवाई की जा रही है। वही कुछ गैर निबंधित चिन्हित अस्पतालों व नर्सिंग होम ने निबंधन के लिए आवेदन दिए हैं। जल्द ही इससे निबट लिया जाएगा। वहीं उन्होंने कहा कि वैसे चिकित्सक जो स्वयं डिग्री लेकर किसी और से क्लीनिक संचालन करवाते हैं। उनके खिलाफ भी कठोर रुख अपनाया जाएगा। फेक डिग्री वाले डॉक्टरों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। मैं स्वंय ऐसी घटनाओं में मरीजों के जा रहे जान को लेकर संजीदा हूं।


Conclusion:
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