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भारत बंद को सफल बनाने सड़क पर उतरा श्रमिक यूनियन, कहा- मजदूर विरोधी है सरकार

बंद का असर भले ही राजधानी में कम दिख रहा है. लेकिन राजधानी के मुख्य चौक-चौराहों पर मजदूर यूनियन के सैकड़ों कार्यकर्ता झंडा, बैनर लेकर सड़क पर बंद करते दिख रहे हैं. इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बिहार के वैसे कर्मचारी भी शामिल हैं, जो ठेके या संविदा पर काम कर रहे हैं.

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राष्ट्रव्यापी हड़ताल
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Published : Jan 8, 2020, 12:49 PM IST

पटना: मजदूर यूनियन अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर हैं. जिसमें कई मजदूर यूनियन शामिल हैं. इसी चलते राजधानी के कारगिल चौक पर यूनियन ने बंद को सफल बनाने के लिए प्रदर्शन किया. मजदूरों का दल कारगिल चौक से निकलकर रिजर्व बैंक के मुख्य द्वार पर पहुंचा. जहां उन्होंने इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. मजदूर यूनियन के लोगों ने कहा कि केंद्र सरकार कहीं न कहीं श्रमिक कानून की अनदेखी कर रही है.

एनआरसी का विरोध
मजदूर यूनियन के लोगों ने कहा कि एनआरसी लागू करने की जो बात हो रही है, इससे दलित और गरीबों को काफी दिक्कतें होगी. साथ ही कहा कि जो भूमिहीन लोग हैं, उन्हें अपनी नागरिकता प्रमाणित करने में भी परेशानी होगी, तो निश्चित तौर पर इन सब कानूनों का हम लोग आज विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम लोग के हड़ताल का एक मुद्दा सीएए और एनपीआर भी है. जिसे सरकार को वापस लेना होगा.

देखें पूरी रिर्पोट

आंगनबाड़ी महिलाएं हड़ताल का कर रही है समर्थन
बंद का असर भले ही राजधानी में कम दिख रहा है. लेकिन राजधानी के मुख्य चौक-चौराहों पर मजदूर यूनियन के सैकड़ों कार्यकर्ता झंडा, बैनर लेकर सड़क पर बंद करते दिख रहे हैं. इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बिहार के वैसे कर्मचारी भी शामिल हैं, जो ठेके या संविदा पर काम कर रहे हैं. वहीं, आंगनबाड़ी में काम कर रही महिलाओं ने भी हड़ताल में अपना समर्थन दिया है.

पटना: मजदूर यूनियन अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर हैं. जिसमें कई मजदूर यूनियन शामिल हैं. इसी चलते राजधानी के कारगिल चौक पर यूनियन ने बंद को सफल बनाने के लिए प्रदर्शन किया. मजदूरों का दल कारगिल चौक से निकलकर रिजर्व बैंक के मुख्य द्वार पर पहुंचा. जहां उन्होंने इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. मजदूर यूनियन के लोगों ने कहा कि केंद्र सरकार कहीं न कहीं श्रमिक कानून की अनदेखी कर रही है.

एनआरसी का विरोध
मजदूर यूनियन के लोगों ने कहा कि एनआरसी लागू करने की जो बात हो रही है, इससे दलित और गरीबों को काफी दिक्कतें होगी. साथ ही कहा कि जो भूमिहीन लोग हैं, उन्हें अपनी नागरिकता प्रमाणित करने में भी परेशानी होगी, तो निश्चित तौर पर इन सब कानूनों का हम लोग आज विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम लोग के हड़ताल का एक मुद्दा सीएए और एनपीआर भी है. जिसे सरकार को वापस लेना होगा.

देखें पूरी रिर्पोट

आंगनबाड़ी महिलाएं हड़ताल का कर रही है समर्थन
बंद का असर भले ही राजधानी में कम दिख रहा है. लेकिन राजधानी के मुख्य चौक-चौराहों पर मजदूर यूनियन के सैकड़ों कार्यकर्ता झंडा, बैनर लेकर सड़क पर बंद करते दिख रहे हैं. इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बिहार के वैसे कर्मचारी भी शामिल हैं, जो ठेके या संविदा पर काम कर रहे हैं. वहीं, आंगनबाड़ी में काम कर रही महिलाओं ने भी हड़ताल में अपना समर्थन दिया है.

Intro:एंकर अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर कई मजदूर यूनियन आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर हैं जिसमें एक एआईआरसीटीओ सहित कई मजदूर यूनियन शामिल है राजधानी पटना के सड़कों पर विभिन्न नियमों से उन लोगों ने बंद को सफल बनाने के लिए प्रदर्शन किया कारगिल चौक से निकला हुआ यह मजदूरों का जत्था रिजर्व बैंक के मुख्य द्वार तक गया जहां पर सभी मजदूर यूनियन इकट्ठा होकर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की श्रमिक कानून को लेकर सभी मजदूर यूनियन की एक ही राय है कि केंद्र सरकार कहीं न कहीं श्रमिक कानून की अनदेखी कर रही है


Body:वहीं दूसरी तरफ अगर हम बात करें तो दिए और एनआरसी को लेकर ही मजदूर यूनियन के लोगों में रोष दिख रहा है और साफ-साफ मजदूर यूनियन के लोग यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि कहीं ना कहीं एनसीआर जो लागू किया जा रहा है इससे दलित और गरीबों को काफी दिक्कतें होगी साथ ही जो भूमि ही लोग हैं उन्हें अपना नागरिकता प्रमाणित करने में भी दिक्कत होगा तो निश्चित तौर पर इन सब कानूनों का भी हम लोग आज ही विरोध कर रहे हैं और जो हड़ताल जो बंद हम लोगों ने बुलाया है उसका एक मुद्दा एनआरसी और एनपीआर भी है सरकार को इसे वापस लेना होगा


Conclusion:बंद का असर भले ही राजधानी पटना में कम दिख रहा है लेकिन राजधानी पटना के मुख्य चौक चौराहे पर मजदूर यूनियन के सैकड़ों कार्यकर्ता झंडा बैनर लेकर सड़क पर बंद कराते दिख रहे हैं आज की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बिहार के वैसे कर्मचारी भी शामिल हैं जो या तो ठेके या संविदा पर काम कर रहे हैं निश्चित तौर पर आंगनवाड़ी में काम कर रही महिलाओं ने भी आज के बंद को अपना साथ दिया है
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