नई दिल्ली/पटना: केंद्रीय पशुपालन मत्स्य पालन सह डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने गुरुवार को एनिमल हसबेंडरी डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर फंड और उससे जुड़े गाइडलाइन को लांच किया. मौके पर उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत भी की. उन्होंने कहा कि इसका मुख्य मकसद डेयरी, मांस प्रसंस्करण और पशु चारा संयंत्रों में निजी कारोबारियों और एमएसएमई के निवेश को प्रोत्साहित करना है. इससे 50 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. बता दें एनिमल हसबेंडरी डेवलपमेंट फंड के लिए 15 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है.
'आत्मनिर्भर भारत पैकेज का हिस्सा'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया था, यह उसी पैकेज का एक हिस्सा है. इससे दूध उत्पादन को बढ़ाने और निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगा.
उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है की पोल्ट्री, डेयरी और मांस प्रसंस्करण के बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए निजी कारोबारियों को 3% तक ब्याज सहायता दी जा रही है. इसका रीपेमेंट पीरियड 8 वर्षों का होगा, जिसमें 2 साल का मोनोटोरियम पीरियड भी होगा. एनिमल हसबेंडरी इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के बारे में उन्होंने बताया कि इससे मिल्क और मीट प्रोसेसिंग कैपेसिटी को बढ़ावा दिया जाएगा.
'मिल्क और मीट सेक्टर में एक्सपोर्ट को बढ़ावा'
गिरिराज सिंह ने बताया कि अन-ऑर्गेनाइज्ड ग्रामीण मिल्क और मीट क्षेत्र को ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर से जोड़ा जाएगा. मिल्क और मीट सेक्टर में एक्सपोर्ट को बढ़ावा दिया जाएगा. इससे देश की जनसंख्या के अनुसार मल्टीपल एनिमल हसबेंडरी प्रोडक्ट की उपलब्धता बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि डेयरी प्रोसेसिंग, वैल्यू ऐडेड प्रोडक्ट्स, मिल्क पाउडर, चीज इत्यादि जैसे सेक्टर को प्रोत्साहन दिया जाएगा.
'मछली पालन को भी दिया जाएगा बढ़ावा'
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आने वाले समय में मत्स्य के क्षेत्र में 50000 करोड़ का निवेश किया जाएगा. इसके अलावा राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा पंजाब के नमकीन पानी में निर्यात के लिए मछली पालन को बढ़ावा दिया जाएगा. इन क्षेत्रों में 2.25 लाख हेक्टेयर में खारा पानी है. जहां तेलपिया, सिबास जैसे मछलियों के पालन को बढ़ावा दिया जाएगा.