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बिहार के पूर्णिया में खुला चाइल्ड फ्रेंडली थाना, टैग लाइन है- 'बच्चों का अपना थाना'

बालमित्र थाने की विशेषताओं पर गौर करें तो यह थाना सूबे के सभी थानों से बिल्कुल अलग है. इस थाना परिसर में कई तरह के सजावटी पौधे लगाए गए हैं, दीवारों पर रंग-बिरंगे कार्टून्स सजे हुए हैं.

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Published : Dec 26, 2019, 6:48 AM IST

चाइल्ड फ्रेंडली थाना
चाइल्ड फ्रेंडली थाना

पूर्णिया: बिहार का पहला बाल थाना पूर्णिया जिले के सदर थाना परिसर में खोला गया है. बीते 27 नवंबर को यूनिसेफ की सहयोग से बाल मित्र थाना की शुरुआत की गई. इस चाइल्ड फ्रेंडली थाना का मकसद अपराध की दुनिया में जा रहे बच्चों को सकारात्मक वातावरण प्रदान करना है. साथ ही इसका उद्देश्य ये भी है कि बच्चों में पुलिस थाना का खौफ खत्म हो और वे अपने साथ घटी घटना की जानकारी खुल कर दे सकें.

Purnea
चाइल्ड थाना में रखे गए हैं खिलौने

बालमित्र थाने की विशेषताओं पर गौर करें तो यह थाना सूबे के सभी थानों से बिल्कुल अलग है. इस थाना परिसर में कई तरह के सजावटी पौधे लगाए गए हैं, दीवारों पर रंग-बिरंगे कार्टून्स सजे हुए हैं. कमरों में कहानियों की किताबें और खिलौने रखे गए हैं. जिससे यहां आने वाले बच्चों को अच्छा माहौल मिले और वे सहज महसूस करें.

Purnea
थाना में बना चाइल्ड हेल्प डेस्क

यूनिसेफ के प्रतिनिधि ने किया था उद्घाटन
बता दें कि इस बाल मित्र थाने का उद्घाटन यूनिसेफ के प्रतिनिधि यास्मीन अली ने किया था. जल्द ही छत्तीसगढ़ के तर्ज पर जिले में अन्य 5 चाइल्ड फ्रेंडली थाने खोले जाएंगे. बहरहाल, पहले बाल थाना की शुरुआत से लोगों में खुशी है. इसकी जानकारी देते हुए सदर एसडीपीओ आनंद कुमार पांडेय ने दी.

देखें पूरी रिपोर्ट

एसडीपीओ ने दी जानकारी
एसडीपीओ आनंद कुमार पांडेय ने बताया कि थाना का मुख्य उद्देश्य अपराध जगत में प्रवेश करने वाले बच्चों में सकारात्मक भावना पैदा कर उनके जीवन में परिवर्तन लाना है. हालांकि, चाइल्ड फ्रेंडली थाना की शुरुआत के बाद बाल अपराध से जुड़े एक भी मामले इस थाने में नहीं पहुंचे हैं.

पूर्णिया: बिहार का पहला बाल थाना पूर्णिया जिले के सदर थाना परिसर में खोला गया है. बीते 27 नवंबर को यूनिसेफ की सहयोग से बाल मित्र थाना की शुरुआत की गई. इस चाइल्ड फ्रेंडली थाना का मकसद अपराध की दुनिया में जा रहे बच्चों को सकारात्मक वातावरण प्रदान करना है. साथ ही इसका उद्देश्य ये भी है कि बच्चों में पुलिस थाना का खौफ खत्म हो और वे अपने साथ घटी घटना की जानकारी खुल कर दे सकें.

Purnea
चाइल्ड थाना में रखे गए हैं खिलौने

बालमित्र थाने की विशेषताओं पर गौर करें तो यह थाना सूबे के सभी थानों से बिल्कुल अलग है. इस थाना परिसर में कई तरह के सजावटी पौधे लगाए गए हैं, दीवारों पर रंग-बिरंगे कार्टून्स सजे हुए हैं. कमरों में कहानियों की किताबें और खिलौने रखे गए हैं. जिससे यहां आने वाले बच्चों को अच्छा माहौल मिले और वे सहज महसूस करें.

Purnea
थाना में बना चाइल्ड हेल्प डेस्क

यूनिसेफ के प्रतिनिधि ने किया था उद्घाटन
बता दें कि इस बाल मित्र थाने का उद्घाटन यूनिसेफ के प्रतिनिधि यास्मीन अली ने किया था. जल्द ही छत्तीसगढ़ के तर्ज पर जिले में अन्य 5 चाइल्ड फ्रेंडली थाने खोले जाएंगे. बहरहाल, पहले बाल थाना की शुरुआत से लोगों में खुशी है. इसकी जानकारी देते हुए सदर एसडीपीओ आनंद कुमार पांडेय ने दी.

देखें पूरी रिपोर्ट

एसडीपीओ ने दी जानकारी
एसडीपीओ आनंद कुमार पांडेय ने बताया कि थाना का मुख्य उद्देश्य अपराध जगत में प्रवेश करने वाले बच्चों में सकारात्मक भावना पैदा कर उनके जीवन में परिवर्तन लाना है. हालांकि, चाइल्ड फ्रेंडली थाना की शुरुआत के बाद बाल अपराध से जुड़े एक भी मामले इस थाने में नहीं पहुंचे हैं.

Intro:आकाश कुमार (पूर्णिया) special story । यूं तो इस साल जिले के नाम कई उपलब्धियां रहीं। हालांकि वह खबर जिसने समूचे बिहार का ध्यान अपनी ओर खींचा। वह शहर के सदर थाना परिसर में खुले बिहार के पहले बालमित्र थाने से जुड़ा रहा। दरअसल गुजरे 27 नवंबर को यूनेस्को के सहयोग से यहां बिहार का पहला चाइल्ड फ्रेंडली थाना खोला गया। वह चाइल्ड फ्रेंडली थाना जिसने अपराध की दुनिया में कदम रख चुके बाल अपराधियों को नैतिकता का पाठ पढ़ाकर उनके भविष्य निर्माण का बीड़ा अपने कंधे उठाया।


Body:बिहार के बाकी थानों से जुड़ा है यह बाल थाना... दरअसल शहर के सदर थाना परिसर में खुले बिहार के इस पहले बालमित्र थाना की विशेषताओं पर गौर करें तो यह बालमित्र थाना सूबे के सभी थानों से बिल्कुल हटकर होगा। थाने के वॉल पर हथकड़ी व पुलिसिया डंडे से इतर सदर थाना भवन में खुला बालमित्र थाना के दीवार रंग- बिरंगे कार्टून से सजे होंगें। वहीं थाना परिसर में अपराध में लिप्त बच्चों में सकारात्मक वातावरण पैदा करने के हिसाब से खिलौने व खेल की दूसरी सामग्रियां सहित, सजावटी प्राकृतिक पौधे ,बच्चों से जुड़ी पाठ्य सामग्रियां व साज-सजा की दूसरी वस्तुओं से सुसज्जित होंगी। गौरतलब हो कि आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त नाबालिगों को पुलिस फ्रेंडली बनाने के उद्देश्य से बिहार के पूर्णिया जिले में बीते 27 नवंबर को इसकी शुरुआत की गई थी। तब बिहार के पहले बालमित्र थाना का उदघाटन किया गया। इस बाबत बतौर मुख्य अतिथि बालमित्र थाना का उदघाटन यूनिसेफ के प्रतिनिधि यास्मीन अली ने किया था। वहीं बेहद जल्द छत्तीसगढ़ के तर्ज पर जिले में पांच अन्य चाइल्ड फ्रेंडली थाने खोले जाएंगे। बकायदा सदर थाना में खुले बिहार के इस पहले बालमित्र थाना को लेकर जिले के बच्चों में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है। बाल अपराधियों को पढ़ाया जाएगा नैतिकता का पाठ.... इस बाबत सदर एसडीपीओ आनंद कुमार पांडेय ने बताया कि इस थाना का मुख्य उद्देश्य अपराध जगत में प्रवेश करने वाले बच्चों में सकारात्मक भावना पैदा कर उनके जीवन में परिवर्तन लाना है। ताकि वे आगे अपराध की दुनिया से इतर एक उज्ज्वल भविष्य की बुनियाद तैयार कर सकें। चाइल्ड फ्रेंडली थाना के खोले जाने का एक मात्र उद्देश्य बच्चों के बीच पुलिस की वर्दी ,हथियार व थाना के आपराधिक माहौल से बचाकर इनके बीच भयमुक्त वातावरण पैदा करना है।


Conclusion:हालांकि चाइल्ड फ़्रेंडली थाना के बाद से अब तक बाल अपराध के एक भी मामले थाने तक नहीं पंहुचे। मगर यकीनन यह कहा जा सकता है कि ये बाल मित्र थाने बाल अपराध की घटनाओं पर लगाम लगाने में कारगर साबित होंगे।
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