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पूर्णिया में दबंगों ने डॉक्टर से की मारपीट, विरोध में आज से स्ट्राइक पर रहेंगे डॉक्टर व एएनएम स्टाफ - doctors strike

पूरा मामला माधवपारा स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है. जहां सोमवार देर शाम सरकारी डॉक्टर और कुछ महिला स्टाफ की महज इसलिए धुनाई कर दी गयी, क्योंकि पीएचसी के इन स्टाफों ने दवाओं से जुड़ी सुविधाओं के दुरुपयोग पर कड़ी आपत्ति जताई थी.

डॉक्टर और स्टाफ
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Published : Jul 30, 2019, 8:19 AM IST

पूर्णिया :जिले के माधोपारा इलाके से पीएचसी डॉक्टर और महिला स्टाफ के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. पूरी घटना सोमवार शाम 5:30 बजे की है, जहां पीएचसी डॉक्टर और महिला स्टाफ ने कुछ स्थानीय लोगों पर मारपीट और छिनतई का आरोप लगाया है. वहीं इसे लेकर डॉक्टर कल से हड़ताल पर रहेंगे. वहीं इस स्ट्राइक की दूसरी बड़ी वजह इस पूरे मामले पर पुलिस का उदासीन रवैया बताया जा रहा है. जिसे लेकर डॉक्टर और स्टाफ खासे नाराज दिख रहे हैं. वहीं एएनएम और बाकी स्टाफ ने भी इसे समर्थन देने की बात कही है.

पूर्णिया में पीएचसी डॉक्टर और महिला स्टाफ के साथ मारपीट

जानें क्या है स्ट्राइक की वजह....


सरकारी डॉक्टर और महिला के साथ मारपीट और छिनतई का पूरा मामला माधवपारा स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है. जहां सोमवार देर शाम सरकारी डॉक्टर और कुछ महिला स्टाफ की महज इसलिए धुनाई कर दी गयी, क्योंकि पीएचसी के इन स्टाफों ने दवाओं से जुड़ी सुविधाओं के दुरुपयोग पर कड़ी आपत्ति जताई थी. वहीं मारपीट और छिनतई से जुड़ा यह मामला पीएचसी के उप चिकित्सा पदाधिकारी एमके चौधरी और महिला एएनएम और नर्स से जुड़ा है.


आज से स्ट्राइक पर रहेंगे सरकारी डॉक्टर और एएनएम


मारपीट और छिनतई की घटना को लेकर आज से सभी डॉक्टर स्ट्राइक पर चले गए हैं. इस बाबत घटना के शिकार बने उप प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एम के चौधरी ने यह ऐलान किया कि जब तक मारपीट और छिनतई के आरोपियों को पकड़कर सलाखों के पीछे नहीं पहुंचाया जाता, तब तक सारे डॉक्टर स्ट्राइक पर रहेंगे. वहीं इनकी स्ट्राइक पर जाने की दूसरी बड़ी वजह इस पूरे मामले पर सहायक खजांची पुलिस का उदासीन रवैया बताया जा रहा है. जिसके बाद अब डॉक्टर्स से लेकर तमाम मेडिकल स्टाफ समझौते के मूड में नहीं दिख रहे. वहीं इस स्ट्राइक का अब एएनएम समेत दूसरे स्टाफ ने भी समर्थन किया है.


रोग का झूठा हवाला देकर पहले भी ले जा चुके थे दवा...


डॉक्टर के आरोपों पर गौर करें तो पहले भी बेवजह रोगों का नाम गिनाकर ये लोग दवा ले चुके थे. इसे उन्होंने अपनी आदत सी बना ली थी. जिसे लेकर डॉक्टर और महिला स्टाफ ने अपनी आपत्ति जताई और दवा देने से साफ इंकार कर दिया. जिसको लेकर यह धटना घटित हुई.

पहले की मारपीट फिर सामान छिनतई...

इसके बाद दवा न मिलने से बौखलाए लोग कुछ स्थानीय कथित दबंगों के साथ आ धमके. जब तक ये कुछ समझ पाते तब तक उन लोगों ने लात-घूसों से पिटाई और छिनतई शुरू कर दी. किसी तरह इन्होंने अपनी जान बचाई. वहीं डॉक्टरों ने आरोपियों पर मारपीट के साथ ही सोने की चैन, पर्स और मोबाइल फ़ोन छिनतई का आरोप लगाया है. पीएचसी के महिला स्टाफ की ओर से भी स्थानीय लोगों पर मारपीट के साथ ही सोने की चेन और मोबाइल छिनने जैसे गंभीर आरोप हैं.


पुलिस पर डॉक्टर के गंभीर आरोप...

वहीं दूसरी तरफ सहायक खजांची थाना द्वारा एफआईआर दर्ज न करने से नाराज डॉक्टरों ने पुलिस पर पूरे मामले को लेकर संवेदनहीनता का आरोप लगाया है. डॉक्टरों का आरोप है जब वे इस मामले को लेकर पुलिस में शिकायत करने पहुंचे तो, शिकायत दर्ज करने और कार्रवाई करने के बजाए पुलिस वाले पहले तो घण्टों तक आनाकानी करते रहे. बाद में समझौते का रास्ता सुझाने लगे.

पूर्णिया :जिले के माधोपारा इलाके से पीएचसी डॉक्टर और महिला स्टाफ के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. पूरी घटना सोमवार शाम 5:30 बजे की है, जहां पीएचसी डॉक्टर और महिला स्टाफ ने कुछ स्थानीय लोगों पर मारपीट और छिनतई का आरोप लगाया है. वहीं इसे लेकर डॉक्टर कल से हड़ताल पर रहेंगे. वहीं इस स्ट्राइक की दूसरी बड़ी वजह इस पूरे मामले पर पुलिस का उदासीन रवैया बताया जा रहा है. जिसे लेकर डॉक्टर और स्टाफ खासे नाराज दिख रहे हैं. वहीं एएनएम और बाकी स्टाफ ने भी इसे समर्थन देने की बात कही है.

पूर्णिया में पीएचसी डॉक्टर और महिला स्टाफ के साथ मारपीट

जानें क्या है स्ट्राइक की वजह....


सरकारी डॉक्टर और महिला के साथ मारपीट और छिनतई का पूरा मामला माधवपारा स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है. जहां सोमवार देर शाम सरकारी डॉक्टर और कुछ महिला स्टाफ की महज इसलिए धुनाई कर दी गयी, क्योंकि पीएचसी के इन स्टाफों ने दवाओं से जुड़ी सुविधाओं के दुरुपयोग पर कड़ी आपत्ति जताई थी. वहीं मारपीट और छिनतई से जुड़ा यह मामला पीएचसी के उप चिकित्सा पदाधिकारी एमके चौधरी और महिला एएनएम और नर्स से जुड़ा है.


आज से स्ट्राइक पर रहेंगे सरकारी डॉक्टर और एएनएम


मारपीट और छिनतई की घटना को लेकर आज से सभी डॉक्टर स्ट्राइक पर चले गए हैं. इस बाबत घटना के शिकार बने उप प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एम के चौधरी ने यह ऐलान किया कि जब तक मारपीट और छिनतई के आरोपियों को पकड़कर सलाखों के पीछे नहीं पहुंचाया जाता, तब तक सारे डॉक्टर स्ट्राइक पर रहेंगे. वहीं इनकी स्ट्राइक पर जाने की दूसरी बड़ी वजह इस पूरे मामले पर सहायक खजांची पुलिस का उदासीन रवैया बताया जा रहा है. जिसके बाद अब डॉक्टर्स से लेकर तमाम मेडिकल स्टाफ समझौते के मूड में नहीं दिख रहे. वहीं इस स्ट्राइक का अब एएनएम समेत दूसरे स्टाफ ने भी समर्थन किया है.


रोग का झूठा हवाला देकर पहले भी ले जा चुके थे दवा...


डॉक्टर के आरोपों पर गौर करें तो पहले भी बेवजह रोगों का नाम गिनाकर ये लोग दवा ले चुके थे. इसे उन्होंने अपनी आदत सी बना ली थी. जिसे लेकर डॉक्टर और महिला स्टाफ ने अपनी आपत्ति जताई और दवा देने से साफ इंकार कर दिया. जिसको लेकर यह धटना घटित हुई.

पहले की मारपीट फिर सामान छिनतई...

इसके बाद दवा न मिलने से बौखलाए लोग कुछ स्थानीय कथित दबंगों के साथ आ धमके. जब तक ये कुछ समझ पाते तब तक उन लोगों ने लात-घूसों से पिटाई और छिनतई शुरू कर दी. किसी तरह इन्होंने अपनी जान बचाई. वहीं डॉक्टरों ने आरोपियों पर मारपीट के साथ ही सोने की चैन, पर्स और मोबाइल फ़ोन छिनतई का आरोप लगाया है. पीएचसी के महिला स्टाफ की ओर से भी स्थानीय लोगों पर मारपीट के साथ ही सोने की चेन और मोबाइल छिनने जैसे गंभीर आरोप हैं.


पुलिस पर डॉक्टर के गंभीर आरोप...

वहीं दूसरी तरफ सहायक खजांची थाना द्वारा एफआईआर दर्ज न करने से नाराज डॉक्टरों ने पुलिस पर पूरे मामले को लेकर संवेदनहीनता का आरोप लगाया है. डॉक्टरों का आरोप है जब वे इस मामले को लेकर पुलिस में शिकायत करने पहुंचे तो, शिकायत दर्ज करने और कार्रवाई करने के बजाए पुलिस वाले पहले तो घण्टों तक आनाकानी करते रहे. बाद में समझौते का रास्ता सुझाने लगे.

Intro:जिले के माधोपारा इलाके से पीएचसी डॉक्टर व महिला स्टाफ के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। पूरी घटना सोमवार शाम 5:30 बजे की है। जहां पीएचसी डॉक्टर और महिला स्टाफ ने कुछ स्थानीयों पर मारपीट व छिनतई का आरोप लगाया है। वहीं इसे लेकर डॉक्टर कल से हड़ताल पर रहेंगे। वहीं इस स्ट्राइक की दूसरी बड़ी वजह इस पूरे मामले पर पुलिस का उदासीन रवैया बताया जा रहा है। जिसे लेकर डॉक्टर व स्टाफ खासे नाराज दिख रहे हैं। वहीं एएनएम व बाकी स्टाफ ने भी इसे समर्थन देने की बात कही है।




Body:जानें क्या है स्ट्राइक की वजह....


सरकारी डॉक्टर व महिला के साथ मारपीट व छिनतई का समूचा मामला माधवपारा स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है। जहां सोमवार देर शाम सरकारी डॉक्टर व कुछ महिला स्टाफ की महज इसलिए धुनाई कर दी गयी। क्योंकि पीएचसी के इन स्टाफों ने दवाओं से जुड़ी सुविधाओं के दुरुपयोग पर कड़ी आपत्ति जताई थी। वहीं मारपीट व छिनतई से जुड़ा यह मामला पीएचसी के उप चिकित्सा पदाधिकारी एमके चौधरी व महिला एएनएम व नर्स से जुड़ा है।



मारपीट को ले आज से स्ट्राइक पर रहेंगे सरकारी डॉक्टर व एएनएम ...


मारपीट व छिनतई की घटना को ले आज से सभी डॉक्टर स्ट्राइक पर चले गए हैं। इस बाबत घटना के शिकार बने उप प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एम के चौधरी ने यह ऐलान किया कि जब तक मारपीट व छिनतई के आरोपियों को पकड़कर सलाखों के पीछे नहीं पहुंचाया जाता तब तक सारे ही डॉक्टर स्ट्राइक पर रहेंगे। वहीं इनकी स्ट्राइक पर जाने की दूसरी बड़ी वजह इस पूरे मामले पर सहायक खजांची पुलिस का उदासीन रवैया बताया जा रहा है। जिसके बाद अब डॉक्टर्स से लेकर तमाम मेडिकल स्टाफ समझौते के मूड में नहीं दिख रहे। वहीं इस स्ट्राइक का अब एएनएम समेत दूसरे स्टाफ ने भी समर्थन किया है।


रोग का झूठा हबाला दे ले पहले भी ले जा चुके थे दवा...


डॉक्टर के आरोपों पर गौर करें तो पहले भी बेवजह रोगों का नाम गिनाकर ये लोग दवा ले चुके थे। इसे उन्होंने अपनी आदत सी बना ली थी। जिसे लेकर डॉक्टर व महिला स्टाफ ने अपनी आपत्ति जताई। दवा देने से साफ इंकार कर दिया। यही बहस की वजह बनी।


पहले की मारपीट फिर सामान छिनतई...

इसी के बाद दवा न मिलने से बौखलाए लोग कुछ स्थानीय कथित दबंगों संग आ धमके। जब तक ये कुछ समझ पाते लात-घूसों से पिटाई व छिनतई शुरू कर दी। किसी तरह इन्होंने अपनी जान बचाई। वहीं डॉक्टरों ने आरोपियों पर मारपीट के साथ ही सोने की चैन, पर्स व मोबाइल फ़ोन छिनतई का आरोप लगाया है। पीएचसी के महिला स्टाफ की ओर से भी स्थानियों पर मारपीट के साथ ही सोने की चेन व मोबाइल छिनने जैसे गंभीर आरोप हैं।


पुलिस पर डॉक्टर के गंभीर आरोप...

वहीं दूसरी ओर पूरे मामले के बावजूद सहायक खजांची थाना द्वारा एफआईआर दर्ज करने से नाराज डॉक्टरों ने पुलिस पर पूरे मामले को ले संवेदनहीनता का आरोप लगाया है। डॉक्टरों का आरोप है जब वे पूरे मामले को ले पुलिस में शिकायत करने पहुंचे तो शिकायत दर्ज करने व कार्रवाई करने के बजाए पुलिस वाले इन्हें पहले तो घण्टों तक आनाकानी करते रहे। बाद में समझौते का रास्ता सुझाने लगे।



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