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मतदाता सूची बिहार में भी बनेगा मुद्दा, चौंकाने वाले हैं आकड़े, पूरी क्रोनोलॉजी समझिए - VOTERS NAMES ADDED IN BIHAR

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची पर सियासत शुरू हो गई है. मतदाता सूची में नाम काटने और जोड़ने पर सवाल उठने लगे हैं.

VOTERS NAMES ADDED IN BIHAR
मतदाता सूची बिहार में भी बनेगा मुद्दा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 17, 2025, 8:39 PM IST

पटना : पिछले दिनों महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव से पहले वहां मतदाता सूची में नए वोटर नाम जोड़ने को लेकर राजनीतिक दलों ने सवाल उठाया था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी निर्वाचन आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए महाराष्ट्र में अचानक मतदाता सूची में हुई बढ़ोतरी को मुद्दा बनाते रहे. 18 जनवरी को पटना में हुए कार्यक्रम में भी राहुल गांधी ने मतदाता सूची में नाम जोड़े जाने को लेकर निर्वाचन आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाया था.

मतदाता सूची में नाम कटने-जुड़ने पर उठे सवाल : अब अक्टूबर-नवंबर में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. विधानसभा चुनाव से पहले राज्य निर्वाचन आयोग चार चरणों में मतदाता सूची की समीक्षा का ऐलान कर दिया है. जनवरी महीने में निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची में 7,94,466 नए मतदाताओं का नाम जोड़ा गया है, और 4,09,434 मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से हटाया गया है. उस पर सियासत शुरू हो गई है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (Etv Bharat)

RJD का निर्वाचन आयोग को सलाह : आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने मतदाता सूची से नाम हटाए जाने को लेकर निर्वाचन आयोग पर सवाल खड़े किए. आरजेडी प्रवक्ता का कहना है कि राजद के स्थानीय नेता एवं पदाधिकारी इन बातों पर नजर रखे हुए हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और दिल्ली वाली स्थिति बिहार में ना हो. महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली के चुनाव हमने देखा है कि एक पार्टी के प्रभाव में एक वर्ग के नाम को मतदाता सूची से हटा दिया गया.

''कई जगहों पर यह भी देखा गया कि वोटर की जानकारी के बिना उनका क्षेत्र बदलकर दूसरा क्षेत्र कर दिया गया. मतदाताओं को उसकी जानकारी नहीं दी गई. यदि किसी भी मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाया जाता है तो उसकी एक प्रक्रिया होती है, BLO इस काम को देखते हैं और पार्टी के तरफ से भी BLO होता है. दोनों में समन्वय की स्थिति है या नहीं है यह देखना होगा.''- एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (Etv Bharat)

'नाम दर्ज करना और हटाना सामान्य प्रक्रिया' : वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय का मानना है कि चुनाव से पूर्व चाहे वह लोकसभा का हो या विधानसभा का केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश पर राज्य चुनाव आयोग अपने मतदाता लिस्ट का अपग्रेडेशन करता है. समीक्षा के दौरान नए मतदाता को सूची में शामिल किया जाता है एवं जिन मतदाताओं का नाम दो जगह हो या जिनकी मृत्यु हो गई हो उनका नाम मतदाता सूची से हटाया जाता है.

''राजनीतिक पार्टी यदि यह कह रही है कि यह अपडेटेड नहीं है, उसपर बात हो सकती है. संविधान के नियम के अनुसार 18 वर्ष पूरा होने के बाद वह मताधिकार देने के योग्य हो जाते हैं. इसीलिए निर्वाचन आयोग समय-समय पर मतदाता सूची को अपडेट करता रहता है. जिन मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में जोड़ा जा रहा है, वह किसी राजनीतिक दल को वोट देंगे वह कैसे पता चलेगा.''- सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार

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ईटीवी भारत GFX. (Etv Bharat)

'RJD के लोग क्यों सोए हुए हैं' ? : राजद द्वारा मतदाता सूची से नाम हटाने को लेकर सवाल उठाने पर बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा का कहना है कि राजद के नेताओं को सभी जानकारी इकट्ठा लेने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए. किसी भी मतदाता का नाम छुटा होगा या नए मतदाताओं का नाम निर्वाचन आयोग समय-समय पर जोड़ती रहती है. राजद के लोग क्यों सोए हुए हैं उनको भी पता करना चाहिए कि अपने लोगों का नाम मतदाता सूची में दर्ज करवाये.

''जहां तक मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम विलोपित होने की है तो इसके पीछे भी कई कारण होते हैं. किसी मतदाता का नाम यदि दो जगह पर होता है, कोई गांव छोड़कर यदि शहर में शिफ्ट कर जाता है, तो इन स्थिति में किसी एक जगह से मतदाता सूची से उनका नाम विलोपित किया जाता है.''- विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता

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ईटीवी भारत GFX. (Etv Bharat)

'जनता पर विश्वास नहीं': बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने राजद पर आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव एवं उनकी पार्टी के लोगों को अब आम जनता पर भरोसा नहीं रह गया है. इसलिए वह अनर्गल आरोप लगाना शुरू कर दिए हैं. अगर मतदाता सूची में किसी का नाम दर्ज होता है तो मतदाता अपने इच्छा से मतदान करते हैं.

''बिहार में नीतीश कुमार के कामों को देखते हुए एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जिस तरीके से बिहार में विकास हो रहा है उसे जनता हमारे साथ है. नए लोगों को मतदाता सूची में नाम दर्ज और करवाने के लिए राजद को भी सहयोग करना चाहिए, ताकि जिन लोगों का नाम निर्वाचन सूची में नहीं है उसका नाम शामिल हो सके.''- विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता

अब आइये आपको बताते हैं कि आखिर बवाल क्यों मचा है? दरअसल, राज्य निर्वाचन आयोग ने जनवरी महीने में बिहार में मतदाता सूची जारी किया है. राज्य निर्वाचन आयोग ने 13 जिलों में 10000 से अधिक मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाया. सबसे ज्यादा भागलपुर से 37957, दरभंगा से 28669, पटना से 24342, समस्तीपुर से 21283, नवादा से 15456, सिवान से 14332, मुजफ्फरपुर से 13723, बक्सर से 13793, पूर्वी चंपारण से 12949, कटिहार से 12048, मधेपुरा से 11506, सारण से 11369 एवं बेगूसराय से 10119 मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से विलोपित किया गया है.

नेताओं और वरिष्ठ पत्रकार की प्रतिक्रिया (Etv Bharat)

मतदाता सूची की तैयारी : बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में पंजीकरण के लिए चार फेज में समय का निर्धारण किया है. पंजीकरण के लिए जो तिथि निर्धारित की गई है, उसमें 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर है. इस कैलेंडर वर्ष में इन चार तिथियां को नाम दर्ज करने के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा कोई भी व्यक्ति निर्वाचन सूची में परिवर्तन विलोपन एवं संशोधन हेतु आवेदन कर सकते हैं.

Bihar Assembly Election
बिहार निर्वाचन आयोग का दफ्तर (Etv Bharat)

आवेदन का विकल्प : मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यम से किया जा सकता है. ऑनलाइन अप्लाई के लिए वोटर हेल्पलाइन एप या voters.eci.gov.in पर लॉगिन कर आवेदन किया जा सकता है. ऑफलाइन आवेदन करने के लिए प्रखंड अनुमंडल अथवा जिला निर्वाचन कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है अथवा मतदाता हेल्पलाइन 1950 पर कॉल करके भी जानकारी ली जा सकती है.

निर्वाचन आयोग ने इसी वर्ष बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. मतदाताओं की सूची की तैयारी निर्वाचन आयोग के द्वारा की जा रही है. केंद्रीय निर्वाचन आयोग की टीम भी होली के बाद बिहार दौरे पर आ रही है. जो राज्य निर्वाचन आयोग की कार्य की समीक्षा करेगी.

इसी साल होना है विधानसभा चुनाव : बिहार विधानसभा का चुनाव इसी साल नवंबर से पहले हो जाना है. विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन अभी से चुनाव की तैयारी में जुट गया है. इस बार बिहार विधानसभा का चुनाव इसलिए दिलचस्प होने वाला है क्योंकि एनडीए में पहली बार पांच राजनीतिक दल बीजेपी, जेडीयू, लोजपा-आर, हम और राष्ट्रीय लोक मोर्चा मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं इंडिया गठबंधन में राजद कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई- एमएल, VIP शामिल है. 243 सीटों वाले बिहार विधानसभा 122 सीटों पर बहुमत मिलती है. इसीलिए दोनों गठबंधन इस बार पूरी ऐरी चोटी का जोर लगाए हुए हैं.

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पटना : पिछले दिनों महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव से पहले वहां मतदाता सूची में नए वोटर नाम जोड़ने को लेकर राजनीतिक दलों ने सवाल उठाया था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी निर्वाचन आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए महाराष्ट्र में अचानक मतदाता सूची में हुई बढ़ोतरी को मुद्दा बनाते रहे. 18 जनवरी को पटना में हुए कार्यक्रम में भी राहुल गांधी ने मतदाता सूची में नाम जोड़े जाने को लेकर निर्वाचन आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाया था.

मतदाता सूची में नाम कटने-जुड़ने पर उठे सवाल : अब अक्टूबर-नवंबर में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. विधानसभा चुनाव से पहले राज्य निर्वाचन आयोग चार चरणों में मतदाता सूची की समीक्षा का ऐलान कर दिया है. जनवरी महीने में निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची में 7,94,466 नए मतदाताओं का नाम जोड़ा गया है, और 4,09,434 मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से हटाया गया है. उस पर सियासत शुरू हो गई है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (Etv Bharat)

RJD का निर्वाचन आयोग को सलाह : आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने मतदाता सूची से नाम हटाए जाने को लेकर निर्वाचन आयोग पर सवाल खड़े किए. आरजेडी प्रवक्ता का कहना है कि राजद के स्थानीय नेता एवं पदाधिकारी इन बातों पर नजर रखे हुए हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और दिल्ली वाली स्थिति बिहार में ना हो. महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली के चुनाव हमने देखा है कि एक पार्टी के प्रभाव में एक वर्ग के नाम को मतदाता सूची से हटा दिया गया.

''कई जगहों पर यह भी देखा गया कि वोटर की जानकारी के बिना उनका क्षेत्र बदलकर दूसरा क्षेत्र कर दिया गया. मतदाताओं को उसकी जानकारी नहीं दी गई. यदि किसी भी मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाया जाता है तो उसकी एक प्रक्रिया होती है, BLO इस काम को देखते हैं और पार्टी के तरफ से भी BLO होता है. दोनों में समन्वय की स्थिति है या नहीं है यह देखना होगा.''- एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (Etv Bharat)

'नाम दर्ज करना और हटाना सामान्य प्रक्रिया' : वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय का मानना है कि चुनाव से पूर्व चाहे वह लोकसभा का हो या विधानसभा का केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश पर राज्य चुनाव आयोग अपने मतदाता लिस्ट का अपग्रेडेशन करता है. समीक्षा के दौरान नए मतदाता को सूची में शामिल किया जाता है एवं जिन मतदाताओं का नाम दो जगह हो या जिनकी मृत्यु हो गई हो उनका नाम मतदाता सूची से हटाया जाता है.

''राजनीतिक पार्टी यदि यह कह रही है कि यह अपडेटेड नहीं है, उसपर बात हो सकती है. संविधान के नियम के अनुसार 18 वर्ष पूरा होने के बाद वह मताधिकार देने के योग्य हो जाते हैं. इसीलिए निर्वाचन आयोग समय-समय पर मतदाता सूची को अपडेट करता रहता है. जिन मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में जोड़ा जा रहा है, वह किसी राजनीतिक दल को वोट देंगे वह कैसे पता चलेगा.''- सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (Etv Bharat)

'RJD के लोग क्यों सोए हुए हैं' ? : राजद द्वारा मतदाता सूची से नाम हटाने को लेकर सवाल उठाने पर बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा का कहना है कि राजद के नेताओं को सभी जानकारी इकट्ठा लेने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए. किसी भी मतदाता का नाम छुटा होगा या नए मतदाताओं का नाम निर्वाचन आयोग समय-समय पर जोड़ती रहती है. राजद के लोग क्यों सोए हुए हैं उनको भी पता करना चाहिए कि अपने लोगों का नाम मतदाता सूची में दर्ज करवाये.

''जहां तक मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम विलोपित होने की है तो इसके पीछे भी कई कारण होते हैं. किसी मतदाता का नाम यदि दो जगह पर होता है, कोई गांव छोड़कर यदि शहर में शिफ्ट कर जाता है, तो इन स्थिति में किसी एक जगह से मतदाता सूची से उनका नाम विलोपित किया जाता है.''- विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता

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'जनता पर विश्वास नहीं': बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने राजद पर आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव एवं उनकी पार्टी के लोगों को अब आम जनता पर भरोसा नहीं रह गया है. इसलिए वह अनर्गल आरोप लगाना शुरू कर दिए हैं. अगर मतदाता सूची में किसी का नाम दर्ज होता है तो मतदाता अपने इच्छा से मतदान करते हैं.

''बिहार में नीतीश कुमार के कामों को देखते हुए एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जिस तरीके से बिहार में विकास हो रहा है उसे जनता हमारे साथ है. नए लोगों को मतदाता सूची में नाम दर्ज और करवाने के लिए राजद को भी सहयोग करना चाहिए, ताकि जिन लोगों का नाम निर्वाचन सूची में नहीं है उसका नाम शामिल हो सके.''- विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता

अब आइये आपको बताते हैं कि आखिर बवाल क्यों मचा है? दरअसल, राज्य निर्वाचन आयोग ने जनवरी महीने में बिहार में मतदाता सूची जारी किया है. राज्य निर्वाचन आयोग ने 13 जिलों में 10000 से अधिक मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाया. सबसे ज्यादा भागलपुर से 37957, दरभंगा से 28669, पटना से 24342, समस्तीपुर से 21283, नवादा से 15456, सिवान से 14332, मुजफ्फरपुर से 13723, बक्सर से 13793, पूर्वी चंपारण से 12949, कटिहार से 12048, मधेपुरा से 11506, सारण से 11369 एवं बेगूसराय से 10119 मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से विलोपित किया गया है.

नेताओं और वरिष्ठ पत्रकार की प्रतिक्रिया (Etv Bharat)

मतदाता सूची की तैयारी : बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में पंजीकरण के लिए चार फेज में समय का निर्धारण किया है. पंजीकरण के लिए जो तिथि निर्धारित की गई है, उसमें 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर है. इस कैलेंडर वर्ष में इन चार तिथियां को नाम दर्ज करने के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा कोई भी व्यक्ति निर्वाचन सूची में परिवर्तन विलोपन एवं संशोधन हेतु आवेदन कर सकते हैं.

Bihar Assembly Election
बिहार निर्वाचन आयोग का दफ्तर (Etv Bharat)

आवेदन का विकल्प : मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यम से किया जा सकता है. ऑनलाइन अप्लाई के लिए वोटर हेल्पलाइन एप या voters.eci.gov.in पर लॉगिन कर आवेदन किया जा सकता है. ऑफलाइन आवेदन करने के लिए प्रखंड अनुमंडल अथवा जिला निर्वाचन कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है अथवा मतदाता हेल्पलाइन 1950 पर कॉल करके भी जानकारी ली जा सकती है.

निर्वाचन आयोग ने इसी वर्ष बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. मतदाताओं की सूची की तैयारी निर्वाचन आयोग के द्वारा की जा रही है. केंद्रीय निर्वाचन आयोग की टीम भी होली के बाद बिहार दौरे पर आ रही है. जो राज्य निर्वाचन आयोग की कार्य की समीक्षा करेगी.

इसी साल होना है विधानसभा चुनाव : बिहार विधानसभा का चुनाव इसी साल नवंबर से पहले हो जाना है. विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन अभी से चुनाव की तैयारी में जुट गया है. इस बार बिहार विधानसभा का चुनाव इसलिए दिलचस्प होने वाला है क्योंकि एनडीए में पहली बार पांच राजनीतिक दल बीजेपी, जेडीयू, लोजपा-आर, हम और राष्ट्रीय लोक मोर्चा मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं इंडिया गठबंधन में राजद कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई- एमएल, VIP शामिल है. 243 सीटों वाले बिहार विधानसभा 122 सीटों पर बहुमत मिलती है. इसीलिए दोनों गठबंधन इस बार पूरी ऐरी चोटी का जोर लगाए हुए हैं.

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