पूर्णिया: इन दिनों पूर्णिया के सीमांचल में आई बाढ़ ने कई जानें ले ली है. पहले बाढ़ का पानी वायसी,अमौर और रौटा बनमनखी को अपने चपेट में ले लिया. अब कोसी का रुख पूर्णिया के रानीपतरा , लालगंज हरदा की ओर बढ़ रहा है. गांव में लोग निश्चित हो कर सोए रहते हैं और कोसी अपने कोख में लोगों को ले लेती है. गांव में एकाएक बाढ़ का पानी बढ़ जाने से यह घटना घटी.
बाढ़ बनी आफत
शनिवार को मुफसिल थाना क्षेत्र में डूबने की दोनों घटना घटी. इस बाढ़ की चपेट में आने से जहां 6 बर्षीय मासूम नूर सलीम की मौत हो गई ,वहीं दूसरी घटना मझुआ में 20 वर्षीय धर्मेंद्र की मौत हो गई , पुलिस को घटना की जानकारी मिलते ही घटना स्थल पर पहुंच, दोनों शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. कोसी के कहर ने कई के घर के चिराग को अपने कोख मे समा लिया.
बिहार में बाढ़ का कहर
बिहार में बाढ़ से लोग त्राहिमाम हैं. नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने से कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. अब तक बिहार के 12 जिलों में बाढ़ आ चुकी है. लोग इस तबाही से परेशान हैं. कई जगहों के तटबंध टूटने से लोग बेघर हो चुके हैं. कई घर, खेत खलिहान सब पानी में बह चुका है. कोसी के कहर ने कईयों के घरों के चिराग को हमेशा के लिए बुझा दिया. बिहार की प्रमुख नदियों के जलस्तर में कमी आई है, लेकिन बाढ़ का प्रकोप अभी भी बना हुआ है. अब तक 164 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 107 लोगों की मौत हुई है, राज्य के 12 जिलों के 102 प्रखंडों के 1107 पंचायतों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है, जिससे 67 लाख से ज्यादा की जनसंख्या प्रभावित है. जबकि हजारों घर तबाह हो चुके हैं.