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चैत्र नवरात्र का छठा दिन, आज मां कात्यायनी की होती है पूजा - navratri

आज चैत्र नवरात्र का छठा दिन है. आज मां कात्यायनी की पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है और विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं.

मां कात्यायनी
मां कात्यायनी
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Published : Apr 18, 2021, 6:00 AM IST

पटना: चैत्र नवरात्रों का आज छठवां दिन है. आज के दिन मां कात्यायनी की पूजा अर्चना की जाती है. मां दुर्गा का छठा स्वरूप मां कात्यायनी, जिन्हें महिषासुर का वध करने वाली महिषासुर मर्दनी भी कहा जाता है. मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है और विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं.

मां कात्यायनी बेहद दयालु
मां कात्यायनी की चार भुजाएं हैं, एक हाथ में माता ने खड़ग तो दूसरे हाथ में कमल पुष्प ली हुई हैं. अन्य दो हाथों में माता वर मुद्रा और अभय मुद्रा में भक्तों को आशीर्वाद दे रही हैं. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा का यह स्वरूप अत्यंत दयालु और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करने वाला है.

ऋषि कात्यायन के घर लिया जन्म
उन्होंने बताया कि मां कात्यायनी बेहद उदार हैं और वह भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. ऋषि कात्यायन माता के परम भक्त थे, उन्होंने इसके लिए तपस्या की और उनकी तपस्या से खुश होकर मां ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया. ऋषि कात्यायन की बेटी होने के कारण उनका नाम कात्यायनी कहा जाता है.

पटना: चैत्र नवरात्रों का आज छठवां दिन है. आज के दिन मां कात्यायनी की पूजा अर्चना की जाती है. मां दुर्गा का छठा स्वरूप मां कात्यायनी, जिन्हें महिषासुर का वध करने वाली महिषासुर मर्दनी भी कहा जाता है. मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है और विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं.

मां कात्यायनी बेहद दयालु
मां कात्यायनी की चार भुजाएं हैं, एक हाथ में माता ने खड़ग तो दूसरे हाथ में कमल पुष्प ली हुई हैं. अन्य दो हाथों में माता वर मुद्रा और अभय मुद्रा में भक्तों को आशीर्वाद दे रही हैं. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा का यह स्वरूप अत्यंत दयालु और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करने वाला है.

ऋषि कात्यायन के घर लिया जन्म
उन्होंने बताया कि मां कात्यायनी बेहद उदार हैं और वह भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. ऋषि कात्यायन माता के परम भक्त थे, उन्होंने इसके लिए तपस्या की और उनकी तपस्या से खुश होकर मां ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया. ऋषि कात्यायन की बेटी होने के कारण उनका नाम कात्यायनी कहा जाता है.

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