पटना: कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन की मियाद बढ़ाई जा चुकी है. लॉकडाउन में सबसे खराब हालत दैनिक मजदूरी करने वालों के हैं, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. उन्हें न तो सरकारी मदद मिल रही है और न ही रोजी-रोटी कमाने का जरिया है. ऐसे में निजी तौर पर लोग उनकी मदद के लिए सामने आ रहे हैं.
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पॉकेट खर्च से गरीबों की मदद
राजधानी पटना के युवक अपने पॉकेट खर्च को काटकर गरीबों के मदद के लिए आगे आ रहे हैं. लॉकडाउन बढ़ने के बाद युवाओं ने फैसला लिया है कि भोजन के बदले गरीबों को अनाज ही दिया जाए. गरीब परिवार के लोग अनाज और जरूरत का सामान पाकर बहुत खुश हैं.
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...ताकि कोई गरीब भूखा न रहे
स्थानीय महिला पार्वती देवी का कहना है कि मेरे पास घर नहीं है और खाने को लेकर हम दर-दर भटक रहे थे. ऐसे में इस अनाज के सहारे हम अपने बच्चों को भोजन दे पाएंगे. वहीं, मदद को आगे आए वीरेंद्र का कहना है कि पीएम मोदी ने कहा कि कोई गरीब भूखा न रहे, इसलिए हम गरीबों की चिंता कर रहे हैं. कोशिश कर रहे हैं कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें अनाज उपलब्ध करा दिया जाए.
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मदद के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
वहीं, गरीबों की मदद को लेकर सत्यम लगातार प्रयास कर रहे हैं और उनकी सहायता कर रहे हैं. इनका कहना है कि जब भी हम गरीबों के बीच जाते हैं तो सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हैं. इस दौरान जो भी हम से मदद बन पड़ती है वह करते हैं.