नई दिल्ली/ पटना : लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान एलजेपीआर प्रमुख चिराग पासवान ने विपक्षी दलों पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि संविधान में 128वें संविधान संशोधन पर आए इस विधेयक के समर्थन में मैं अपनी बातों को रख रहा हूं. दो दिन पहले पुराने संसद में जब अपनी अंतिम संबोधन कर रहा था, उस वक्त यह मालूम नहीं था कि जब नए संसद में जाऊंगा और उस संसद में जो पहला संबोधन होगा वह देश की आधी आबादी से जुड़ा होगा.
ये भी पढ़ें : Womens Reservation Bill : महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पास, समर्थन में 454 और विरोध में AIMIM के ओवैसी समेत दो ने मत डाला
'महिला आरक्षण विधेयक पर खूब राजनीति हुई है': चिराग ने कहा कि लंबे समय से इसकी मांग हो रही थी. यकीनन यह हमलोगों के लिए सौभाग्य की बात है. लंबे समय से हर राजनीतिक दल और हर राजनेता की मांग रही, लेकिन सभी राजनीतिक दलों ने इस पर अपनी राजनीति भी खूब रची. इस कानून को बेहतर बनाने की आड़ में, इस कानून को अधिक सशक्त करने की आड़ में, महिलाओं को और अधिकार देने की आड़ में इसे लगातार लटकाया गया.
'विपक्षी दल ने सदन में आने से इसे रोका' : एलजेपीआर प्रमुख ने कहा कि इसे संसद में आने से रोका गया. यही कारण है कि यह कानून पिछले 27 सालों से अभी तक अपने मूल रूप में नहीं आ पाया, या धरातल पर नहीं आ पाया. क्योंकि इस पर सिर्फ राजनीति हुई. बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर ने कहा था कि किसी भी समाज या देश के विकास के मापदंड को अगर परखना है तो वहां की महिलाओं के विकास को आपको देखना होगा. हमारे देश से बेहतर उदाहरण और क्या हो सकता है कि हमारे देश के सर्वोच्च पद पर एक महिला बैठी है.
'कानून सशक्त करने की आड़ में रोककर रखा गया' : चिराग ने कहा कि अगर विपक्ष को देरी की इतनी ही चिंता थी तो 27 सालों में क्यों नहीं यह कानून आ गया था. क्यों नहीं इस कानून को उस वक्त ले आया गया था. जब इसी तथाकथित विपक्षी दलों के गठबंधन के कई नेताओं ने इसे रोका. इसे सशक्त करने की मांग को उस वक्त अगर यह कानून आ गया होता तो आज जो बाकी की लंबित मांगे हैं वो आज पूरी हो गई होती.
आरक्षण में आरक्षण का किया समर्थन : चिराग पासवान ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक में भी आरक्षण के प्रावधान का हमसब पक्षधर हैं. हमसब चाहते हैं कि पिछड़े, अनुसूचित जाति, जनजाति पिछड़ा वर्ग से आने वाली महिलाओं का भी प्रतिनिधित्व इसमें हो. एलजेपीआर की तरफ से मैं आग्रह करूंगा कि जल्द से जल्द इसमें यह प्रावधान भी जोड़ा जाए, जिसमें अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग से आने वाली महिलाओं के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था हो.
चिराग ने कहा कि यह विश्वास भी मेरे प्रधानमंत्री पर ही है. क्योंकि इन्हीं में यह इच्छाशक्ति है. इन्होंने ही यह कानून भी लाया. प्रधानमंत्री ने मंडल कमिशन को संवैधानिक दर्जा दिया और रोहिणी कमिशन का गठन किया, जो खुद पिछड़ी जाति से आते हैं, उन पर हम अविश्वास करेंगे. साथ ही मैं यह कहना चाहूंगा कि विपक्ष हमेशा अविश्वास का माहौल तैयार करते हैं. विपक्षी दलों के पास काफी समय था कि इस विधेयक को ले आते.