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30 जनवरी को आयोजित मानव श्रृंखला में महिलाओं की होगी उचित भागीदारी- ऐपवा

दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को पूरे देश भर के किसान संगठन के साथ राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है. महिला संगठन भी इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. इस क्रम में ऐपवा ने कहा कि 30 जनवरी को आयोजित मानव श्रृंखला में महिलाओं की उचित भागीदारी रहेगी.

Bihar
ऐपवा संगठन
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Published : Jan 26, 2021, 3:27 AM IST

पटना: दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को पूरे देश भर के किसान संगठन के साथ राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है. महिला संगठन भी इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. शुरुआती दिनों से किसान आंदोलन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रही हैं. ऐपवा संगठन ने किसानों के आंदोलन को तेज करने के लिए आगामी 30 जनवरी को बिहार में मानव श्रृंखला बनाने का फैसला लिया है.

Bihar
ऐपवा संगठन
मानव श्रृंखला को ऐतिहासिक बनाने का फैसलाबिहार में महागठबंधन के सभी घटक दलों ने मानव श्रृंखला को ऐतिहासिक बनाने का फैसला किया है. किसान आंदोलन में कैंप करने के बाद दिल्ली से लौटी ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने बताया कि 'किसान आंदोलन में महिलाएं भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. आगामी 30 जनवरी को आयोजित मानव श्रृंखला में भी महिलाओं के उल्लेखनीय भागीदारी होगी. जिसकी तैयारी जोरों शोरों से चल रही है. देश और बिहार राज्य में महिलाएं काफी संख्या में कृषि से जुड़ी हुई हैं और किसानों के साथ खड़ी है. आज के समय में महिलाएं पुरुष से कम नहीं है. पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं.'
देखें रिपोर्ट

पढ़ें: किसान आंदोलन के समर्थन में बिहार में भी ट्रैक्टर मार्च, पटना में नहीं मिली इजाजत

इसका सीधा असर गरीब लोगों और खेतिहर महिलाओं पर पड़ेगा
उन्होंने कहा कि हमारी टीम पूरे बिहार के विभिन्न हिस्सों में महिला संगठनों के साथ बैठक कर किसान आंदोलन को तेज करने की रणनीति तैयार कर रही है. बिहार की महिलाएं किसानों के समर्थन में खड़ी है क्योंकि तीनों कृषि विरोधी काला कानून रद्द नहीं हुआ तो आने वाले समय में किसानों के साथ-साथ इसका सबसे ज्यादा असर गरीब लोगों और खेतिहर महिलाओं को झेलना पड़ेगा. बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ ने भी आगामी 30 जनवरी की मानव श्रृंखला में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का फैसला लिया है और विभिन्न महिला संगठन आगामी 30 जनवरी को ऐतिहासिक मानव श्रृंखला बनाई जाएगी.

पटना: दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को पूरे देश भर के किसान संगठन के साथ राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है. महिला संगठन भी इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. शुरुआती दिनों से किसान आंदोलन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रही हैं. ऐपवा संगठन ने किसानों के आंदोलन को तेज करने के लिए आगामी 30 जनवरी को बिहार में मानव श्रृंखला बनाने का फैसला लिया है.

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मानव श्रृंखला को ऐतिहासिक बनाने का फैसलाबिहार में महागठबंधन के सभी घटक दलों ने मानव श्रृंखला को ऐतिहासिक बनाने का फैसला किया है. किसान आंदोलन में कैंप करने के बाद दिल्ली से लौटी ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने बताया कि 'किसान आंदोलन में महिलाएं भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. आगामी 30 जनवरी को आयोजित मानव श्रृंखला में भी महिलाओं के उल्लेखनीय भागीदारी होगी. जिसकी तैयारी जोरों शोरों से चल रही है. देश और बिहार राज्य में महिलाएं काफी संख्या में कृषि से जुड़ी हुई हैं और किसानों के साथ खड़ी है. आज के समय में महिलाएं पुरुष से कम नहीं है. पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं.'
देखें रिपोर्ट

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इसका सीधा असर गरीब लोगों और खेतिहर महिलाओं पर पड़ेगा
उन्होंने कहा कि हमारी टीम पूरे बिहार के विभिन्न हिस्सों में महिला संगठनों के साथ बैठक कर किसान आंदोलन को तेज करने की रणनीति तैयार कर रही है. बिहार की महिलाएं किसानों के समर्थन में खड़ी है क्योंकि तीनों कृषि विरोधी काला कानून रद्द नहीं हुआ तो आने वाले समय में किसानों के साथ-साथ इसका सबसे ज्यादा असर गरीब लोगों और खेतिहर महिलाओं को झेलना पड़ेगा. बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ ने भी आगामी 30 जनवरी की मानव श्रृंखला में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का फैसला लिया है और विभिन्न महिला संगठन आगामी 30 जनवरी को ऐतिहासिक मानव श्रृंखला बनाई जाएगी.

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