पटना: साल 2021 समाप्ति की कागार पर है और 2022 का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. लेकिन 2021 की कुछ घटनाओं ने लोगों को झकझोर कर रख दिया, जिसे हर कोई भूलना चाहेगा. हत्या (Murder In Bihar) और ब्लास्ट (Bomb Blast Case In Bihar) की कई घटनाएं सिर्फ प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में सुर्खियों में छाई रही.
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साल 2021 के सितंबर माह तक पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के मुताबिक पूरे बिहार में कुल 2,07,400 मामले दर्ज किए गए, उसमें से हत्या के 2,168, डकैती के 198, लूट के 1861, चोरी के 28259, दंगा के 4876, किडनैपिंग के 7956 और रेप के 1168 मामले दर्ज किए गए.
2021 के चर्चित हत्याकांड: अगर बिहार के चर्चित हत्याकांड की बात करें तो, साल के शुरुआत में ही 12 जनवरी 2021 को राजधानी पटना के पुनाइचाक निवासी इंडिगो के स्टेशन मास्टर रूपेश सिंह की हत्या दिनदहाड़े उनके अपार्टमेंट के नीचे ही कर दी गई थी. इस मामले में बिहार पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी. शुरुआत में तो पटना पुलिस द्वारा कई तरह की बातें कही जा रही थी, लेकिन बाद में पुलिस ने रोडवेज को हत्या का कारण बताया था.
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इंडिगो स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड (Indigo Manager Rupesh Singh Murder Case) के चारों अपराधी ऋतुराज, सौरभ, पुष्कर और चौथे आरोपी आर्यन को काफी मशक्कत के बाद पकड़ा गया था. इस हत्याकांड के बाद प्रशासन ही नहीं सरकार पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे थे और लॉ एंड ऑर्डर पर भी विपक्ष सवालिया निशान खड़ा कर रहा था.
वहीं राजधानी पटना की एक और घटना ने काफी सुर्खियां बटोरी थी. 1 अक्टूबर को बीएमपी वन में हथियार घर की रक्षा करने वाले सिपाही अमर ने अपनी ही सहयोगी वर्षा की हत्या कर दी थी. वर्षा की हत्या करने के बाद सिपाही ने खुद को इंसास राइफल से उड़ा लिया था. दरअसल पुलिस की जांच में इन दोनों के बीच प्रेम प्रसंग का मामला सामने आया था.
19 जुलाई 2021 को सिल्क सिटी भागलपुर के बबरगंज के मोगलपुरा चर्चित काजल हत्याकांड ने बिहार पुलिस की पेट्रोलिंग पर कई सवाल खड़े किए थे. दरअसल 8 महीने की गर्भवती काजल की हत्या अपराधियों द्वारा कर दी गई थी. काजल के दम तोड़ते ही उसके पेट पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई थी. बता दें कि प्रापर्टी डीलिंग के धंधे से जुड़े मुहम्मद आरिफ से स्थानीय टिंकू मियां गिरोह के शूटरों की अदावत पुलिस की कथित मुखबिरी को लेकर चल रही थी. 19 जुलाई को आरिफ को निशाना बनाने को घात लगाए बदमाशों ने गोलियां चलाई जो दरवाजे पर अचानक सामने आई काजल को लग गई थी.
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12 अक्टूबर 2021 की रात राजधानी पटना के राजीव नगर के बसंत विहार कॉलोनी निवासी मॉडल अनीता देवी उर्फ मोना राय की हत्या उसके घर के बाहर ही कर दी गई थी. दरअसल मां दुर्गा के दर्शन कर लोटी महिला को अपराधियों ने गोली मार दी और इलाज के दौरान उसने 17 अक्टूबर को आईजीआईएमएस में दम तोड़ दिया था. हालांकि डेढ़ महीने बाद मॉडल मोना राय हत्याकांड में शामिल शूटर आरा के रहने वाला विश्वकर्मा कुमार ने पटना के सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया है.
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मॉडल मोना राय हत्याकांड (Model Mona Rai Murder Case) की मास्टरमाइंड शारदा समेत अन्य लोग अभी भी फरार हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि, शूटर विश्वकर्मा पूछताछ में पुलिस को और भी कई खुलासे कर सकता है. पुलिस ने इस मामले में कुल 7 लोगों को नामजद किया है, जिसमें भीम, विश्वकर्मा और शंकर को सुपारी दी गई थी. उनमें से दो अपराधी भीम और विश्वकर्मा की गिरफ्तारी हो चुकी है, बाकी अपराधी अभी फरार हैं. पुलिस की मानें तो मॉडल की हत्या एक्स्ट्रा मैरीटीयल अफेयर में की गई है. मॉडल के बिल्डर आशिक की पत्नी और बेटे ने ही हत्या कराई थी.
8 जून 2021 को सुबह 8:00 बजे के आस पास बांका सदर थाना क्षेत्र के नवतोलिया इलाके के नूरी इस्लामपुर मदरसा (Blast in Madarsa) की इमारत पर बड़ा बम विस्फोट हुआ था, जिसमें इमारत का बड़ा हिस्सा ढह गया था. बम धमाके में मदरसे के इमाम मौलाना अब्दुल मोमिन अंसारी घायल हो गए थे, जिसकी बाद में मौत हो गई थी. यह मदरसा बम ब्लास्ट बिहार ही नहीं बल्कि, देश मे सुर्खियां बटोर रहा था.
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हालांकि बांका मदरसा ब्लास्ट मामले में एसआईटी ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने सचिव फारुख अंसारी, सदस्य कुदरीश, अहमद और कुदुश मियां को गिरफ्तार किया है. साथ ही मृत मौलाना के शव को जिस कार से ले जाया गया था, उसे जब्त कर लिया गया था. शुरुआती दौर में जिस ब्लास्ट में मदरसा जमींदोज हुआ था उसे बिहार पुलिस देसी बम बता रही थी. इस ब्लास्ट में बाद में पता चला कि, 2 बच्चे भी घायल हुए थे. ब्लास्ट में 4 घायलों को गुप्त ठिकानों पर ले जाने की भी चर्चा थी.
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17 जून 2021 को बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुए पार्सल ब्लास्ट (Darbhanga Parcel Blast) ने बिहार ही नहीं पूरे देश को हिला दिया था. दरअसल सिकंदराबाद स्टेशन से पार्सल बुक कराया गया था. पार्सल के माध्यम से पूरी ट्रेन को उड़ाने की साजिश रची गई थी लेकिन योजना नाकामयाब रही.और दरभंगा रेलवे स्टेशन पर पार्सल उतारने के दौरान ब्लास्ट हुआ और पार्सल में आग लग गई थी. हालांकि विस्फोट में कोई घायल नहीं हुआ था.
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गौरतलब है कि, दरभंगा ब्लास्ट मामले में उत्तर प्रदेश के शामली से 2 जुलाई को दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था तो वहीं, 30 जून को हैदराबाद से इमरान मलिक और नासिर मलिक को गिरफ्तार किया गया था. इस ब्लास्ट के पीछे बड़ी आतंकी साजिश के तार पाकिस्तान से जुड़े होने पता चला है. हालांकि चारों आरोपी राजधानी पटना के बेउर जेल में बंद हैं. एनआईए इन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है और अब तक इनका ट्रायल नहीं हुआ है. इनके खिलाफ साक्ष्य इकट्ठा करने के बाद कोर्ट में इन्हें प्रस्तुत किया जाएगा और तब इन्हें सजा दिलवाई जाएगी.
साल 2021 में इन बड़ी घटनाओं ने न सिर्फ पुलिस प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दीं बल्कि, विपक्ष ने इन तमाम मुद्दों को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया. कई मामलों में तो पुलिस की काफी किरकिरी भी हुई. पूरे साल ये मामले सुर्खियों में बने रहे.
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