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पूर्णिया: डीएम की अनूठी पहल, बाढ़ पीड़ित बच्चों के लिए शुरू की शिशु दुग्धाहार की सुविधा

पूर्णिया के डीएम प्रदीप कुमार झा ने एक अनूठी पहल की शुरुआत की है. बाढ़ पीड़ित बच्चों के स्वास्थ्य और सेहत के लिए शिशु दुग्धाहार की व्यवस्था की गई है. इसके जरिये सभी सामुदायिक किचन पर बच्चों को दूध मुहैया कराई जा रही है.

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Published : Jul 17, 2019, 3:15 PM IST

डीएम की अनूठी पहल

पूर्णिया: सैलाब के सितम से निबटने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है. जिले के डीएम प्रदीप कुमार झा ने सभी अधिकारियों को विस्थापितों की मदद में लगा दिया है. 166 कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई है. बाढ़ की मार झेल रहे बच्चों के स्वास्थ्य और सेहत का ख्याल रखते हुए शिशु दुग्धाहार की भी शुरुआत की गई है.

62 पंचायतों में दिख रहा सैलाब का सितम
जिले के डीएम प्रदीप कुमार झा ने जिला सभागार में बाढ़ को लेकर एक प्रेस कांफ्रेस का आयोजन किया. जानकारी साझा करते हुए उन्होंने कहा कि बायसी अनुमंडल के तीन प्रखंड बाढ़ की मार झेल रहे हैं. वहीं जलालगढ़ और डगरुआ को मिलाकर कुल 62 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं. सबसे अधिक प्रभावित अमौर प्रखंड है जिसके तकरीबन 25 पंचायत पूर्ण रूप से बाढ़ से जूझ रहे हैं. बायसी प्रखंड के 17 और बैसा के 2 पंचायत बाढ़ प्रभावित हैं. जलालगढ़ प्रखंड के 6-7 तो बायसी के डगरुआ प्रखंड के 2 पंचायतों में अचानक आई बाढ़ से हाहाकार है.

जानकारी देते डीएम

तकरीबन डेढ़ लाख लोग बाढ़ से प्रभावित
उन्होंने कहा कि महानंदा, कनकई के वेग फिलहाल शांत दिख रहे हैं. वहीं पनमार नदी के लगातार उफनती धार को देखते हुए सरकारी महकमा अलर्ट पर है. अब तक 1 लाख 28 हजार 500 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. इनमें से 44 हजार की आबादी को बाढ़ की भीषण मार पड़ी है. वहीं 18000 लोग आंशिक रूप से बाढ़ से परेशान हैं. निष्क्रमित आबादी की संख्या 66500 बताई जा रही है.

बाढ़ पीड़ित बच्चों के लिए दुग्धाहार पहल
2017 की बाढ़ से सीख लेते हुए डीएम ने एक अनूठी पहल की शुरुआत की है. बच्चों के स्वास्थ्य और सेहत के लिए शिशु दुग्धाहार की व्यवस्था की गई है. इसके जरिये बच्चों को दूध मुहैया कराई जा रही है. ये सुविधा सुधा पार्लर के जरिये सभी 166 कम्युनिटी किचन में उपलब्ध कराई गई है.

24 घंटे SDRF की तैनाती
एहतियातन SDRF की टीम बायसी अनुमंडल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 24 घंटे तैनात है. 6 मोटर बोट, 63 सरकारी नाव और 28 निजी नावों को राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है. लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी मिले इसके लिए पर्याप्त मात्रा में हैलोजन टैबलेट उपलब्ध कराए गए हैं. आपातकालीन मेडिकल सुविधा के लिहाज से 4 स्वास्थ्य कैम्प और 2 पशु शिविर लगाए गए हैं.

पूर्णिया: सैलाब के सितम से निबटने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है. जिले के डीएम प्रदीप कुमार झा ने सभी अधिकारियों को विस्थापितों की मदद में लगा दिया है. 166 कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई है. बाढ़ की मार झेल रहे बच्चों के स्वास्थ्य और सेहत का ख्याल रखते हुए शिशु दुग्धाहार की भी शुरुआत की गई है.

62 पंचायतों में दिख रहा सैलाब का सितम
जिले के डीएम प्रदीप कुमार झा ने जिला सभागार में बाढ़ को लेकर एक प्रेस कांफ्रेस का आयोजन किया. जानकारी साझा करते हुए उन्होंने कहा कि बायसी अनुमंडल के तीन प्रखंड बाढ़ की मार झेल रहे हैं. वहीं जलालगढ़ और डगरुआ को मिलाकर कुल 62 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं. सबसे अधिक प्रभावित अमौर प्रखंड है जिसके तकरीबन 25 पंचायत पूर्ण रूप से बाढ़ से जूझ रहे हैं. बायसी प्रखंड के 17 और बैसा के 2 पंचायत बाढ़ प्रभावित हैं. जलालगढ़ प्रखंड के 6-7 तो बायसी के डगरुआ प्रखंड के 2 पंचायतों में अचानक आई बाढ़ से हाहाकार है.

जानकारी देते डीएम

तकरीबन डेढ़ लाख लोग बाढ़ से प्रभावित
उन्होंने कहा कि महानंदा, कनकई के वेग फिलहाल शांत दिख रहे हैं. वहीं पनमार नदी के लगातार उफनती धार को देखते हुए सरकारी महकमा अलर्ट पर है. अब तक 1 लाख 28 हजार 500 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. इनमें से 44 हजार की आबादी को बाढ़ की भीषण मार पड़ी है. वहीं 18000 लोग आंशिक रूप से बाढ़ से परेशान हैं. निष्क्रमित आबादी की संख्या 66500 बताई जा रही है.

बाढ़ पीड़ित बच्चों के लिए दुग्धाहार पहल
2017 की बाढ़ से सीख लेते हुए डीएम ने एक अनूठी पहल की शुरुआत की है. बच्चों के स्वास्थ्य और सेहत के लिए शिशु दुग्धाहार की व्यवस्था की गई है. इसके जरिये बच्चों को दूध मुहैया कराई जा रही है. ये सुविधा सुधा पार्लर के जरिये सभी 166 कम्युनिटी किचन में उपलब्ध कराई गई है.

24 घंटे SDRF की तैनाती
एहतियातन SDRF की टीम बायसी अनुमंडल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 24 घंटे तैनात है. 6 मोटर बोट, 63 सरकारी नाव और 28 निजी नावों को राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है. लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी मिले इसके लिए पर्याप्त मात्रा में हैलोजन टैबलेट उपलब्ध कराए गए हैं. आपातकालीन मेडिकल सुविधा के लिहाज से 4 स्वास्थ्य कैम्प और 2 पशु शिविर लगाए गए हैं.

Intro:आकाश कुमार (पूर्णिया) सैलाब के सितम से निबटने के लिए जिला प्रशासन कमर कसकर तैयार है। आफत की बाढ़ के बाद विस्थापितों के दर्द का मर्ज निकालते हुए जिले के डीएम प्रदीप कुमार झा ने जहां समूचे अमले को विस्थापितों की हर संभव मदद में लगा दिया है। वहीं बाढ़ की मार झेल रहे बच्चों के स्वास्थ्य और सेहत का ख्याल रखते हुए शिशु दुग्धाहार की एक अनूठी पहल की शुरुआत की है। लिहाजा 166 कम्युनिटी कीचन से जहां बाढ़ की मार झेल रहे जिले के 41 हजार बाढ़ पीड़ितों को भरपेट भोजन कराया जा रहा है। वहीं बच्चों को किसी तरह की परेशानी न हो बजापते दूध तक मुहैया कराई जा रही है।


Body:62 पंचायतों में दिख रहा सैलाब का सितम... इस बाबत जिले के डीएम प्रदीप कुमार झा ने जिला सभागार में बाढ़ को लेकर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी साझा करते हुए कहा कि इस वक़्त बायसी अनुमंडल के तीन प्रखंड बाढ़ की मार झेल रहे हैं। वहीं जलालगढ़ व डगरुआ को मिलाकर कुल 62 पंचायत बाढ़ प्रभावित हैं। सबसे अधिक प्रभावित आमौर प्रखंड है। जिसके तकरीबन 25 पंचायत पूर्ण रूप से सैलाब से जूझ रहे हैं। वहीं बायसी प्रखंड के 17 व बैसा के 2 पंचायत पूर्ण रूप से वहीं 14 पंचायत आंशिक रूप से बाढ़ की मार से परेशान है। वहीं जलालगढ़ प्रखंड में यह आंकड़ा 6-7 तो वहीं बायसी के डगरुआ प्रखण्ड के 2 पंचायतो में अचानक से आई बाढ़ से हाहाकार है। तकरीबन डेढ़ लाख लोग बाढ़ से प्रभावित... इस बाबत उन्होंने कहा कि महानंदा ,कनकई के वेग फिलहाल जहां शांत दिख रहे हैं। वहीं पनमार नदी के लगातार उफ़नती धार के फैलाव को देखते हुए एहतियातन सरकारी अमला अलर्ट पर है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब तक 1 लाख 28 हजार 500 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें से 44 हज़ार की आबादी को जहां बाढ़ की भीषण मार पड़ी है। वहीं 18000 लोग आंशिक रूप से बाढ़ से परेशान हैं। वहीं निष्क्रमित आबादी की संख्या 66500 बताई जा रही है। बाढ़ पीड़ित बच्चों के लिए डीएम की नायाब दुग्धाहार पहल... वहीं 2017 के बाढ़ से सीख लेते हुए जिले के डीएम प्रदीप कुमार जहां ने बच्चों के स्वास्थ्य व सेहत के दृष्टिकोण से होने वाली परेशानी का मर्ज निकाल शिशु दुग्धाहार की अनूठी पहल की शुरुआत की है। बकायदा जिसके जरिये बाढ़ पीड़ितों के भर पेट भोजन के बंदोबस्त के साथ ही बच्चों के लिए दूध मुहैया कराई जा रही है। ये सुविधा कम्युनिटी किचन कैम्प के समीप मौजूद सुधा पार्लर के जरिये सभी 166 कम्युनिटी किचन में उपलब्ध कराई जा रही है। इनमें से 74 आमौर में ,60 बायसी में ,25 वैसा में 6-7 कम्युनिटी किचन की व्यवस्था जलालगढ़ में रखे गए हैं। लिहाजा जिले के डीएम प्रदीप कु झा के इस पहल को ले हर कोई डीएम के इस नायाब पहल की तारीफ कर रहा है। जानें बाढ़ पीड़ितों को मिल रही और कौन सी सुविधाएं... वहीं बाढ़ को देखते हुए एहतियातन एसडीआरएफ की 40 बल की एक टीम बायसी अनुमंडल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य में 24 घन्टे तैनात है। वहीं 6 मोटर वोट ,63 सरकारी नाव और 28 निजी कस्तियों को राहत और बचाव कार्यों में लगाया गया है। वहीं लोगों को किसी भी परिस्थिति में शुद्ध पानी की कमी न हो इसके पर्याप्त मात्रा में हैलोजन टैबलेट सभी कैंपों में उपलब्ध कराए गए हैं। वहीं आपातकालीन मेडिकल सुविधा के लिहाज से 4 स्वास्थ्य कैम्प व 2 पशु शिविर लगाए गए हैं। वहीं हवाई सर्वेक्षण के जरिये जिला प्रशासन द्वारा नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। बाढ़ को ले प्रो एक्टिव रहे डीएम... दरअसल नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के बाद देखते ही देखते जिले के 3 प्रखंड बाढ़ की चपेट में आ गए थे। जिसके बाद सैलाब के सितम से निबटने के लिए जिले के डीएम प्रदीप कुमार झा ने तत्काल एक्शन लेते हुए रोजाना बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों व शरण स्थलों के निरीक्षण के साथ ही बाढ़ पीड़ितों को दी जा रही हर संभव सुविधाओं पर नजर रखते हुए प्रखंड के आलाधिकारियों से पल-पल की इनपुट ले रहे थे।


Conclusion:
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