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सुरक्षा की गुहार लिए 'खाकी' पहुंची एसपी दरबार

जिले में पुलिसकर्मियों को खुलेआम धमकी दी जा रही है. एएसआई ने एसपी से स्थानांतरण के लिए गुहार लगाई है.

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Published : Mar 12, 2019, 11:36 AM IST

एएसआई

पुर्णिया: जनता की सुरक्षा का बीड़ा अपने कंधे पर उठाने वाली 'खाकी' आज खुद एसपी दफ्तर पहुंची. आंखों में मौत का खौफ लिए और सिस्टम की बेरुखी देख जिले के बड़हरा थाने के एएसआई और उनकी पत्नी आंखों में आंसू लिए स्थानांतरण की गुहार लगाने एसपी दफ्तर पहुंचे. बिहार के नए डीजीपी भले ही क्राइम पर कड़े रूख दिखाकर अपराधियों को सुधर जाने की नसीहत दे लें. लेकिन बदमाशों के चहरे पर इसका कोई डर नहीं दिख रहा है.

दरअसल बिहार की पुलिसिंग पर सवाल खड़े करने वाला यह मामला जिले के बड़हरा थाने में कार्यरत एक एएसआई से जुड़ा है. सहायक अवर निरीक्षक का नाम कौशल कुमार सिंह है. इस बाबत बड़हरा एएसआई कौशल कुमार सिंह ने बताया कि बीते 17 फरवरी को रात करीब साढ़े आठ बजे गस्ती के दौरान उन्हें नरेश मंडल नामक युवक का गोड़ियारी इलाके से फोन आया था. इस फोन कॉल पर नरेश ने किसी युवक द्वारा शराब पीकर उत्पात मचाने की सूचना दी थी.

पुलिस वाले से की धक्कामुक्की व मारपीट

मामले के सत्यापन के लिए वह घटना स्थल पर पहुंचे तो फोन करने वाला व्यक्ति कथित आरोपी नरेश मंडल ने कमरे के भीतर एक युवक को बंद कर रखा था. नशे के सत्यापन के लिए एएसआई ने जब कमरे के भीतर कैद कर रखे गए 26 वर्षीय युवक का सत्यापन किया तो नशे की पुष्टि न होने पर उसे गिरफ्तार करने से इनकार कर दिया. नरेश व उनका परिवार इसे लेकर एएसआई कौशल कुमार और दो अन्य पुलिसकर्मियों की वीडियो बनाने लगा. जब उन्होंने इसकी शिकायत की तो कथित अभियुक्त नरेश व उनके परिवार ने मिलकर उनके साथ धक्कामुक्की व मारपीट शुरू कर दी.

किसी तरह जान बचाकर भागे पुलिसकर्मी

यह सब देख किसी तरह एएसआई कौशल के साथ आये दो अन्य पुलिसकर्मी किसी तरह वहां से बच निकले. लिहाजा एएसआई को अकेला देख कौशल व उनके परिवार वालों ने उनपर जानलेवा हमला करना शुरू कर दिया तथा डंडे व धारदार हथियार से सर पर वार कर लहूलुहान कर दिया. हालांकि एएसआई कौशल किसी तरह वहां से जान बचाकर भागने में सफल हुए. इसके बाद साथी पुलिसकर्मियों ने कौशल को इलाज के लिए पास के अस्पताल में भर्ती कराया.

पुलिस प्रशासन ने नहीं की अभी तक कोेई कार्रवाई

एएसआई कौशल कुमार सिंह का कहना है कि उन्हें हैरत तब हुई, जब घटना के कई दिन बीत जाने के बाद भी न ही थानाध्यक्ष और न ही धमदाहा एसडीपीओ ने इसको गंभीरता से लिया. अभियुक्त नरेश मंडल की गिरफ्तारी तो दूर मामले की लीपापोती कर अभियुक्तों को थाने से चलता कर दिया गया.

एएसआई की पत्नी की मानें तो डिपार्टमेंट के ढिलमुल रवैये का ही यह नतीजा है कि आज एक पुलिस वाले को अभियुक्त नरेश मंडल बाजार चलते और फोन कर जान से मारने की धमकियां देता है. लिहाजा इसके बाद वे स्थानांतरण की गुहार लेकर जिले के एसपी विशाल शर्मा के पास पहुंचीं.

स्थानांतरण की लगाई गुहार

लिहाजाएसपी कार्यालय के आगे न्याय स्थानांतरण व सुरक्षा की गुहार लगाती एएसआई की पत्नी की ये आंखें यह बताने को काफी थी कि जिले में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. बहरहाल ऐसे में जब बिहार में खुद खाकी ही महफूज नहीं तो आम जनता क्या सुरक्षित होगी.

पुर्णिया: जनता की सुरक्षा का बीड़ा अपने कंधे पर उठाने वाली 'खाकी' आज खुद एसपी दफ्तर पहुंची. आंखों में मौत का खौफ लिए और सिस्टम की बेरुखी देख जिले के बड़हरा थाने के एएसआई और उनकी पत्नी आंखों में आंसू लिए स्थानांतरण की गुहार लगाने एसपी दफ्तर पहुंचे. बिहार के नए डीजीपी भले ही क्राइम पर कड़े रूख दिखाकर अपराधियों को सुधर जाने की नसीहत दे लें. लेकिन बदमाशों के चहरे पर इसका कोई डर नहीं दिख रहा है.

दरअसल बिहार की पुलिसिंग पर सवाल खड़े करने वाला यह मामला जिले के बड़हरा थाने में कार्यरत एक एएसआई से जुड़ा है. सहायक अवर निरीक्षक का नाम कौशल कुमार सिंह है. इस बाबत बड़हरा एएसआई कौशल कुमार सिंह ने बताया कि बीते 17 फरवरी को रात करीब साढ़े आठ बजे गस्ती के दौरान उन्हें नरेश मंडल नामक युवक का गोड़ियारी इलाके से फोन आया था. इस फोन कॉल पर नरेश ने किसी युवक द्वारा शराब पीकर उत्पात मचाने की सूचना दी थी.

पुलिस वाले से की धक्कामुक्की व मारपीट

मामले के सत्यापन के लिए वह घटना स्थल पर पहुंचे तो फोन करने वाला व्यक्ति कथित आरोपी नरेश मंडल ने कमरे के भीतर एक युवक को बंद कर रखा था. नशे के सत्यापन के लिए एएसआई ने जब कमरे के भीतर कैद कर रखे गए 26 वर्षीय युवक का सत्यापन किया तो नशे की पुष्टि न होने पर उसे गिरफ्तार करने से इनकार कर दिया. नरेश व उनका परिवार इसे लेकर एएसआई कौशल कुमार और दो अन्य पुलिसकर्मियों की वीडियो बनाने लगा. जब उन्होंने इसकी शिकायत की तो कथित अभियुक्त नरेश व उनके परिवार ने मिलकर उनके साथ धक्कामुक्की व मारपीट शुरू कर दी.

किसी तरह जान बचाकर भागे पुलिसकर्मी

यह सब देख किसी तरह एएसआई कौशल के साथ आये दो अन्य पुलिसकर्मी किसी तरह वहां से बच निकले. लिहाजा एएसआई को अकेला देख कौशल व उनके परिवार वालों ने उनपर जानलेवा हमला करना शुरू कर दिया तथा डंडे व धारदार हथियार से सर पर वार कर लहूलुहान कर दिया. हालांकि एएसआई कौशल किसी तरह वहां से जान बचाकर भागने में सफल हुए. इसके बाद साथी पुलिसकर्मियों ने कौशल को इलाज के लिए पास के अस्पताल में भर्ती कराया.

पुलिस प्रशासन ने नहीं की अभी तक कोेई कार्रवाई

एएसआई कौशल कुमार सिंह का कहना है कि उन्हें हैरत तब हुई, जब घटना के कई दिन बीत जाने के बाद भी न ही थानाध्यक्ष और न ही धमदाहा एसडीपीओ ने इसको गंभीरता से लिया. अभियुक्त नरेश मंडल की गिरफ्तारी तो दूर मामले की लीपापोती कर अभियुक्तों को थाने से चलता कर दिया गया.

एएसआई की पत्नी की मानें तो डिपार्टमेंट के ढिलमुल रवैये का ही यह नतीजा है कि आज एक पुलिस वाले को अभियुक्त नरेश मंडल बाजार चलते और फोन कर जान से मारने की धमकियां देता है. लिहाजा इसके बाद वे स्थानांतरण की गुहार लेकर जिले के एसपी विशाल शर्मा के पास पहुंचीं.

स्थानांतरण की लगाई गुहार

लिहाजाएसपी कार्यालय के आगे न्याय स्थानांतरण व सुरक्षा की गुहार लगाती एएसआई की पत्नी की ये आंखें यह बताने को काफी थी कि जिले में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. बहरहाल ऐसे में जब बिहार में खुद खाकी ही महफूज नहीं तो आम जनता क्या सुरक्षित होगी.

Intro:आकाश कुमार(पूर्णिया)

भले ही क्राइम पर कड़े रुख दिखाकर बिहार के नए डीजीपी अपराधियों को सुधर जाने की नसीहत दे लें। मालूम पड़ता है, बदमाशों के चहरे पर इसे लेकर कोई शिकन नहीं दिख रहा। जनता की सुरक्षा का बीड़ा अपने कंधे उठाने वाली 'खाकी' आज खुद एसपी दफ्तर पहुंची। आंखों में मौत का खौफ और पलकों पर अपने ही सिस्टम की बेरुखी देख यहां के बड़हरा थाने के एएसआई व उनकी पत्नी आंखों में आंसू लिए स्थानांतरण की गुहार लगाने को मजबूर दिखीं।


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दरअसल बिहार की पुलिसिंग पर सवाल खड़े करने वाला यह मामला जिले के बड़हरा थाने में कार्यरत एक एएसआई से जुड़ा है। सहायक अवर निरीक्षक का नाम कौशल कुमार सिंह है।
इस बाबत बड़हरा एएसआई कौशल कुमार सिंह ने बताया कि बीते 17 फरबरी को रात करीब साढ़े आठ बजे गस्ती के दौरान उन्हें नरेश मंडल नामक युवक का गोड़ियारी इलाके से फ़ोन आया था। इस फ़ोन कॉल पर नरेश ने किसी युवक द्वारा शराब पीकर उत्पात मचाने की सूचना दी। लिहाजा मामले के सत्यापन के लिए वे ज्यूं ही घटना स्थल पर पहुंचे। फ़ोन करने वाले व्यक्ति कथित आरोपी नरेश मंडल ने कमरे के भीतर एक युवक को बंद कर रखा था। लिहाजा नशे के सत्यापन के लिए एएसआई ने जब कमरे के भीतर कैद कर रखे गए 26 वर्षीय युवक का सत्यापन किया। नशे की पुष्टि न होने पर गिरफ्तार करने से इनकार कर दिया। नरेश व उनका परिवार इसे लेकर एएसआई कौशल कुमार व दो अन्य पुलिसकर्मियों की वीडियो बनाने लगा। जब उन्होंने इसकी शिकायत की। तो कथित अभियुक्त नरेश व उनके परिवार ने मिलकर उनके साथ धक्कामुक्की व मारपीट शुरू कर दी।
लिहाजा यह सब देख किसी तरह एएसआई कौशल के साथ आये दो अन्य पुलिसकर्मी किसी तरह वहां से बच निकले। लिहाजा एएसआई को अकेला देख कौशल व उनके परिवार वालों ने इनपर जानलेवा हमला करना शुरू कर दिया। डंडे व धारदार हथियार से सर पर वार लहूलुहान कर दिया। हालांकि एएसआई कौशल किसी तरह यहां से जान बचाकर भागने में सफल हुए। जिसके बाद साथी पुलिसकर्मियों ने कौशल को इलाज के लिए पास के अस्पताल में भर्ती कराया।



स्थानएएसआई कौशल कुमार सिंह की मानें तो उन्हें हैरत तब हुई। जब घटना के कई दिन बीत जाने के बाद भी न ही थानाध्यक्ष और न ही धमदाहा एसडीपीओ ने इनके जख्म प्रतिवेदन को गंभीरता से लिया। अभियुक्त कौशल की गिरफ्तारी तो दूर मामले की लीपापोती कर अभियुक्तों को थाने से चलता कर दिया गया।


अपने ही सिस्टम की बेरुखी का दर्द झेल रहे एएसआई व बेटे के बाद पति को खोने का दर्द सता रहे बिलखती एएसआई की पत्नी की मानें तो इनके डिपार्टमेंट के ढिलमुल रवैये का ही नतीजा रहा।
कि अब अभियुक्त नरेश मंडल इनके बाजार चलते व फ़ोन कर इन्हें जान से मारने की धमकियां देता है। लिहाजा इसके बाद वे स्थानांतरण की गुहार लेकर जिले के एसपी विशाल शर्मा के पास पहुंची।







Conclusion:लिहाजा एसपी कार्यालय के आगे न्याय , स्थानांतरण व सुरक्षा की गुहार लगाती एएसआई की पत्नी की ये आंखें यह बताने को काफी थी। कि जिले में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा। बहरहाल ऐसे में जब बिहार में खुद खाकी ही महफूज नहीं। तो आम जनता कितनी सुरक्षित है इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।


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