पूर्णिया: जिले के शांति नगर इलाके में बसे तकरीबन 50 से भी अधिक घरों पर सोमवार को प्रशासन का बुलडोजर चला. सड़क से इन अवैध झुग्गियों के लगे होने की वजह से आए दिन लोगों को ट्रैफिक की भारी समस्या से जूझना पड़ता था. ऐसे में सालों से बसे इन अवैध झुग्गियों पर आखिरकार प्रशासन की नजर पड़ गई. जिसके बाद घण्टों की मशक्कत से इलाके को अतिक्रमण मुक्त कराया गया. इसकी वजह से एक साथ 200 परिवार एक झटके में बेघर हो गए.
एक दशक से भी अधिक वक्त से था अवैध कब्जा
बताया जाता है कि शांति नगर इलाके में रहने वाले 50 परिवार के सैकड़ों लोग बीते एक दशक से भी अधिक वक्त से अवैध तरीके से रह रहे थे. अवैध झुग्गियों के सड़क से लगे होने की वजह से आए दिन बस्ती के बच्चे सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते थे. ऐसे में अक्सर ही इस इलाके से चालकों से मारपीट की शिकायतें आया करती थी. वहीं, प्रशासन की माने तो इन लोगों को बीते 2 सालों से इलाके को खाली करने का नोटिस भेजा जा रहा था.
पुलिस के साथ नोकझोंक
भारी पुलिस बल के साथ इलाके को अतिक्रमण मुक्त कराने पहुंचे अधिकारियों के नोटिस के बाद ज्यादातर लोगों ने स्वेच्छा से इलाके को खाली किया. तो वहीं प्रशासन के साथ इलाके को अतिक्रमण मुक्त कराने पंहुचे जेसीबी पर कुछ लोगों का गुस्सा भी फूटा. जहां वैकल्पिक व्यवस्था की मांग करने वाले लोगों की अतिक्रमण मुक्त अभियान के दौरान पुलिस के साथ हल्की नोकझोंक की भी खबरें आई. हालांकि अधिकारियों ने इसे पूरी तरह से नकार दिया.
आए दिन जाम का कारण बनती थी अवैध झुग्गियां
बता दें कि शांति नगर इलाके में बसे इन झुग्गियों के कारण अक्सर ही इस इलाके में जाम की समस्या रहती थी. जो पुलिस के लिए सरदर्द सा बन गया था. साथ ही हादसे के बाद नाराज लोग अक्सर ही वाहन चालकों की पिटाई कर दिया करते थे. जिसके बाद से ही यह इलाका प्रशासन की हिट लिस्ट पर था.
दो सालों से भेजा जा रहा था प्रशासन को नोटिस
इस बाबत इलाके को खाली कराने के गए अंचलाधिकारी दीपक कुमार ने ऑन कैमरा मीडिया से बात करने से साफ तौर पर इंकार कर दिया. हालांकि ऑफ कैमरा उन्होंने बताया कि इलाके को खाली कराने को लेकर इन लोगों को कई बार नोटिस भेजा गया था. पिछले 2 सालों से भेजे जा रहे नोटिस के बावजूद ये लोग जमीन पर डटे हुए थे. जिसके चलते मजबूरन प्रशासन को इन झुग्गियों पर बुलडोजर चलाना पड़ा. इस संबंध में जब अधिकारी से बरसात और ठंड को लेकर बेघर लोगों को होने वाली परेशानी से जुड़े सवाल पूछे गए तो वे मीडिया के सवालों से बचकर भाग निकले.