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पूर्णिया: किसान दिवस के रूप में मनाई गई पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती

पूर्णिया में किसान दिवस मनाया गया. इस अवसर पर किसान समन्वय समिति की ओर से आयोजित जयंती कार्यक्रम में राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के दर्जनों किसान मौजूद रहे. वहीं, किसान कानून का पूरजोर विरोध किया.

Purnia
किसान दिवस पर बोले
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Published : Dec 24, 2020, 3:48 AM IST

Updated : Dec 24, 2020, 5:49 AM IST

पूर्णिया: नगर के लाइन बाजार स्थित रेणु बाल उद्यान में बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती किसान दिवस के रूप में मनाई गई. इस दौरान किसान समन्वय समिति की ओर से आयोजित जयंती कार्यक्रम में राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के दर्जनों किसान मौजूद रहे. उन्होंने कृषि कानून के विरोध में धरना भी दिया.

Purnia
किसान दिवस

राजनीति को दी नई बुलंदी...
इस बाबत कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर आलोक यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ था. 1937 में पहली बार धारा सभा के प्रतिनिधि चुने गए. उत्तर प्रदेश में पहली बार मंत्री के रूप में क्रांतिकारी कदम उठाते हुए 1 जुलाई 1952 को जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार बिल पारित कराया और जोतदारों को जमीन का मालिक बना दिया. 1967 में पहली बार कांग्रेस से बाहर होकर मुख्यमंत्री बने. मुख्यमंत्री के रूप में कृषि उपज बढ़ाने के लिए चकबंदी कानून पारित कराया.1977 में जनता पार्टी की सरकार के गठन में प्रमुख भूमिका निभाई.

बतौर वित्तमंत्री भी देश की मजबूती में अहम योगदान...
कार्यक्रम का संचालन कर रहे नियाज अहमद ने कहा कि चौधरी चरण सिंह गृहमंत्री और वित्त मंत्री के रूप में पिछड़े वर्ग के लिए मंडल कमीशन का गठन किया. किसानों के लिए कृषि विकास बैंक की स्थापना की. देश के ऐसे एकमात्र नेता थे जिनकी समावेशी आर्थिक विचारधारा थी.

देखें रिपोर्ट

सांसद और विधायक के घर का होगा घेराव...
वहीं किसान नेता अनिरुद्ध मेहता ने कहा कि कृषि कानून वापस नहीं लिया गया तो अगले महीने से सांसद और विधायक के आवास का घेराव किया जाएगा.

पूर्णिया: नगर के लाइन बाजार स्थित रेणु बाल उद्यान में बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती किसान दिवस के रूप में मनाई गई. इस दौरान किसान समन्वय समिति की ओर से आयोजित जयंती कार्यक्रम में राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के दर्जनों किसान मौजूद रहे. उन्होंने कृषि कानून के विरोध में धरना भी दिया.

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किसान दिवस

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इस बाबत कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर आलोक यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ था. 1937 में पहली बार धारा सभा के प्रतिनिधि चुने गए. उत्तर प्रदेश में पहली बार मंत्री के रूप में क्रांतिकारी कदम उठाते हुए 1 जुलाई 1952 को जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार बिल पारित कराया और जोतदारों को जमीन का मालिक बना दिया. 1967 में पहली बार कांग्रेस से बाहर होकर मुख्यमंत्री बने. मुख्यमंत्री के रूप में कृषि उपज बढ़ाने के लिए चकबंदी कानून पारित कराया.1977 में जनता पार्टी की सरकार के गठन में प्रमुख भूमिका निभाई.

बतौर वित्तमंत्री भी देश की मजबूती में अहम योगदान...
कार्यक्रम का संचालन कर रहे नियाज अहमद ने कहा कि चौधरी चरण सिंह गृहमंत्री और वित्त मंत्री के रूप में पिछड़े वर्ग के लिए मंडल कमीशन का गठन किया. किसानों के लिए कृषि विकास बैंक की स्थापना की. देश के ऐसे एकमात्र नेता थे जिनकी समावेशी आर्थिक विचारधारा थी.

देखें रिपोर्ट

सांसद और विधायक के घर का होगा घेराव...
वहीं किसान नेता अनिरुद्ध मेहता ने कहा कि कृषि कानून वापस नहीं लिया गया तो अगले महीने से सांसद और विधायक के आवास का घेराव किया जाएगा.

Last Updated : Dec 24, 2020, 5:49 AM IST
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