पटना: कोरोना वायरस के चलते देशभर में 3 मई तक लॉक डाउन लागू है. इसके चलते सभी सरकारी योजनाएं पूरी तरह से ठप पड़ गईं हैं. हालांकि, नीतीश सरकार ने निर्णय लिया है कि जल्द ही ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं को फिर से शुरू किया जाएगा. ताकि अन्य राज्यों से आए हुए मजदूरों के साथ-साथ स्थानीय मजदूरों को भी रोजगार मिल सके.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर ग्रामीण विकास विभाग को कई बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. इनमें खेतों या अन्य जगहों पर काम करने वाले मजदूरों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना मास्क और साबुन व पानी मुहैया कराना है. ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि राज्य के सभी विभागों को ग्रामीण विकास विभाग मास्क मुहैया कराएगा. उन्होंने साफ तौर से कहा गांव और खेतों में काम करने वाले मजदूरों को मुफ्त में मास्क दिया जाएगा.
तैनात किये जाएंगे टीम लीडर
खासतौर पर, मनरेगा में काम कर रहे मजदूरों के लिए एक टीम लीडर की भी व्यवस्था की जा रही है, जो सभी मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में विशेष जानकारी देगा और मास्क साबुन पानी का भी इंतजाम कराएगा. एक मास्क का इस्तेमाल 15 दिनों तक किया जाएगा क्योंकि जीविका के द्वारा बनाए गए मास्क सूती कपड़े का है इसीलिए उसे रोज होकर इस्तेमाल करने का निर्देश सभी मजदूरों को दिया जा रहा है.
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10 लाख मास्क बना रही जीविका दीदीयां
अरविंद चौधरी ने बताया कि अब तक जीविका समूह ने तकरीबन 10 लाख मास्क का निर्माण कर लिया गया है, जिसे भी जरूरत होगा उसे जीविका समूह के द्वारा मास्क उपलब्ध कराया जाएगा. नीतीश सरकार लॉक डाउन के बीच ही वैसी तमाम जगहों को चिन्हित कर रही है, जहां कोरोना वायरस का कोई प्रभाव नहीं है. जिन इलाकों में कोरोना अब तक अपना पांव नहीं पकड़ा है. उन्हीं इलाकों में मनरेगा मजदूर या अन्य सरकारी काम करने की अनुमति दी जा रही है.
- पिछले 24 घंटे में अब तक मनरेगा के 2 लाख 85 हजार मजदूरों ने काम प्रारंभ भी कर दिया है. राज्य सरकार ने उन इलाकों में जहां कोरोना वायरस का कोई भी मरीज नहीं है वहां काम शुरू करने की पूरी तैयारी कर ली है.