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पिछड़े-अतिपिछड़े छात्रों के लिए सरकार की अनूठी पहल, निःशुल्क कर सकेंगे प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी - बिहार न्यूज

प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र सरकार सरकार की ओर से संचालित विशिष्ट शिक्षण इकाई है. जिसके तहत सूबे के आर्थिक रूप से कमजोर पिछड़े /अतिपिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है.

पिछड़े-अतिपिछड़ों के लिए सरकार की अनूठी पहल
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Published : Sep 10, 2019, 12:08 AM IST

पूर्णियाः सूबे के पिछड़े/अतिपिछड़ों तबके को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने अनूठी पहल की शुरुआत की है. जिसके तहत अब आर्थिक रूप से कमजोर पिछड़े और अतिपिछड़े तबके के छात्र बगैर किसी शुल्क के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे. लिहाजा सरकार संचालित प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र की ओर से पूर्णिया कॉलेज में आज लिखित परीक्षा आयोजित की गई. जहां 60 सीटों के लिए सैकड़ों स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए.

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परीक्षार्तियों की लीस्ट

'क्या है प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र'
प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र सरकार सरकार की ओर से संचालित विशिष्ट शिक्षण इकाई है. जिसके तहत सूबे के आर्थिक रूप से कमजोर पिछड़े /अतिपिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है. यह विशेष सुविधा सूबे के तकरीबन सभी जिले के तमाम मॉडल कॉलेजों में बीते 3 सालों से दी जा रही है. गौर करने वाली बात यह है कि ज्यादातर छात्र को सरकार की इस विशेष योजना की जानकारी नहीं है. जिसके अभाव में वह सरकार की इस विशेष योजना का लाभ नहीं ले पाते हैं. प्रशिक्षण केंद्र का असल मकसद आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से वंचित बच्चों को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है.

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परीक्षार्ती

'कौन दे सकता है परीक्षा'
पूर्णिया विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर व प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंन्द्र के शिक्षक नवनीत कुमार बताते हैं कि इसके तहत इंटरमीडिएट व ग्रेजुएट लेवल की परीक्षा आयोजित की जाती है. उन्होंने बताया कि इंटर पास स्टूडेंट्स 60 सीटों के लिए 1 घंटे की लिखित परीक्षा में बैठते हैं. उन्होंने बताया कि प्रश्नपुस्तिका में वैसे प्रश्न चयनित किए जाते हैं जिन्हें किसी प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछा गया हो. आयोजित परीक्षा में छात्रों को जनरल साइंस ,जनरल नॉलेज ,गणित ,इतिहास विषय के कुल 100 प्रश्नों का जवाब देना होता है. इनमें से चयनित स्टूडेंट्स की काउंसलिंग कराई जाती है. चयनित छात्रों में यह तय होता है कि किन बच्चों को एसएससी, रेलवे, पुलिस सेवा, नेवी, बैंकिंग जैसे अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करनी है.

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प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र में परीक्षा देते छात्र

'कौन है बीपीएससी के योग्य'
प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र में बीपीएससी की लिखित परीक्षा भी आयोजित कि जाती है. जिसमें चयनित बच्चे कुशल बीपीएससी की तैयारी करते है. खास बात यह है कि बीपीएससी के पीटी में अपना परचम लहराने वाले छात्र को 50 हजार रुपये मेंस की तैयारी के लिए दी जाती है. वहीं शिक्षकों का चयन भी साक्षात्कार के जरिये होता है.

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प्राक परीक्षा केंद्र सहायक श्री निवास गौतम

आगे बढ़ रहे पिछड़े/अतिपिछड़े तबके के छात्र
इस बाबत केंद्र सहायक श्री निवास गौतम ने बताया कि प्राक परीक्षा नाम की इस विशेष परीक्षा के तहत जिले के पिछड़ी/अतिपिछड़ी जाति के 60 विद्यार्थियों को निःशुल्क प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराई जाती है. उन्होंने कहा कि इसमें 60 फीसदी अतिपिछड़ी जाति के व समान अनुपात में 40 फीसदी छात्र पिछड़ी जाति के चयनित होंगे. लिहाजा चयनित छात्रों की माह के अंत तक काउंसलिंग कर इनके पसंद के मुताबिक बीपीएससी, रेलवे, एसएससी और अन्य दूसरे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'क्या कहते हैं केंद्र निदेशक'
केंद्र निदेशक बीएल विश्वास ने बताया कि इस परीक्षा का असल मकसद पिछड़े/अतिपिछड़े जाति के आर्थिक तौर पर कमजोर विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराकर समाज की मुख्यत धारा से जोड़ना है. जिसके तहत विशेष वर्ग संचालन के लिए विषय अनुरूप प्रोफेसरों की एक विशेष टीम बनाई गई है. उन्होंने बताया कि इस इस विशेष परीक्षा के तहत पूर्णिया कॉलेज बैच से निकले कुल 40 फीसद विद्यार्थियों ने अपनी कामयाबी का परचम लहराया था. वहीं, अब तक 314 स्टूडेंट्स यहां परीक्षण ले चुके हैं.

पूर्णियाः सूबे के पिछड़े/अतिपिछड़ों तबके को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने अनूठी पहल की शुरुआत की है. जिसके तहत अब आर्थिक रूप से कमजोर पिछड़े और अतिपिछड़े तबके के छात्र बगैर किसी शुल्क के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे. लिहाजा सरकार संचालित प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र की ओर से पूर्णिया कॉलेज में आज लिखित परीक्षा आयोजित की गई. जहां 60 सीटों के लिए सैकड़ों स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए.

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परीक्षार्तियों की लीस्ट

'क्या है प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र'
प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र सरकार सरकार की ओर से संचालित विशिष्ट शिक्षण इकाई है. जिसके तहत सूबे के आर्थिक रूप से कमजोर पिछड़े /अतिपिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है. यह विशेष सुविधा सूबे के तकरीबन सभी जिले के तमाम मॉडल कॉलेजों में बीते 3 सालों से दी जा रही है. गौर करने वाली बात यह है कि ज्यादातर छात्र को सरकार की इस विशेष योजना की जानकारी नहीं है. जिसके अभाव में वह सरकार की इस विशेष योजना का लाभ नहीं ले पाते हैं. प्रशिक्षण केंद्र का असल मकसद आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से वंचित बच्चों को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है.

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परीक्षार्ती

'कौन दे सकता है परीक्षा'
पूर्णिया विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर व प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंन्द्र के शिक्षक नवनीत कुमार बताते हैं कि इसके तहत इंटरमीडिएट व ग्रेजुएट लेवल की परीक्षा आयोजित की जाती है. उन्होंने बताया कि इंटर पास स्टूडेंट्स 60 सीटों के लिए 1 घंटे की लिखित परीक्षा में बैठते हैं. उन्होंने बताया कि प्रश्नपुस्तिका में वैसे प्रश्न चयनित किए जाते हैं जिन्हें किसी प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछा गया हो. आयोजित परीक्षा में छात्रों को जनरल साइंस ,जनरल नॉलेज ,गणित ,इतिहास विषय के कुल 100 प्रश्नों का जवाब देना होता है. इनमें से चयनित स्टूडेंट्स की काउंसलिंग कराई जाती है. चयनित छात्रों में यह तय होता है कि किन बच्चों को एसएससी, रेलवे, पुलिस सेवा, नेवी, बैंकिंग जैसे अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करनी है.

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प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र में परीक्षा देते छात्र

'कौन है बीपीएससी के योग्य'
प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र में बीपीएससी की लिखित परीक्षा भी आयोजित कि जाती है. जिसमें चयनित बच्चे कुशल बीपीएससी की तैयारी करते है. खास बात यह है कि बीपीएससी के पीटी में अपना परचम लहराने वाले छात्र को 50 हजार रुपये मेंस की तैयारी के लिए दी जाती है. वहीं शिक्षकों का चयन भी साक्षात्कार के जरिये होता है.

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प्राक परीक्षा केंद्र सहायक श्री निवास गौतम

आगे बढ़ रहे पिछड़े/अतिपिछड़े तबके के छात्र
इस बाबत केंद्र सहायक श्री निवास गौतम ने बताया कि प्राक परीक्षा नाम की इस विशेष परीक्षा के तहत जिले के पिछड़ी/अतिपिछड़ी जाति के 60 विद्यार्थियों को निःशुल्क प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराई जाती है. उन्होंने कहा कि इसमें 60 फीसदी अतिपिछड़ी जाति के व समान अनुपात में 40 फीसदी छात्र पिछड़ी जाति के चयनित होंगे. लिहाजा चयनित छात्रों की माह के अंत तक काउंसलिंग कर इनके पसंद के मुताबिक बीपीएससी, रेलवे, एसएससी और अन्य दूसरे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'क्या कहते हैं केंद्र निदेशक'
केंद्र निदेशक बीएल विश्वास ने बताया कि इस परीक्षा का असल मकसद पिछड़े/अतिपिछड़े जाति के आर्थिक तौर पर कमजोर विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराकर समाज की मुख्यत धारा से जोड़ना है. जिसके तहत विशेष वर्ग संचालन के लिए विषय अनुरूप प्रोफेसरों की एक विशेष टीम बनाई गई है. उन्होंने बताया कि इस इस विशेष परीक्षा के तहत पूर्णिया कॉलेज बैच से निकले कुल 40 फीसद विद्यार्थियों ने अपनी कामयाबी का परचम लहराया था. वहीं, अब तक 314 स्टूडेंट्स यहां परीक्षण ले चुके हैं.

Intro:आकाश कुमार (पूर्णिया) special story सूबे के पिछड़े/अतिपिछड़ों तबके को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने अनूठी पहल की शुरुआत की है। जिसके तहत अब आर्थिक रूप से कमजोर पिछड़े व अतिपिछड़े तबके के स्टूडेंट्स बगैर किसी शुल्क के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे। लिहाजा सरकार संचालित प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र की ओर से पूर्णिया कॉलेज में आज लिखित परीक्षा आयोजित की गई। जहां 60 सीटों के लिए सैकड़ों स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल हुए।


Body:जानें क्या है प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र.... प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र सरकार सरकार की ओर से संचालित वह विशिष्ट शिक्षण इकाई है। जिसके तहत सूबे के आर्थिक रूप से कमजोर पिछड़े /अतिपिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। सरकार संचालित प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र की यह विशेष सुविधा सूबे के तकरीबन सभी जिले के तमाम मॉडल कॉलेजों में बीते 3 सालों से दी जा रही है। मगर ज्यादातर स्टूडेंट्स को सरकार की इस विशेष योजना की जानकारी नहीं होती। और वे सरकार की इस विशेष योजना का लाभ नहीं ले पाते। जानें कौन दे सकता है एग्जाम.... पूर्णिया विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर व प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केन्द्र के शिक्षक नवनीत कुमार बताते हैं इसके तहत इंटरमीडिएट व ग्रेजुएट लेवल की परीक्षा आयोजित की जाती है। इंटर पास स्टूडेंट्स 60 सीटों के लिए 1 घण्टें की एक लिखित परीक्षा में बैठते हैं। ईसमें वैसे प्रश्न चयनित किए जाते हैं जिन्हें प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछा गया हो। इसके तहत बच्चों को जेनरल साइंस ,जेनरल नॉलेज ,गणित ,इतिहास विषय के कुल 100 प्रश्नों का जवाब देना होता है। इनमें से चयनित स्टूडेंट्स की काउंसलिंग कराई जाती है और यह तय होता है कि किन बच्चों को एसएससी, रेलवे ,पुलिस सेवा, नेवी ,बैंकिंग जैसे अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करनी है। कौन है बीपीएससी के योग्य... वहीं इसी तरह ग्रेजुएट लेवल के छात्रों के लिए 60 सीटों की बीपीएससी की लिखित परीक्षा आयोजित की जाती है। जिसके तहत चयनित बच्चे कुशल शिक्षकों दवाई बीपीएससी की तैयारी करते हैं। वहीं खास बात यह है कि बीपीएससी के पीटी में अपना परचम लहराने वाले छात्र को इसके तहत 50 हजार रुपये मेंस की तैयारी के लिए दी जाती है। वहीं शिक्षकों का चयन भी साक्षात्कार के जरिये होता है। पिछड़े /अतिपिछडों को मिलेगा प्लेटफार्म... लिहाजा इसी के तहत पूर्णिया कॉलेज में आज एक विशेष परीक्षा का आयोजन किया गया। एक घण्टें की इस परीक्षा में जिले भर के सैकड़ों पिछड़े/अतिपिछड़े जाति के बच्चों ने हिस्सा लिया। वहीं इसका असल मकसद आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से वंचित रहने वाले बच्चों को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है। आगे बढ़ रहे पिछड़े/अतिपिछड़े तबके के छात्र.... इस बाबत केंद्र सहायक श्री निवास गौतम ने बताया कि प्राक परीक्षा नाम की इस विशेष परीक्षा के तहत जिले के पिछड़ी/अतिपिछड़ी जाति के 60 विद्यार्थियों को निःशुल्क प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराई जानी है। इनमें 60 फीसदी अतिपिछड़ी जाति के व समान अनुपात में 40 फीसदी छात्र पिछड़ी जाति के चयनित होंगें लिहाजा चयनित छात्रों की माह के अंत तक काउंसलिंग कर इनके चॉइस के मुताबिक बीपीएससी , रेलवे , एसएससी व अन्य दूसरे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी। क्या कहते हैं केंद्र निदेशक.... वहीं केंद्र निदेशक बीएल विश्वास ने बताया कि इस परीक्षा का असल मकसद पिछड़े/अतिपिछड़े जाति के आर्थिक तौर पर कमजोर विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराकर समाज की मुख्यत धारा से जोड़ना है। जिसके तहत विशेष वर्ग संचालन के लिए विषय अनुरूप प्रोफेसरों की एक विशेष टीम बनाई गई है। अब तक 30 फीसदी छात्र लहरा चुके हैं परचम... आपको बता दें कि पिछले तीन वर्षों में इस विशेष परीक्षा के तहत पूर्णिया कॉलेज बैच से निकले कुल 40 फीसद विद्यार्थियों ने अपनी कामयाबी का परचम लहराया था। वहीं अब तक 314 स्टूडेंट्स यहां परीक्षण ले चुके हैं।


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