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World Cancer Day: क्या है कैंसर के सामान्य लक्षण? बचाव, रोकथाम के लिए क्या करें क्या न करें

विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से क्लोजिंग द केयर गैप की थीम पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर विशेषज्ञों ने कैंसर से बचाव, रोकथाम सहित अन्य जरुरी जानकारियां साझा की. पढ़ें पूरी जानकारी...

World Cancer Day
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Published : Feb 4, 2022, 10:36 PM IST

पटनाः बिहार स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शुक्रवार को क्लोजिंग द केयर गैप की थीम पर विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day On Theme of Closing The Care Gap ) मनाया गया. इसको लेकर जगह-जगह कैंसर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए. निशुल्क जांच कैंप चलाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में पटना के गर्दनीबाग अस्पताल में सिविल सर्जन कार्यालय के तत्वाधान में निशुल्क कैंसर जांच कैंप चलाया गया और सिविल सर्जन कार्यालय में कैंसर जागरूकता प्रोग्राम आयोजित किया गया.

इसे भी पढ़ें- World Cancer Day: 10 साल में 2 गुना बढ़े कैंसर के रोगी, आप भी तो नहीं कर रहे ये लापरवाही!

इस मौके पर कार्यक्रम में मौजूद चिकित्सकों ने विभिन्न प्रकार के कैंसर की पहचान, उनके इलाज के लिए उपलब्ध व्यवस्थाएं और कैंसर से बचाव के लिए कैसी जीवनशैली फॉलो करें, इन सब बारे में लोगों को विस्तृत रूप से जानकारी दी. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार में प्रति वर्ष 1.40 लाख कैंसर के मामले सामने आते हैं, जिसमें माउथ कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के मामले अधिक होते हैं.

कैंसर बीमारी का सबसे बड़ा कारण तंबाकू का सेवन है और तंबाकू सेवन से भारत में प्रतिदिन लगभग 2200 लोगों की मृत्यु होती है और इनमें ज्यादातर संख्या बिहार के लोगों की होती है. इन सभी स्थितियों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग बिहार में शुरुआती लक्षण की जांच और जागरूकता पर विशेष बल दे रहा है.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनुपमा ने बताया कि कैंसर से बचाव का सबसे पहला और प्रभावी कदम है कैंसर की पहचान करना है. आज के समय में देश दुनिया में कैंसर काफी तेजी से फैल रहा है और समय रहते इसकी जागरूकता पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में प्रत्येक 10 में एक व्यक्ति कैंसर के मरीज मिलेंगे.

उन्होंने कहा कि इसके लिए कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना होगा जैसे कि यदि किसी को पेशाब, थूक और मल के माध्यम से खून का स्त्राव होता है. ऐसे में अविलंब चिकित्सक से मिलना चाहिए. यदि किसी महिला के ब्रेस्ट में गांठ है या ब्रेस्ट से खून निकल रहा है, मुंह के रंग का बदलाव हो रहा है या मुंह से खून निकल रहा है, इन सभी स्थितियों में चिकित्सक से तुरंत मिलना चाहिए. इन सब बातों को लेकर साल में एक बार जरूर अपना चेकअप कराना चाहिए. कैंसर को लेकर यदि जागरूक होंगे तभी कैंसर को हराया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें- विश्व कैंसर दिवस पर राज्य भर में आयोजित होंगे निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श शिविरः मंगल

कैंसर के मरीजों के लिए काम करने वाली टाटा मेमोरियल संस्था की इकाई होमी भाभा कैंसर रिसर्च सेंटर पटना की सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर जयदीपा ने बताया कि पटना के गर्दनीबाग अस्पताल में टीम को काम करते हुए लगभग 1 वर्ष होने जा रहे हैं. इस दौरान चार चिकित्सकों की टीम ने पटना जिले के शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर 150 से ज्यादा कैंसर जागरूकता कैंप किए हैं और इस क्रम में 12000 लोगों की जांच की गई है.

इनमें 20 कैंसर के मरीज मिले जिनका इलाज हो रहा है और 500 कैंसर के संदिग्ध मरीज मिले हैं जिनकी जांच की जा रही है. डॉ जयदीपा ने बताया कि पटना में कैंसर की जो मामले सामने आ रहे हैं उसका मुख्य वजह तंबाकू सेवन है. 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में कैंसर के मामले अधिक मिल रहे हैं. ऐसे में वह सभी जब स्क्रीनिंग करते हैं मरीजों का तब 30 वर्ष से 60 वर्ष के आयु वर्ग वाले लोगों को ही स्क्रीनिंग के लिए चिन्हित करते हैं.

उन्होंने बताया कि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के अलावा सर्वाइकल कैंसर के भी मामले बढ़ गए हैं. इसका मुख्य वजह है हाइजीन की कमी. ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी शौचालय का काफी अभाव है और महिलाएं शौच के लिए कॉमन एरिया का इस्तेमाल करती हैं. ऐसे में इंफेक्शन का चांस बढ़ जाता है.

वो बताती हैं कि सर्वाइकल कैंसर की पहचान ये है कि यदि किसी महिला को अधिक वेजाइनल डिस्चार्ज हो रहा है या दो मासिक के बीच में एक मासिक हो जा रहा है. कमर और हाथ पैर में दर्द रह रही है या किसी महिला को 50 वर्ष की आयु के बाद यानी कि मीनोपॉज के बाद वापस बिल्डिंग शुरू हो जाती है, तो इन लक्षणों को हल्के में ना लेकर चिकित्सकों से मिलकर जांच करवाना चाहिए.

वहीं, गर्दनीबाग अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ मंजुला रानी ने बताया कि अस्पताल में लोगों को कैंसर से जागरूक करने के लिए जागरूकता के पेंपलेट दिए जा रहे हैं. निशुल्क डायग्नोसिस भी उपलब्ध है और लोग इसका लाभ ले रहे हैं. यदि किसी को कैंसर डिटेक्ट होता है तो उन्हें ट्रीटमेंट के लिए विभिन्न कैंसर केयर संस्थानों में भेजा भी जाता है.

पटना जिला सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि क्लीयरिंग द केयर गैप किसिंग पर इस वर्ष वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जा रहा है. महिलाओं में सामान्यतः ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, लंग्स कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर के मामले अधिक मिलते हैं. वहीं, पुरुषों में माउथ कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, लिवर कैंसर और लंग्स कैंसर के मामले अधिक मिलते हैं.

इसे भी पढ़ें- शर्मनाक! बिहार के सिस्टम की 'हवा' निकालती रिपोर्ट, सड़क पर पंक्चर बना रहा ये इंटरनेशनल खिलाड़ी

कैंसर के प्रति जागरूकता को लेकर प्रचार प्रसार और काम स्वास्थ्य विभाग द्वारा सालों भर चलते रहता है. ग्रास रूट लेवल पर काम होता है और इसके लिए आशा वॉलिंटियर घूम-घूम कर अपने क्षेत्र में लोगों से मिलते रहती हैं. यदि किसी को कैंसर का कोई सिस्टम है, उसका पूरा लेखा-जोखा लेती हैं और फिर अपने स्थानीय पीएचसी के प्रभारी को जमा करती हैं जिसका सारा रिपोर्ट जिला को प्राप्त होता है. फिर उस अनुसार जो सस्पेक्टेड हैं उन्हें सेंटर पर बुलाकर उनका जांच किया जाता है.

सिविल सर्जन ने बताया कि कैंसर से बचना है तो हमें अपने आहार पर भी विशेष ध्यान देना होगा. वसायुक्त भोजन कम करें, फास्ट फूड और डब्बा बंद खाना ना खाएं, तंबाकू उत्पादों का सेवन ना करें, हमेशा फाइबर युक्त और ताजा भोजन ही खाएं.

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पटनाः बिहार स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शुक्रवार को क्लोजिंग द केयर गैप की थीम पर विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day On Theme of Closing The Care Gap ) मनाया गया. इसको लेकर जगह-जगह कैंसर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए. निशुल्क जांच कैंप चलाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में पटना के गर्दनीबाग अस्पताल में सिविल सर्जन कार्यालय के तत्वाधान में निशुल्क कैंसर जांच कैंप चलाया गया और सिविल सर्जन कार्यालय में कैंसर जागरूकता प्रोग्राम आयोजित किया गया.

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इस मौके पर कार्यक्रम में मौजूद चिकित्सकों ने विभिन्न प्रकार के कैंसर की पहचान, उनके इलाज के लिए उपलब्ध व्यवस्थाएं और कैंसर से बचाव के लिए कैसी जीवनशैली फॉलो करें, इन सब बारे में लोगों को विस्तृत रूप से जानकारी दी. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार में प्रति वर्ष 1.40 लाख कैंसर के मामले सामने आते हैं, जिसमें माउथ कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के मामले अधिक होते हैं.

कैंसर बीमारी का सबसे बड़ा कारण तंबाकू का सेवन है और तंबाकू सेवन से भारत में प्रतिदिन लगभग 2200 लोगों की मृत्यु होती है और इनमें ज्यादातर संख्या बिहार के लोगों की होती है. इन सभी स्थितियों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग बिहार में शुरुआती लक्षण की जांच और जागरूकता पर विशेष बल दे रहा है.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनुपमा ने बताया कि कैंसर से बचाव का सबसे पहला और प्रभावी कदम है कैंसर की पहचान करना है. आज के समय में देश दुनिया में कैंसर काफी तेजी से फैल रहा है और समय रहते इसकी जागरूकता पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में प्रत्येक 10 में एक व्यक्ति कैंसर के मरीज मिलेंगे.

उन्होंने कहा कि इसके लिए कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना होगा जैसे कि यदि किसी को पेशाब, थूक और मल के माध्यम से खून का स्त्राव होता है. ऐसे में अविलंब चिकित्सक से मिलना चाहिए. यदि किसी महिला के ब्रेस्ट में गांठ है या ब्रेस्ट से खून निकल रहा है, मुंह के रंग का बदलाव हो रहा है या मुंह से खून निकल रहा है, इन सभी स्थितियों में चिकित्सक से तुरंत मिलना चाहिए. इन सब बातों को लेकर साल में एक बार जरूर अपना चेकअप कराना चाहिए. कैंसर को लेकर यदि जागरूक होंगे तभी कैंसर को हराया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें- विश्व कैंसर दिवस पर राज्य भर में आयोजित होंगे निःशुल्क कैंसर रोग परामर्श शिविरः मंगल

कैंसर के मरीजों के लिए काम करने वाली टाटा मेमोरियल संस्था की इकाई होमी भाभा कैंसर रिसर्च सेंटर पटना की सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर जयदीपा ने बताया कि पटना के गर्दनीबाग अस्पताल में टीम को काम करते हुए लगभग 1 वर्ष होने जा रहे हैं. इस दौरान चार चिकित्सकों की टीम ने पटना जिले के शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर 150 से ज्यादा कैंसर जागरूकता कैंप किए हैं और इस क्रम में 12000 लोगों की जांच की गई है.

इनमें 20 कैंसर के मरीज मिले जिनका इलाज हो रहा है और 500 कैंसर के संदिग्ध मरीज मिले हैं जिनकी जांच की जा रही है. डॉ जयदीपा ने बताया कि पटना में कैंसर की जो मामले सामने आ रहे हैं उसका मुख्य वजह तंबाकू सेवन है. 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में कैंसर के मामले अधिक मिल रहे हैं. ऐसे में वह सभी जब स्क्रीनिंग करते हैं मरीजों का तब 30 वर्ष से 60 वर्ष के आयु वर्ग वाले लोगों को ही स्क्रीनिंग के लिए चिन्हित करते हैं.

उन्होंने बताया कि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के अलावा सर्वाइकल कैंसर के भी मामले बढ़ गए हैं. इसका मुख्य वजह है हाइजीन की कमी. ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी शौचालय का काफी अभाव है और महिलाएं शौच के लिए कॉमन एरिया का इस्तेमाल करती हैं. ऐसे में इंफेक्शन का चांस बढ़ जाता है.

वो बताती हैं कि सर्वाइकल कैंसर की पहचान ये है कि यदि किसी महिला को अधिक वेजाइनल डिस्चार्ज हो रहा है या दो मासिक के बीच में एक मासिक हो जा रहा है. कमर और हाथ पैर में दर्द रह रही है या किसी महिला को 50 वर्ष की आयु के बाद यानी कि मीनोपॉज के बाद वापस बिल्डिंग शुरू हो जाती है, तो इन लक्षणों को हल्के में ना लेकर चिकित्सकों से मिलकर जांच करवाना चाहिए.

वहीं, गर्दनीबाग अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ मंजुला रानी ने बताया कि अस्पताल में लोगों को कैंसर से जागरूक करने के लिए जागरूकता के पेंपलेट दिए जा रहे हैं. निशुल्क डायग्नोसिस भी उपलब्ध है और लोग इसका लाभ ले रहे हैं. यदि किसी को कैंसर डिटेक्ट होता है तो उन्हें ट्रीटमेंट के लिए विभिन्न कैंसर केयर संस्थानों में भेजा भी जाता है.

पटना जिला सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि क्लीयरिंग द केयर गैप किसिंग पर इस वर्ष वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जा रहा है. महिलाओं में सामान्यतः ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, लंग्स कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर के मामले अधिक मिलते हैं. वहीं, पुरुषों में माउथ कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, लिवर कैंसर और लंग्स कैंसर के मामले अधिक मिलते हैं.

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कैंसर के प्रति जागरूकता को लेकर प्रचार प्रसार और काम स्वास्थ्य विभाग द्वारा सालों भर चलते रहता है. ग्रास रूट लेवल पर काम होता है और इसके लिए आशा वॉलिंटियर घूम-घूम कर अपने क्षेत्र में लोगों से मिलते रहती हैं. यदि किसी को कैंसर का कोई सिस्टम है, उसका पूरा लेखा-जोखा लेती हैं और फिर अपने स्थानीय पीएचसी के प्रभारी को जमा करती हैं जिसका सारा रिपोर्ट जिला को प्राप्त होता है. फिर उस अनुसार जो सस्पेक्टेड हैं उन्हें सेंटर पर बुलाकर उनका जांच किया जाता है.

सिविल सर्जन ने बताया कि कैंसर से बचना है तो हमें अपने आहार पर भी विशेष ध्यान देना होगा. वसायुक्त भोजन कम करें, फास्ट फूड और डब्बा बंद खाना ना खाएं, तंबाकू उत्पादों का सेवन ना करें, हमेशा फाइबर युक्त और ताजा भोजन ही खाएं.

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