पटना: शारदीय नवरात्र सप्तमी के मौके पर पटनासिटी के आलमगंज स्थित शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी मंदिर और हरमंदिर गली स्तिथ छोटी पटनदेवी मंदिर में श्रंद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है. भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं. शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी मंदिर में दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. मान्यता है कि बड़ी पटनदेवी मंदिर में 51वां शक्ति पीठ है. जहां माता के तीन रूप महाकाली, महालक्ष्मी और सरस्वती के रूप में विराज मान हैं.
51वां शक्ति पीठ
बताया जाता है की जो भी श्रद्धालु यहां सच्चे दिल से मां भगवती का आराधना करते हैं. उनकी सभी मनोकामना पूरी होती है. इस मंदिर का प्राचीन इतिहास रहा है कि मां शक्ति का दक्षिण जंघा यहा गिरा था. प्राचीन कथा के अनुसार राजा दक्ष की पुत्री मां सती यग में भाग लेने मायके गई. जहां माता सती ने यज्ञ में सभी देवताओ का स्थान देखा पर अपने पति भगवान शंकर का कोई स्थान नहीं देख काफी दुखी हुई और यग कुण्ड में कूदकर अपने प्राणों की आहुति दे दी. जिसकी खबर सुनते ही भगवान शंकर यग स्थल पहुंचकर सती के मृत शरीर को लेकर तीनों लोक में भ्रमण करने लगे. देवताओं की प्रार्थना सुन भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के मृत शरीर के अंग-प्रत्यंग को काटना शुरू किया. जिसमें 51 जगहों पर उनके आभूषण,वस्त्र और अंग गिरे. जिसमें दक्षिण जंघा बड़ी पटन देवी में गिरा जिसे आज 51वां शक्ति पीठ बड़ी पटन देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है.
मंदिरों में लगी भीड़
पटना में ज्यादातर मंदिरों में सुबह 5 बजे माता की आरती के बाद मंदिर का पट श्रद्धालुओं के दर्शन के बाद खोल दिया गया है. सुबह से लेकर शाम तक मंदिर में पूजा करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. बड़ी पटनदेवी मंदिर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. यहां पर भी काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की. इस बार पूजा पंडाल नहीं लगने के कारण देवी मंदिरों में भीड़ केंद्रित हो गई है. मंदिरों में ही आकर लोग पूजा और दर्शन कर रहे हैं.