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पटना पहुंचा दिलखुश का शव, जम्मू कश्मीर में आतंकियों ने कर दी थी हत्या, मौत से थोड़ी देर पहले की थी परिजनों से बात - ईटीवी बिहार

रोजगार के सिलसिले में कश्मीर गए लादूगढ के 20 वर्षीय मजदूर दिलखुश की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या (Purnea Dilsukh shot dead by terrorists) कर दी. यह सूचना मिलने के बाद इलाके में मामत पसरा है. अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र दिलखुश ऋषि तीन माह पहले कमाने के लिए पंजाब गया था. वहां से वह कश्मीर चला गया, उसका शव शुक्रवार शाम को पटना पहुंचा. पढ़ें पूरी खबर.

Militants kill Purnea laborer Dilkhush Das
Militants kill Purnea laborer Dilkhush Das
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Published : Jun 3, 2022, 11:06 PM IST

Updated : Jun 4, 2022, 6:24 AM IST

पूर्णिया: कश्मीर में हुए आतंकी हमले (Terrorist Attacks in Jammu and Kashmir) में ईंट भट्टे पर काम करने वाले मजदूर दिलखुश दास की मौत (Militants kill Purnea laborer Dilkhush Das) गुरुवार को हो गई थी. मृतक पूर्णिया जिले के बनमनखी प्रखंड अंतर्गत लाडुगढ़ पंचायत के हटिया टोला का रहने वाला था. घटना की सूचना के बाद गांव में मातम पसरा है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. दिलखुश अपने परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था. वह नारायण ऋषि का एकलौता पुत्र था. शुक्रवार शाम को दिलखुश का शव पटना पहुंचा. उसके बाद शव को पूर्णिया भेजा जायेगा.

ये भी पढ़ें: बिहार में पूर्व BJP विधायक के दो भाईयों की हत्या, 26 अप्रैल को हुआ था चाचा-चचेरे भाई का मर्डर

घर वालों पैसे भेजने वाला था दिलखुश: दिलखुश ऋषि की जम्मू कश्मीर के बागडोब में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसकी सूचना जैसे ही उसके घर पहुंची, वहां कोहराम मच गया. माता-पिता और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. परिजन बताते हैं कि मौत से कुछ देर पहले ही दिलखुश की परिजनों से फोन पर बातचीत हुई थी. उसने माता-पिता के लिए रुपए भेजने की बात कही थी. सबकी एक ही मांग है कि सरकार आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे. वहींस लोगों ने दिलखुश के वृद्ध मां-बाप को मुआवजा देने की मांग की.

देखें वीडियो

इकलौता पुत्र था मृतक: पिता नारायण ऋषि ने कहा कि दिलकुश उनका इकलौता पुत्र था. वह मार्च महीने में कमाने के लिए कश्मीर गया था. वहां वह इट भट्ठा पर काम करता था. उन्होंने बताया कि आज दिन में उन्हें सूचना मिली कि उनके बेटे की किसी आतंकवादी ने गोली मारकर हत्या कर दी है. मृतक दिलखुश की बहन पूनम का कहना है कि उनके माता-पिता का बुढ़ापा कैसे कटेगा. सरकार मदद करे. इस घटना की सूचना मिली. किसी के घर चूल्हा तक नहीं जला है. लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है.

घटना के संबंध में बनमनखी के अंचलाधिकारी अर्जुन विश्वास ने बताया कि जिला मुख्यालय से आतंकी हमले में जान गंवाने वाले मजदूर दिलखुश दास की पहचान कराने के लिए सूचना आई थी. इसके बाद जानकारी प्राप्त कर ये पुष्टि हुई है कि आतंकी हमले में मरने वाला 23 वर्षीय दिलखुश पूर्णिया जिले के बनमनखी प्रखंड के लाडुगढ़ पंचायत के हटिया टोला वार्ड 13 का निवासी था. लादुगढ़ पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि ओम कुमार बताया कि दिलखुश के पिता नारायण ऋषि एक किसान हैं.

ये भी पढ़ें: पत्नी को विदा नहीं किया तो सनकी दामाद ने किया ससुर का मर्डर, साले को भी मारी गोली

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पूर्णिया: कश्मीर में हुए आतंकी हमले (Terrorist Attacks in Jammu and Kashmir) में ईंट भट्टे पर काम करने वाले मजदूर दिलखुश दास की मौत (Militants kill Purnea laborer Dilkhush Das) गुरुवार को हो गई थी. मृतक पूर्णिया जिले के बनमनखी प्रखंड अंतर्गत लाडुगढ़ पंचायत के हटिया टोला का रहने वाला था. घटना की सूचना के बाद गांव में मातम पसरा है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. दिलखुश अपने परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था. वह नारायण ऋषि का एकलौता पुत्र था. शुक्रवार शाम को दिलखुश का शव पटना पहुंचा. उसके बाद शव को पूर्णिया भेजा जायेगा.

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घर वालों पैसे भेजने वाला था दिलखुश: दिलखुश ऋषि की जम्मू कश्मीर के बागडोब में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसकी सूचना जैसे ही उसके घर पहुंची, वहां कोहराम मच गया. माता-पिता और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. परिजन बताते हैं कि मौत से कुछ देर पहले ही दिलखुश की परिजनों से फोन पर बातचीत हुई थी. उसने माता-पिता के लिए रुपए भेजने की बात कही थी. सबकी एक ही मांग है कि सरकार आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे. वहींस लोगों ने दिलखुश के वृद्ध मां-बाप को मुआवजा देने की मांग की.

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इकलौता पुत्र था मृतक: पिता नारायण ऋषि ने कहा कि दिलकुश उनका इकलौता पुत्र था. वह मार्च महीने में कमाने के लिए कश्मीर गया था. वहां वह इट भट्ठा पर काम करता था. उन्होंने बताया कि आज दिन में उन्हें सूचना मिली कि उनके बेटे की किसी आतंकवादी ने गोली मारकर हत्या कर दी है. मृतक दिलखुश की बहन पूनम का कहना है कि उनके माता-पिता का बुढ़ापा कैसे कटेगा. सरकार मदद करे. इस घटना की सूचना मिली. किसी के घर चूल्हा तक नहीं जला है. लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है.

घटना के संबंध में बनमनखी के अंचलाधिकारी अर्जुन विश्वास ने बताया कि जिला मुख्यालय से आतंकी हमले में जान गंवाने वाले मजदूर दिलखुश दास की पहचान कराने के लिए सूचना आई थी. इसके बाद जानकारी प्राप्त कर ये पुष्टि हुई है कि आतंकी हमले में मरने वाला 23 वर्षीय दिलखुश पूर्णिया जिले के बनमनखी प्रखंड के लाडुगढ़ पंचायत के हटिया टोला वार्ड 13 का निवासी था. लादुगढ़ पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि ओम कुमार बताया कि दिलखुश के पिता नारायण ऋषि एक किसान हैं.

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Last Updated : Jun 4, 2022, 6:24 AM IST
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