पटनाः बिहार में सरकारी नौकरी का एक अलग ही क्रेज है. इसको लेकर युवा जनरल कंपटीशन की तैयारी में लगे रहते हैं लेकिन बिहार में जिस प्रकार से दो चरण की शिक्षक बहाली सफलता पूर्वक संपन्न हुई है, इसका परिणाम यह है कि तमाम युवा अब जनरल कंपटीशन की तैयारी छोड़कर या जनरल कंपटीशन के साथ-साथ बीपीएससी शिक्षक बनने की तैयारी में जुट गए हैं.
कोचिंग में बढ़ी बीपीएससी शिक्षक की इंक्वारीः जानकारी के मुताबिक कई युवा तो बीएड और डीएलएड जैसे कोर्सेज करने लगे हैं, ताकि बीपीएससी टीचर बन सकें. कोचिंग संस्थानों को भी अब शिक्षक बहाली के लिए अलग से बैच शुरू करना पड़ गया है. कोचिंग संचालक भी बता रहे हैं कि बीपीएससी शिक्षक के लिए इन दिनों इंक्वारी सबसे अधिक आ रही है. पटना के युवक सौरभ कुमार गुप्ता ने बताया कि वह बीएड कर रहे हैं और सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ शिक्षक बनने की भी तैयारी कर रहे हैं.
"पहले सिविल सर्विसेज के साथ जनरल कंपटीशन की तैयारी करते थे, लेकिन जिस तरह से शिक्षा विभाग में वैकेंसी आ रही है और जिस पारदर्शिता से बहाली हो रही है. इसे देख हम शिक्षक बनने के लिए काफी आकर्षित हुए हैं. बीपीएससी से चयनित होकर शिक्षक बनने का एक अलग सम्मान है और वेतन भी सम्मानजनक है"- सौरभ कुमार गुप्ता,छात्र
बीपीएससी टीचर की तैयारी में जुटी रोमीः पटना के एक कोचिंग संस्थान में बीपीएससी शिक्षक बनने की तैयारी कर रही महिला रोमी कुमारी ने कहा कि वह सारण जिले से हैं और पटना में रहकर शिक्षक बनने की तैयारी कर रही हैं. पहले वह जनरल कंपटीशन की तैयारी करती थी लेकिन कोरोना के समय उन्होंने बीएड किया था. पहले कभी शिक्षक बनने का सोचा नहीं था, लेकिन अब शिक्षा विभाग में हुई बहाली ने उन्हें काफी आकर्षित किया है. अब उन्होंने अपना सारा ध्यान बीपीएससी के तीसरे चरण की शिक्षक बहाली के लिए लगा दिया है.
टीचर बनने के लिए युवा हुए जागरूकः वहीं पटना के प्रख्यात शिक्षाविद गुरु रहमान ने बताया कि निश्चित तौर पर इन दोनों बीपीएससी शिक्षक बनने के लिए युवाओं में जागरूकता काफी अधिक बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि इसका प्रमुख कारण 72 दिनों के अंदर दो चरण में पारदर्शिता के साथ शिक्षकों की बहाली होना है. सरकार के अनुसार 2,17,159 शिक्षकों की बहाली हुई है और वह भी पारदर्शिता के साथ. शिक्षकों के गुणवत्ता पर भी सवाल नहीं खड़े हो रहे हैं और वेतन भी सम्मानजनक मिल रहा है.
"हर साल अगस्त में शिक्षकों की बहाली होनी है और इस बार भी 50000 से अधिक पदों पर वैकेंसी आनी है. यही सब कारण है कि जनरल कंपटीशन को छोड़कर सभी युवा अब शिक्षक बनने की तैयारी में लग गए हैं. मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले लोग भी अपनी नौकरी को छोड़कर बीपीएससी शिक्षक बने हैं. पुलिस में काफी संख्या में सिपाही भी अपनी नौकरी छोड़कर शिक्षक बने हैं, क्योंकि सिपाही की सैलरी से काफी अधिक और सम्मानजनक सैलरी शिक्षक की है"- गुरु रहमान, शिक्षाविद
क्लर्क से अच्छा वेतन शिक्षकों काः गुरु रहमान ने कहा कि निश्चित तौर पर सरकारी शिक्षक बनने के बाद युवाओं की शादी हो जा रही है. इन्हें समाज में दहेज भी अच्छा मिल रहा है, जिसे वह काफी गलत मानते हैं. लेकिन दहेज कोई कारण नहीं है कि युवा शिक्षक बनने के लिए बेचैन है. युवाओं में शिक्षक बनने की जिज्ञासा इसीलिए अधिक है, क्योंकि उन्हें पता है कि हर साल शिक्षकों की बहाली आने वाली है, जो पूरी पारदर्शिता के साथ होगी, क्लर्क से काफी अच्छा वेतन शिक्षक का है. इन्हीं कारणों से युवा टीचर बनने के लिए अधिक उत्सुक हैं.
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