पूर्णियाः कोरोना संकट के बीच आखिरकार मंगलवार को नीट और जेईई मेन की परीक्षाएं आयोजित की गई. वहीं लॉकडाउन के बाद यह पहली ऐसी परीक्षा है, जिसमें देश भर के लाखों स्टूडेंट्स शामिल हो रहे हैं. स्टूडेंट्स पेपर देने के बाद काफी खुश नजर आए और कहा कि छात्रों के भविष्य को देखते हुए परीक्षा लेनी जरूरी थी.
पूर्णिया में बनाए गए 7 जिलों के केंद्र
कोविड-19 इफेक्ट को देखते हुए अब तक टाली जाती रही नीट और जेईई मेन की परीक्षाओं के लिए जिले में 2 सेंटर्स बनाए गए हैं. पहले दिन परीक्षा में कुल 141 स्टूडेंट्स शामिल हुए. वहीं, बुधवार को इस परीक्षा में 550 स्टूडेंट्स शामिल हुए. कोसी के 3 और सीमांचल के 4 जिलों को केंद्र बनाया गया है.
कोरोना ने बदल दी एग्जाम सेंटर की तस्वीर
संक्रमण काल के मद्देनजर सेंटर्स पर सभी परीक्षार्थियों के लिए नए मास्क के प्रबंध किए गए हैं. सेनेटाइजर लगाने के बाद ही स्टूडेंट्स को एग्जाम सेंटर में प्रवेश करने दिया जा रहा है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है. इस सिलसिले में स्टूडेंट्स ने बताया कि स्टूडेंट को सेंटर पहुंचने से पूर्व कोरोना को लेकर जहन में थोड़ा डर था. मगर एग्जाम सेंटर की व्यवस्थाएं देखकर दो पल में ही उनका यह डर गायब हो गया.
सवाल देखकर खिल उठे स्टूडेंट्स कर चेहरे
वहीं, पूछे गए प्रश्नों पर बात करते हुए जेईई मेन की परीक्षा देने पंहुचे अंकित राज ने कहा कि हमें इस बात की बेहद खुशी है कि आखिरकार कई तिथियों के टलने के बाद उनके एग्जामस पूरे हुए. प्रश्न न ही बेहद जटिल थे और न सरल. जिसने भी सिलेबस वाइज बेहतर तैयारी कर रखी थी. उन सभी का स्कोर काफी अच्छा होगा. बार- बार एग्जामस रद्द होने से वे कई तरह के दवाब से गुजर रहे थे. हालांकि अब जब पेपर हो चुका है. जाहिर तौर पर सभी स्टूडेंट्स रिलैक्स मूंड में हैं.
'सेशन अधूरे नहीं रह सकते'
ईटीवी भारत से बात करते हुए एक पेरेंट्स संतोष कुमार ने कहा कि कोरोना को लेकर डर तो है. लेकिन बच्चों के भविष्य को देखते हुए परीक्षाएं भी होनी जरूरी हैं. ये वायरस कब समाप्त होगा यह पता नहीं. लेकिन इसकी वजह से सेशन को कभी ज़ीरो नहीं छोड़ा जा सकता.