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बिहार में है देश का पहला ऐसा सरकारी दफ्तर, जहां अधिकारी और कर्मचारी एक साथ करते हैं योग - देश का पहला ऐसा सरकारी दफ्तर

बिहार के एक सरकारी कार्यालय में सरकारी काम काज के बीच अधिकारी और कर्मचारी योग करते हैं. ये सुन आपको भले ही आश्चर्य हो रहा हो. लेकिन इनकी इस पहल की सराहना हो रही है क्योंकि इनका मानना है कि योग हमारी संस्कृति है और इससे शरीर भी फिट रहता है. देखिए ईटीवी भारत की रिपोर्ट

योग दिवस
योग दिवस
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Published : Jan 21, 2020, 3:00 PM IST

Updated : Jan 22, 2020, 9:32 AM IST

पूर्णिया: भारत को योग की जन्मभूमि माना जाता है. यहां योग की परंपरा उतनी ही पुरानी है, जितनी कि भारतीय संस्कृति. इसके चलते विश्वभर में 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है, जिसकी शुरूआत पीएम मोदी ने की थी. अब आप सोच रहे होंगे कि योग दिवस तो 21 जून को है. ऐसे में हम 21 जनवरी को ये बात क्यों कर रहे हैं. दरअसल, बिहार के पूर्णिया में एक सरकारी कार्यालय ऐसा है, जहां अधिकारी और कर्मचारी अपने काम के बीच में योग करते दिखाई देते हैं.

सरकारी कार्यालय में सरकारी कामों के बीच योग, ये बात सुनकर भले ही आपको आश्चर्य हो रहा हो. लेकिन ये बात सच है. जिले के विद्युत विभाग के दफ्तर में अधिकारी और कर्मचारी अपने को फिट रखने के लिए काम के बीच में योग कर रहे हैं. ऐसा नहीं कि यह सिर्फ सप्ताह में किसी एक दिन योगाभ्यास के लिए इकट्ठा होते हैं. यहां योग करना पदस्थापित अधिकारियों और कर्मचारियों के रोजमर्रा के कामों में शामिल है.

पूर्णिया से आकाश की रिपोर्ट

दो टाइम करते हैं योग
एनबीपीडीसीएल के अधीक्षण अभियंता ई सीताराम पासवान बताते हैं कि जिले के बिजली महकमे में शुरू की गई इस अनूठी पहल का श्रेय मुख्य रूप से ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव व बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के मुख्य निदेशक प्रत्यय अमृत को जाता है. जिसके बाद विभाग की ओर से 5 मिनट का योग से जुड़ा एक वीडियो रिलीज किया गया. इसे देखकर निर्धारित समय पर विभाग के सभी सदस्य 5 मिनट तक ये योगाभ्यास करते हैं. सीताराम कहते हैं कि इस तरह हमारा महकमा देश का ऐसा पहला सरकारी दफ्तर है, जहां काम के साथ ही दफ्तर का स्टॉफ रोजाना योगाभ्यास करते हैं. वहीं फिट और निरोग रखने में यह योगाभ्यास खासा फायदेमंद साबित हो रहा है.

योग करते कर्मचारी
योग करते कर्मचारी

'योग गुरु महर्षि मेंही की जन्मभूमि है बिहार'
वहीं विभाग के कार्यपालक अभियंता नटवर लाल गुप्ता कहते हैं कि पहले यह थोड़ा कठिन था. लेकिन अब इन्हें इनकी आदत हो गयी है और दिमाग में एक रिमाइंडर सेट हो चुका है. यही वजह है कि सभी कर्मचारी तय समय से कॉमन हॉल में रोजाना होने वाले योगाभ्यास के लिए जुटते हैं. विभाग का पूरा स्टाफ रोजाना ऑफिस टाइम के बाद दोपहर 11:30 बजे और दोपहर के लांच के बाद 4 बजे नियमित तौर पर योगाभ्यास करता है. उन्होंने कहा कि पूर्णिया प्रारंभ से ही योगभूमि रही. इसका जीवंत प्रमाण महान योग गुरु महर्षि मेंही का इस पावन माटी पर जन्म लेना है. लिहाजा, महर्षि मेंही की इस परंपरा को हम और हमारा विभाग आगे बढ़ा रहा है.

सभी लेते हैं भाग
सभी लेते हैं भाग

क्या बोले सहकर्मी
विभाग में पदास्थापित इंजीनियर स्नेह संगम और विशाला ने कहा, योग करने के फायदे दिख रहे हैं. इससे काफी एनर्जी मिल रही है. थकावट दूर हो जाती है. काम का प्रेशर (वर्क लोड) दूर रहता है स्नेह कहती है कि अगर शरीर फिट नहीं होगा, तो आप कोई काम नहीं कर सकते. कार्यालय में जब योग शुरु हुआ तो समझ नहीं आता था कि कैसे करेंगे. लेकिन अब इसे शेड्यूल के अनुसार कर रहे हैं. वहीं विशाला ने बताया कि भले ही ये 5 मिनट का योग है लेकिन इससे एनर्जी मिल रही है. उन्होंने कहा कि इससे हम अपनी संस्कृति से भी जुड़ रहे हैं.

स्वच्छता का संदेश देता है ये विद्युत विभाग
स्वच्छता का संदेश देता है ये विद्युत विभाग का कार्यालय

स्वच्छता का भी संदेश दे रहा ये विभाग
पूर्णिया विद्युत विभाग के इस कार्यालय में सफाई पर भी जोर दिया गया है. सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है. अधीक्षण अभिसंता कार्यालय के बाहर बहुत ही आकर्षक डस्टबिन बनाया गया है, जिसमें दो बॉक्स बनाए गए हैं. एक बॉक्स में प्लास्टिक कूड़ा और दूसरे में अन्य कूड़ा फेंकने के लिए लिखा हुआ है. कार्यालय की दीवारों पर पर्यावरण बचाने के लिए कई तरह के संदेश लिखे गए हैं. लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए दीवारों पर 'प्लास्टिक हटाओ, पर्यावरण बचाओ', 'हमारी अभिलाषा, पर्यावरण संरक्षण' तथा 'स्वच्छ राष्ट्र बनाना है, हर घर से प्लास्टिक हटाना है' जैसे संदेश अंकित हैं.

पूर्णिया: भारत को योग की जन्मभूमि माना जाता है. यहां योग की परंपरा उतनी ही पुरानी है, जितनी कि भारतीय संस्कृति. इसके चलते विश्वभर में 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है, जिसकी शुरूआत पीएम मोदी ने की थी. अब आप सोच रहे होंगे कि योग दिवस तो 21 जून को है. ऐसे में हम 21 जनवरी को ये बात क्यों कर रहे हैं. दरअसल, बिहार के पूर्णिया में एक सरकारी कार्यालय ऐसा है, जहां अधिकारी और कर्मचारी अपने काम के बीच में योग करते दिखाई देते हैं.

सरकारी कार्यालय में सरकारी कामों के बीच योग, ये बात सुनकर भले ही आपको आश्चर्य हो रहा हो. लेकिन ये बात सच है. जिले के विद्युत विभाग के दफ्तर में अधिकारी और कर्मचारी अपने को फिट रखने के लिए काम के बीच में योग कर रहे हैं. ऐसा नहीं कि यह सिर्फ सप्ताह में किसी एक दिन योगाभ्यास के लिए इकट्ठा होते हैं. यहां योग करना पदस्थापित अधिकारियों और कर्मचारियों के रोजमर्रा के कामों में शामिल है.

पूर्णिया से आकाश की रिपोर्ट

दो टाइम करते हैं योग
एनबीपीडीसीएल के अधीक्षण अभियंता ई सीताराम पासवान बताते हैं कि जिले के बिजली महकमे में शुरू की गई इस अनूठी पहल का श्रेय मुख्य रूप से ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव व बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के मुख्य निदेशक प्रत्यय अमृत को जाता है. जिसके बाद विभाग की ओर से 5 मिनट का योग से जुड़ा एक वीडियो रिलीज किया गया. इसे देखकर निर्धारित समय पर विभाग के सभी सदस्य 5 मिनट तक ये योगाभ्यास करते हैं. सीताराम कहते हैं कि इस तरह हमारा महकमा देश का ऐसा पहला सरकारी दफ्तर है, जहां काम के साथ ही दफ्तर का स्टॉफ रोजाना योगाभ्यास करते हैं. वहीं फिट और निरोग रखने में यह योगाभ्यास खासा फायदेमंद साबित हो रहा है.

योग करते कर्मचारी
योग करते कर्मचारी

'योग गुरु महर्षि मेंही की जन्मभूमि है बिहार'
वहीं विभाग के कार्यपालक अभियंता नटवर लाल गुप्ता कहते हैं कि पहले यह थोड़ा कठिन था. लेकिन अब इन्हें इनकी आदत हो गयी है और दिमाग में एक रिमाइंडर सेट हो चुका है. यही वजह है कि सभी कर्मचारी तय समय से कॉमन हॉल में रोजाना होने वाले योगाभ्यास के लिए जुटते हैं. विभाग का पूरा स्टाफ रोजाना ऑफिस टाइम के बाद दोपहर 11:30 बजे और दोपहर के लांच के बाद 4 बजे नियमित तौर पर योगाभ्यास करता है. उन्होंने कहा कि पूर्णिया प्रारंभ से ही योगभूमि रही. इसका जीवंत प्रमाण महान योग गुरु महर्षि मेंही का इस पावन माटी पर जन्म लेना है. लिहाजा, महर्षि मेंही की इस परंपरा को हम और हमारा विभाग आगे बढ़ा रहा है.

सभी लेते हैं भाग
सभी लेते हैं भाग

क्या बोले सहकर्मी
विभाग में पदास्थापित इंजीनियर स्नेह संगम और विशाला ने कहा, योग करने के फायदे दिख रहे हैं. इससे काफी एनर्जी मिल रही है. थकावट दूर हो जाती है. काम का प्रेशर (वर्क लोड) दूर रहता है स्नेह कहती है कि अगर शरीर फिट नहीं होगा, तो आप कोई काम नहीं कर सकते. कार्यालय में जब योग शुरु हुआ तो समझ नहीं आता था कि कैसे करेंगे. लेकिन अब इसे शेड्यूल के अनुसार कर रहे हैं. वहीं विशाला ने बताया कि भले ही ये 5 मिनट का योग है लेकिन इससे एनर्जी मिल रही है. उन्होंने कहा कि इससे हम अपनी संस्कृति से भी जुड़ रहे हैं.

स्वच्छता का संदेश देता है ये विद्युत विभाग
स्वच्छता का संदेश देता है ये विद्युत विभाग का कार्यालय

स्वच्छता का भी संदेश दे रहा ये विभाग
पूर्णिया विद्युत विभाग के इस कार्यालय में सफाई पर भी जोर दिया गया है. सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है. अधीक्षण अभिसंता कार्यालय के बाहर बहुत ही आकर्षक डस्टबिन बनाया गया है, जिसमें दो बॉक्स बनाए गए हैं. एक बॉक्स में प्लास्टिक कूड़ा और दूसरे में अन्य कूड़ा फेंकने के लिए लिखा हुआ है. कार्यालय की दीवारों पर पर्यावरण बचाने के लिए कई तरह के संदेश लिखे गए हैं. लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए दीवारों पर 'प्लास्टिक हटाओ, पर्यावरण बचाओ', 'हमारी अभिलाषा, पर्यावरण संरक्षण' तथा 'स्वच्छ राष्ट्र बनाना है, हर घर से प्लास्टिक हटाना है' जैसे संदेश अंकित हैं.

Intro:आकाश कुमार (पूर्णिया)
exclusive report।

क्या आपने फाइलों के बोझ के बीच किसी सरकारी दफ्तर में
योग की क्लाश लगते देखी है। दरसअल आपको जानकर भले ही हैरानी हो। मगर बिहार के पूर्णिया जिले में एक ऐसा अनूठा सरकारी दफ्तर है, जहां फ़ाइल और काम के आपाधापी के बीच विभाग के तमाम स्टाफ योगाभ्यास करते हैं। हैरत की बात है कि काम का वार्डन कितना भी क्यों न हो। इस विभाग के अधिकारी और कर्मचारी योगाभ्यास करना नहीं भूलते।



Body:जिले के बिजली विभाग में शुरू हुई योगाभ्यास की अनूठी पहल..


वहीं रोजमर्रा के टेंशन से भरे वर्क लोड के बीच आनंद की अनुभूति कराती यह खबर जिले के बिजली विभाग से आई है। हैरत की बात है कि काम का वार्डन कितना भी क्यों न हो नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड का कोई भी स्टाफ योग करना नहीं भूलता। इसके लिए बजापते विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी विभागीय भवन के कॉमन रूम में जुटते हैं। वहीं काम का वार्डन अधिक अधिक होने पर विभाग के सभी स्टाफ अपने दफ्तर में ही योगाभ्यास करते हैं।


रोजाना दिन में दो बार योग करते हैं दफ्तर के सभी स्टाफ....


वहीं बिजली विभाग की ओर से शुरू की गई योगाभ्यास की पहल इनके रोजमर्रा के कार्यों में शामिल है। जिसे विभाग के सभी सदस्य ऑफिस के खुलने के बाद सुबह 11:30 बजे और दोपहर लंच के बाद शाम 4 बजे 5 मिनट तक करते हैं। वहीं महकमे में कार्यरत स्टाफ की मानें तो हालांकि इस योगाभ्यास की शुरुआत नए साल पर ही हुई है। लिहाजा 6 जनवरी को शुरू हुए योगाभ्यास को करते हुए उन्हें 2 सप्ताह ही गुजरे हैं। मगर दिलचस्प बात यह है कि योगासन के शुरुआती सप्ताह के बाद ही इसके फायदे इन्हें दिखाई देने लगे। योगाभ्यास के बाद मानसिक तनाव से मुक्ति मिलने के साथ ही एक नई ऊर्जा ,स्फूर्ति व स्पंदन का अहसास हो रहा हैं।


योगाभ्यास करने वाला देश का पहला सरकारी दफ्तर....


ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए एनबीपीडीसीएल के अधीक्षण अभियंता ई सीताराम पासवान बताते हैं कि जिले के बिजली महकमे में शुरू किए गए इस अनूठे पहल का श्रेय मुख्य रूप से ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव व बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के मुख्य निदेशक प्रत्यय को जाता है। जिसके बाद विभाग की ओर से 5 मिनट का योग से जुड़ा एक वीडियो रिलीज किया गया। जिसे देखकर निर्धारित समय पर विभाग के सभी सदस्य 5 मिनट तक ये योगाभ्यास करते हैं। ई सीताराम कहते हैं कि इस तरह हमारा महकमा देश का ऐसा पहला सरकारी दफ्तर है, जहां काम के साथ ही दफ्तर के सभी स्टाफ रोजाना योगाभ्यास करते हैं। वहीं फिट और निरोग रखने में यह योगाभ्यास खासा फायदेमंद साबित हो रहा है।




योगगुरु महर्षि मेंही की परंपरा को बढ़ा रहा आगे....


वहीं विभाग के कार्यपालक अभियंता नटवर लाल गुप्ता कहते हैं कि पहले यह थोड़ा कठिन था। मगर अब इन्हें इनकी आदत हो गयी है और दिमाग में एक रिमाइंडर सेट हो चुका है। यही वजह है कि सभी कर्मचारी तय समय से कॉमन हॉल में रोजाना होने वाले योगाभ्यास के लिए जुटते हैं। विभाग के सभी स्टाफ रोजाना ऑफिस टाइम के बाद 11:30 बजे और दोपहर के लांच के बाद 4 बजे नियमित तौर पर योगाभ्यास करते हैं। ये बताते हैं पूर्णिया प्रारंभ से ही योगभूमि रही। इसका जीवंत प्रमाण महान योग गुरु महर्षि मेंहीं का इस पावन माटी पर जन्म लेना है। लिहाजा महर्षि मेंहीं की इस परंपरा को हम और हमारा विभाग आगे बढ़ा रहा है।

1 बाईट- एनबीपीडीसीएल, अधीक्षण अभियंता ई सीताराम पासवान

2बाईट- कार्यपालक अभियंता- नटवर लाल गुप्ता

3 बाईट- स्नेहा संगम जूनियर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर

4 बाईट- विशाला असिस्टेंट इलेक्ट्रिकल इंजीनियर



Conclusion:बहरहाल बिजली विभाग की ओर से शुरू की गई योगाभ्यास की पहल की लोग सराहना करते नहीं तक रहे। एक तरह योगासन जहां वर्क वर्डन से आए मेंटल प्रेशर के लिए रामबाण साबित हो रहा है। वहीं फिट और फाइन रखने में इसकी कोई सानी नहीं। लिहाजा जरूरत है बिजली विभाग की तरह ही देश के दूसरे दफ्तरों में योगासन शुरू करने की।
Last Updated : Jan 22, 2020, 9:32 AM IST
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