पूर्णिया: सैलाब के सितम से निबटने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है. जिले के डीएम प्रदीप कुमार झा ने सभी अधिकारियों को विस्थापितों की मदद में लगा दिया है. 166 कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई है. बाढ़ की मार झेल रहे बच्चों के स्वास्थ्य और सेहत का ख्याल रखते हुए शिशु दुग्धाहार की भी शुरुआत की गई है.
62 पंचायतों में दिख रहा सैलाब का सितम
जिले के डीएम प्रदीप कुमार झा ने जिला सभागार में बाढ़ को लेकर एक प्रेस कांफ्रेस का आयोजन किया. जानकारी साझा करते हुए उन्होंने कहा कि बायसी अनुमंडल के तीन प्रखंड बाढ़ की मार झेल रहे हैं. वहीं जलालगढ़ और डगरुआ को मिलाकर कुल 62 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं. सबसे अधिक प्रभावित अमौर प्रखंड है जिसके तकरीबन 25 पंचायत पूर्ण रूप से बाढ़ से जूझ रहे हैं. बायसी प्रखंड के 17 और बैसा के 2 पंचायत बाढ़ प्रभावित हैं. जलालगढ़ प्रखंड के 6-7 तो बायसी के डगरुआ प्रखंड के 2 पंचायतों में अचानक आई बाढ़ से हाहाकार है.
तकरीबन डेढ़ लाख लोग बाढ़ से प्रभावित
उन्होंने कहा कि महानंदा, कनकई के वेग फिलहाल शांत दिख रहे हैं. वहीं पनमार नदी के लगातार उफनती धार को देखते हुए सरकारी महकमा अलर्ट पर है. अब तक 1 लाख 28 हजार 500 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. इनमें से 44 हजार की आबादी को बाढ़ की भीषण मार पड़ी है. वहीं 18000 लोग आंशिक रूप से बाढ़ से परेशान हैं. निष्क्रमित आबादी की संख्या 66500 बताई जा रही है.
बाढ़ पीड़ित बच्चों के लिए दुग्धाहार पहल
2017 की बाढ़ से सीख लेते हुए डीएम ने एक अनूठी पहल की शुरुआत की है. बच्चों के स्वास्थ्य और सेहत के लिए शिशु दुग्धाहार की व्यवस्था की गई है. इसके जरिये बच्चों को दूध मुहैया कराई जा रही है. ये सुविधा सुधा पार्लर के जरिये सभी 166 कम्युनिटी किचन में उपलब्ध कराई गई है.
24 घंटे SDRF की तैनाती
एहतियातन SDRF की टीम बायसी अनुमंडल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 24 घंटे तैनात है. 6 मोटर बोट, 63 सरकारी नाव और 28 निजी नावों को राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है. लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी मिले इसके लिए पर्याप्त मात्रा में हैलोजन टैबलेट उपलब्ध कराए गए हैं. आपातकालीन मेडिकल सुविधा के लिहाज से 4 स्वास्थ्य कैम्प और 2 पशु शिविर लगाए गए हैं.