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Purnea Bridge Collapsed: बिहार में भ्रष्टाचार का एक और नमूना, पूर्णिया में ढलाई के 4 घंटे बाद ही गिर गया पुल - Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana

पूर्णिया में तीन महीने के अंदर निर्माणाधीन पुल ध्वस्त होकर गिरने की दूसरी बड़ी घटना सामने आई है. फर्क बस इतना है कि इस बार पुल 4 घंटे भी टिक नहीं पाया. ढलाई के 4 घंटे बाद ही पुल ध्वस्त हो गया है. इस पुल का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कराया जा रहा था.

bridge collapsed after 4 hours of casting
bridge collapsed after 4 hours of casting
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Published : May 15, 2023, 1:29 PM IST

Updated : May 15, 2023, 10:16 PM IST

देखें रिपोर्ट.

पूर्णिया: बिहार पूर्णिया के बायसी थाना क्षेत्र के मिलिक टोला सलीम चौक के पास रात के अंधेरे में पुल की ढलाई की गई और महज 4 घंटे के अंदर एक करोड़ 13 लाख की लागत से बनी पुल ध्वस्त हो गयी. हैरान करने वाली बात यह है कि पुल की ढलाई की जानकारी कार्यपालक अभियंता को नहीं थी. इसके पहले भी बेसिक इलाके में इसी तरह का मामला सामने आया था. स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने इस तरह की घटनाओं को लेकर ठेकेदार एवं इंजीनियर पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं.

पढ़ें- Bridge Fell During Casting: पूर्णिया में ढलाई के दौरान गिरा निर्माणाधीन पुल, दो लोग घायल

ढलाई के महज 4 घंटे के अंदर गिरा पुल: जानकारी के अनुसार फटकी से बेरिया जाने वाली सड़क पर सलीम चौक पर बन रहे 20 मीटर लम्बी चार पाया पुल का बॉक्स ब्रिज की ढलाई देर रात हुई थी. सेटरिंग कमजोर होने के कारण 4 घण्टे के अंदर ही अचानक पुल टूट कर गिर गया. पुल टूट कर गिरने से बड़ा हादसा हो सकता था लेकिन गनीमत रही कि जब पुल गिरा तो उस वक्त वहां कोई मौजूद नहीं था. इस बारे में सड़क विभाग के ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता रामबाबू ने बताया कि पुल की ढलाई की जानकारी उन्हें नहीं थी. उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जा रही है. जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि पुल कैसे टूटा है. वहीं पुल ध्वस्त होने की दूसरी घटना के बाद स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी है.

"सब मनमानी का नतीजा है. डैमेज पुल बनाया गया था. देखिए पुल का पाया टेढ़ा है और झुका हुआ है. इंजीनियर कैसे बन गया पता नहीं. ढलाई रात को 11 बजे के करीब हुआ. हमलोगों को पता भी नहीं था."- जावेद आलम, स्थानीय

दोषियों पर कार्रवाई की मांग: वहीं मौके पर पहुंचे आरजेडी के पूर्व मंत्री विधायक हाजी अब्दुल सुभान ने टूटी पुल को देखा और उन्होंने बताया कि जिला अधिकारी से बात हुई है. इस संवेदक पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि इससे पहले बायसी प्रखंड के खपड़ा पंचायत के चौनी गांव में ढलाई के दौरान पुल गिरा था. फिर दूसरी बार ये घटना हुई है. ऐसी घटनाओं का बार- बार होने का साफ मतलब है कि इंजीनियर मामले को लेकर लापरवाह हैं. बायसी में इस वर्ष में दो बार बनाने के दौरान पुल ध्वस्त हो गया है. पूर्व मंत्री ने कार्रवाई करने की बात कही. वहीं इस बारे में सड़क विभाग के कार्यपालक अभियंता राकेश कुमार से पूछने पर बताया कि ये लापरवाही है. ग्रामीणों के द्वारा बैठक किया गया है. फिर से पुल तोड़कर बनाया जाएगा. इस तरह की घटना की वजह जांच के बाद घटिया मटेरियल का उपयोग करना सामने आता है.

"प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क और पुल का निर्माण हो रहा है. दो तीन माह पहले भी एक पुल ध्वस्त हुआ था. उस समय भी लापरवाही बरतने की बात सामने आई थी. लोहा के पाइप में बहुत बड़ा बड़ा गैप था और पाइप भी पुरानी थी. हंगामे के बाद भी विभाग ने सबक नहीं लिया. सेटरिंग नहीं था. इंजीनियर की मौजूदगी में अगर काम हुआ है तो वह जिम्मेदार है और अगर उसकी गैर मौजूदगी में निर्माण हुआ है तो भी वही इस घटना के लिए जिम्मेदार है."- हाजी अब्दुल सुभान, पूर्व आरजेडी मंत्री

पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना: ऐसा नहीं है कि यह कोई पहला लापरवाही का मामला सामने आया है. पूर्णिया के बायसी प्रखंड स्थिक खपड़ा गांव में इससे पहले जनवरी 2023 को भी ऐसा ही मामला प्रकाश में आया था. एक निर्माणाधीन पुल ध्वस्त हो गया था. इस पुल का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा ही करवाया जा रहा था. उस पुल को बनाने में 1 करोड़ 14 लाख रुपये आई थी. पुल के ध्वस्त होते ही मौके से संवेदक और मुंशी भाग खड़े हुए थे. वहीं इस दौरान 2 मजदूर भी जख्मी हुए थे.

देखें रिपोर्ट.

पूर्णिया: बिहार पूर्णिया के बायसी थाना क्षेत्र के मिलिक टोला सलीम चौक के पास रात के अंधेरे में पुल की ढलाई की गई और महज 4 घंटे के अंदर एक करोड़ 13 लाख की लागत से बनी पुल ध्वस्त हो गयी. हैरान करने वाली बात यह है कि पुल की ढलाई की जानकारी कार्यपालक अभियंता को नहीं थी. इसके पहले भी बेसिक इलाके में इसी तरह का मामला सामने आया था. स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने इस तरह की घटनाओं को लेकर ठेकेदार एवं इंजीनियर पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं.

पढ़ें- Bridge Fell During Casting: पूर्णिया में ढलाई के दौरान गिरा निर्माणाधीन पुल, दो लोग घायल

ढलाई के महज 4 घंटे के अंदर गिरा पुल: जानकारी के अनुसार फटकी से बेरिया जाने वाली सड़क पर सलीम चौक पर बन रहे 20 मीटर लम्बी चार पाया पुल का बॉक्स ब्रिज की ढलाई देर रात हुई थी. सेटरिंग कमजोर होने के कारण 4 घण्टे के अंदर ही अचानक पुल टूट कर गिर गया. पुल टूट कर गिरने से बड़ा हादसा हो सकता था लेकिन गनीमत रही कि जब पुल गिरा तो उस वक्त वहां कोई मौजूद नहीं था. इस बारे में सड़क विभाग के ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता रामबाबू ने बताया कि पुल की ढलाई की जानकारी उन्हें नहीं थी. उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जा रही है. जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि पुल कैसे टूटा है. वहीं पुल ध्वस्त होने की दूसरी घटना के बाद स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी है.

"सब मनमानी का नतीजा है. डैमेज पुल बनाया गया था. देखिए पुल का पाया टेढ़ा है और झुका हुआ है. इंजीनियर कैसे बन गया पता नहीं. ढलाई रात को 11 बजे के करीब हुआ. हमलोगों को पता भी नहीं था."- जावेद आलम, स्थानीय

दोषियों पर कार्रवाई की मांग: वहीं मौके पर पहुंचे आरजेडी के पूर्व मंत्री विधायक हाजी अब्दुल सुभान ने टूटी पुल को देखा और उन्होंने बताया कि जिला अधिकारी से बात हुई है. इस संवेदक पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि इससे पहले बायसी प्रखंड के खपड़ा पंचायत के चौनी गांव में ढलाई के दौरान पुल गिरा था. फिर दूसरी बार ये घटना हुई है. ऐसी घटनाओं का बार- बार होने का साफ मतलब है कि इंजीनियर मामले को लेकर लापरवाह हैं. बायसी में इस वर्ष में दो बार बनाने के दौरान पुल ध्वस्त हो गया है. पूर्व मंत्री ने कार्रवाई करने की बात कही. वहीं इस बारे में सड़क विभाग के कार्यपालक अभियंता राकेश कुमार से पूछने पर बताया कि ये लापरवाही है. ग्रामीणों के द्वारा बैठक किया गया है. फिर से पुल तोड़कर बनाया जाएगा. इस तरह की घटना की वजह जांच के बाद घटिया मटेरियल का उपयोग करना सामने आता है.

"प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क और पुल का निर्माण हो रहा है. दो तीन माह पहले भी एक पुल ध्वस्त हुआ था. उस समय भी लापरवाही बरतने की बात सामने आई थी. लोहा के पाइप में बहुत बड़ा बड़ा गैप था और पाइप भी पुरानी थी. हंगामे के बाद भी विभाग ने सबक नहीं लिया. सेटरिंग नहीं था. इंजीनियर की मौजूदगी में अगर काम हुआ है तो वह जिम्मेदार है और अगर उसकी गैर मौजूदगी में निर्माण हुआ है तो भी वही इस घटना के लिए जिम्मेदार है."- हाजी अब्दुल सुभान, पूर्व आरजेडी मंत्री

पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना: ऐसा नहीं है कि यह कोई पहला लापरवाही का मामला सामने आया है. पूर्णिया के बायसी प्रखंड स्थिक खपड़ा गांव में इससे पहले जनवरी 2023 को भी ऐसा ही मामला प्रकाश में आया था. एक निर्माणाधीन पुल ध्वस्त हो गया था. इस पुल का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा ही करवाया जा रहा था. उस पुल को बनाने में 1 करोड़ 14 लाख रुपये आई थी. पुल के ध्वस्त होते ही मौके से संवेदक और मुंशी भाग खड़े हुए थे. वहीं इस दौरान 2 मजदूर भी जख्मी हुए थे.

Last Updated : May 15, 2023, 10:16 PM IST
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