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एंबुलेंस में झटका लगने से 'मुर्दा' इंसान जिंदा कैसे हो सकता है... डॉक्टर क्या कहते हैं, जानें - MAHARASHTRA MAN ALIVE

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक हैरान करने वाली घटना में मृत घोषित व्यक्ति जिंदा हो गया. डॉक्टरों ने बताया ऐसा कैसे हो सकता है.

doctor reaction on maharashtra man alive who was declared dead after suffering heart attack in kolhapur
पांडुरंग उल्पे - हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. स्नेहदीप पाटिल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 4, 2025, 4:05 PM IST

कोल्हापुर: महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में हाल ही में एक चमत्कारी घटना में डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित व्यक्ति जिंदा हो गया. 65 साल के व्यक्ति के जीवित होने की यह घटना सोशल मीडिया और लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है. इसे जानने के बाद हर किसी के मन में यह सवाल उठ सकता है कि आखिर यह कैसे हो सकता है.

दरअसल, पांडुरंग उल्पे को हार्ट अटैक आने के बाद स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था. पांडुरंग की मौत के बाद परिवार के लोग शव को एंबुलेंस में वापस घर ला रहे थे. तभी रास्ते में अचानक गड्ढे में गिरने से एंबुलेंस उछली और झटका लगने से बुजुर्ग पांडुरंग के शरीर में हलचल हुई और वह सांस लेने लगे यानी उनकी सांसें वापस आ गईं.

ऐसा कभी-कभी हो सकता है...
एक तरफ जहां लोगों का कहना है कि उनका पुनर्जन्म हुआ है. लेकिन इस हैरान करने वाली घटना के संबंध में डॉक्टरों को कहना है कि ऐसा बहुत कम होता है. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. स्नेहदीप पाटिल का कहना है कि इसके कुछ कारण हो सकते हैं, लेकिन ऐसा कभी-कभी हो सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसे कुछ मामले पहले भी सामने हैं कि कभी-कभी व्यक्ति की मौत नहीं है, लेकिन सारे मेडिकल पैरामीटर मृत्यु का संकेत देते हैं. इसकी वजह से ऐसी घटनाएं होती हैं.

उन्होंने कहा, "तीन तरह से मौत होती है. पहली, क्लीनिकल मौत - दिल काम करना बंद कर देता है. दूसरी, ब्रेन डेथ - आंखों की पुतलियां स्थिर हो जाती हैं. तीसरी, बायोलॉजिकल डेथ - कुछ अंग और कोशिकाएं अक्सर 2 घंटे के अंदर मर जाती हैं."

ECG मशीन कैप्चर नहीं कर पाती...
डॉ. पाटिल ने आगे कहा, "कभी-कभी जब हम ECG करते हैं तो हमें ECG रिपोर्ट फ्लैट दिखाई देती है, इसे सस्पेंडेड एनिमेशन कहते हैं. ऐसे केस में लगता है कि व्यक्ति की मौत हो गई है. लेकिन बहुत धीरे-धीरे सांस और दिल काम कर रहा होता है, लेकिन इसे ECG मशीन कैप्चर नहीं कर पाती. इस मामले में कुछ समय बाद वह व्यक्ति हरकत में आ सकता है. इस तरह के मामले पूरी दुनिया में होते हैं. इस मामले में भी ऐसा ही हुआ होगा."

वहीं, एंबुलेंस में झटका लगने से सांसें वापस आने के बाद 65 वर्षीय पांडुरंग वाहन से उतरने के बाद पैदल चलकर घर पहुंचे और परिवार के सदस्यों ने उनका फूलों की माला से स्वागत किया. पांडुरंग अब पूरी तरह स्वस्थ्य हैं.

यह भी पढ़ें- महापंचायत में शामिल होने जा रहे किसानों की बस दुर्घटनाग्रस्त, तीन महिलाओं की मौत, कई घायल

कोल्हापुर: महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में हाल ही में एक चमत्कारी घटना में डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित व्यक्ति जिंदा हो गया. 65 साल के व्यक्ति के जीवित होने की यह घटना सोशल मीडिया और लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है. इसे जानने के बाद हर किसी के मन में यह सवाल उठ सकता है कि आखिर यह कैसे हो सकता है.

दरअसल, पांडुरंग उल्पे को हार्ट अटैक आने के बाद स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था. पांडुरंग की मौत के बाद परिवार के लोग शव को एंबुलेंस में वापस घर ला रहे थे. तभी रास्ते में अचानक गड्ढे में गिरने से एंबुलेंस उछली और झटका लगने से बुजुर्ग पांडुरंग के शरीर में हलचल हुई और वह सांस लेने लगे यानी उनकी सांसें वापस आ गईं.

ऐसा कभी-कभी हो सकता है...
एक तरफ जहां लोगों का कहना है कि उनका पुनर्जन्म हुआ है. लेकिन इस हैरान करने वाली घटना के संबंध में डॉक्टरों को कहना है कि ऐसा बहुत कम होता है. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. स्नेहदीप पाटिल का कहना है कि इसके कुछ कारण हो सकते हैं, लेकिन ऐसा कभी-कभी हो सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसे कुछ मामले पहले भी सामने हैं कि कभी-कभी व्यक्ति की मौत नहीं है, लेकिन सारे मेडिकल पैरामीटर मृत्यु का संकेत देते हैं. इसकी वजह से ऐसी घटनाएं होती हैं.

उन्होंने कहा, "तीन तरह से मौत होती है. पहली, क्लीनिकल मौत - दिल काम करना बंद कर देता है. दूसरी, ब्रेन डेथ - आंखों की पुतलियां स्थिर हो जाती हैं. तीसरी, बायोलॉजिकल डेथ - कुछ अंग और कोशिकाएं अक्सर 2 घंटे के अंदर मर जाती हैं."

ECG मशीन कैप्चर नहीं कर पाती...
डॉ. पाटिल ने आगे कहा, "कभी-कभी जब हम ECG करते हैं तो हमें ECG रिपोर्ट फ्लैट दिखाई देती है, इसे सस्पेंडेड एनिमेशन कहते हैं. ऐसे केस में लगता है कि व्यक्ति की मौत हो गई है. लेकिन बहुत धीरे-धीरे सांस और दिल काम कर रहा होता है, लेकिन इसे ECG मशीन कैप्चर नहीं कर पाती. इस मामले में कुछ समय बाद वह व्यक्ति हरकत में आ सकता है. इस तरह के मामले पूरी दुनिया में होते हैं. इस मामले में भी ऐसा ही हुआ होगा."

वहीं, एंबुलेंस में झटका लगने से सांसें वापस आने के बाद 65 वर्षीय पांडुरंग वाहन से उतरने के बाद पैदल चलकर घर पहुंचे और परिवार के सदस्यों ने उनका फूलों की माला से स्वागत किया. पांडुरंग अब पूरी तरह स्वस्थ्य हैं.

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