पूर्णिया: जिले के रहने वाले फिल्म डायरेक्टर मनीष वात्सल्य की मूवी स्कॉटलैंड ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुई है. 40 इंटरनेशनल अवार्ड अपने नाम कर चुकी मनीष की क्राइम थ्रिलर फिल्म उनकी तीसरी मूवी है. मनीष की इस कामयाबी के बाद जिले भर में उनकी चर्चा हो रही है. आज मनीष ने जिले का ही नहीं प्रदेश का भी मान बढ़ाया है.
'जीना है, तो ठोक डाल' और 'दशहरा' जैसी कामयाब फिल्मों के बाद ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुई 'स्कॉटलैंड' के बारे में बताते हुए मनीष ने ईटीवी भारत से बातचीत की. बांग्लादेश की एक सच्ची कहानी पर आधारित इस फिल्म की कहानी मनीष ने खुद लिखी है. मनीष ने बताया कि कैसे उन्होंने इसकी पटकथा लिखी.
पूर्णिया से मुंबई तक का सफर
पूर्णिया जैसे छोटे से जिले से बड़े पर्दे तक का सफर तय करने वाले जाने-माने फिल्म डायरेक्टर मनीष वात्सल्य 7 साल बाद पूर्णिया पहुंचे. यहां के सिपाही टोला इलाके में ही एक्टर कम डायरेक्टर मनीष वात्सल्य का बचपन गुजरा है. मनीष की पढ़ाई पूर्णिया और दरभंगा से हुई है. हालांकि, बचपन से ही एक्टिंग और राइटिंग में करियर बनाने की चाहत रखने वाले मनीष ने बीच में ही अपनी पढ़ाई रोक दी और साल 2001 में अपना सबकुछ छोड़ मायानगरी मुंबई रवाना हो गए.
आसान नहीं था सफर
बिहार के एक छोटे से शहर से निकलकर मायानगरी मुंबई आना और सितारों की चकाचौंध में अपनी छाप छोड़ने का उनका यह सफर इतना आसान नहीं रहा. छोटे से थियेटर से एक सफल फिल्म डायरेक्टर तक का सफर तय करने में मनीष वात्सल्य को 19 साल लग गए. मनीष को बॉलीवुड में पहला ब्रेक मुंबई आने के ठीक 5 साल बाद 2006 में मिला. उन्होंने कैलाश खेर के एलबम के जरिए बॉलीवुड की दुनिया में अपना पहला कदम रखा. कैलाश का यह एल्बम मनीष के ठहरे करियर का गेम चेंजर साबित हुआ.
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ऐसे लिया फिल्म बनाने का फैसला
फिल्म स्कॉटलैंड को 15-21 नम्बर के बीच लॉस एंजेलिस के सिनेमाघरों में प्रदर्शित की जाएगी. मूवी 'स्कॉटलैंड' की वनलाइनर साझा करते हुए फिल्म डायरेक्टर मनीष वात्सल्य ने कहा कि उनकी फिल्म स्कॉटलैंड सच्ची घटना पर आधारित है, जिसे उन्होंने किताबों में पढ़ा था. इसके बाद उन्होंने इस पर फिल्म बनाने का फैसला लिया और पटकथा लिखनी शुरू की.
दुष्कर्म करने वालों को सजा देता है हरक्यूलिस
मनीष बतातें हैं कि मूवी में हरक्यूलिस नाम का एक युवक लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को सिलसिलेवार तरीके से मौत के घाट उतारने लगता है. वो कहते हैं कि जिस तरह हमारे देश में ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं. यह फिल्म समाज की मनोवृत्ति में बदलाव पैदा करने में अहम रोल अदा करेगी. उनकी फिल्म का असल मकसद समाज में बदलाव लाना है न कि महज पैसे कमाना. हालांकि, एक इत्तेफाक यह भी है कि इस फिल्म के 3 किरदार ऐसे हैं, जो पहले भी ऑस्कर नॉमिनेटेड फिल्मों में काम कर चुके हैं. समीर सिद्दू की जल और दयाशंकर पांडे और अमीन गाजी की फिल्म लगान भी ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हो चुकी है.
बिहार में बनायी थी ये मूवी
मनीष ने इससे पहले रवि किशन स्टारर भोजपुरी फिल्म जीना है तो ठोक डाल और नील नितिन मुकेश स्टारर दशहरा जैसी सक्सेसफुल फिल्में बनाई हैं. जिन्होंने मनीष को सफलता के शिखर तक पहुंचा दिया. पूर्णिया में शूट हुई उनकी पहली फिल्म जीना है तो थोक डाल ने जहां बिहार के तमाम सिनेमाघरों में धमाल मचा दिया. तो वहीं, साल 2018 में देश भर के सिनेमा घरों में रिलीज हुई दशहरा को भी खासी कामयाबी मिली.