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बंद के समर्थन में सड़कों पर उतरी आंगनबाड़ी सेविकाएं, कहा- कम पैसों में काम करा रही है सरकार

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Published : Jan 8, 2020, 12:59 PM IST

महिलाओं का कहना है कि वर्तमान में जो केंद्र सरकार है, उसने कहीं ना कहीं श्रमिक कानून को पूर्ण रूप से हटा दिया है. जिसके कारण राज्य सरकार अपनी मनमानी करके कम पैसे में महिलाओं को काम करने के लिए बाध्य कर रही है.

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राष्ट्रव्यापी हड़ताल

पटनाः विभिन्न मजदूर यूनियन के बैनर तले आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं भी राजधानी की सड़कों पर उतर आईं हैं. विरोध कर रही आंगनबाड़ी की महिलाओं का कहना है कि सरकार महिलाओं का शोषण कर रही है, बहुत कम पैसों में काम कराया जा रहा है.

दैनिक मजदूरी बढ़ाने की मांग
सीएफटीयूआई के बैनर तले सैकड़ों महिलाएं अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सड़क पर उतर आईं हैं. इनमें आंगनबाड़ी में काम कर रही महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. इनका कहना है कि सरकार महिलाओं से बहुत कम पैसे में काम करा रही है. दैनिक मजदूरी की रकम बढ़नी चाहिए, जिसकी मांग को लेकर हम लोग हड़ताल में शामिल हुए हैं.

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सीएफटीयूआई के सचिव व अन्य

'कम पैसों में सरकार करा रही है काम'
इन महिलाओं का कहना है कि वर्तमान में जो केंद्र सरकार है, उसने कहीं ना कहीं श्रमिक कानून को पूर्ण रूप से हटा दिया है. जिसके कारण राज्य सरकार अपनी मनमानी करके कम पैसे में महिलाओं को काम करने के लिए बाध्य कर रही है.

राष्ट्रव्यापी हड़ताल में सड़क पर विरोध करती महिलाएं

ये भी पढ़ेंः सरकार की नीतियों के खिलाफ आज 10 सेंट्रल ट्रेड यूनियनों का भारत बंद, देखें हर अपडेट

शहर में बंद का आंशिक असर
बता दें कि राजधानी पटना में बंद का आंशिक असर कुछ जगहों पर देखा जा रहा है. लेकिन मुख्य रूप से बाजार की बात करें तो सभी दुकानें खुली हुई हैं. जैसा की कहा जा रहा था कि ऑटो की हड़ताल होगी. लेकिन अभी तक सामान्य रूप से सड़कों पर ऑटो का परिचालन हो रहा है. वहीं, मजदूर संगठन के कार्यकर्ता और नेता सड़क पर बंद को सफल बनाने उतरे हैं.

पटनाः विभिन्न मजदूर यूनियन के बैनर तले आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं भी राजधानी की सड़कों पर उतर आईं हैं. विरोध कर रही आंगनबाड़ी की महिलाओं का कहना है कि सरकार महिलाओं का शोषण कर रही है, बहुत कम पैसों में काम कराया जा रहा है.

दैनिक मजदूरी बढ़ाने की मांग
सीएफटीयूआई के बैनर तले सैकड़ों महिलाएं अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सड़क पर उतर आईं हैं. इनमें आंगनबाड़ी में काम कर रही महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. इनका कहना है कि सरकार महिलाओं से बहुत कम पैसे में काम करा रही है. दैनिक मजदूरी की रकम बढ़नी चाहिए, जिसकी मांग को लेकर हम लोग हड़ताल में शामिल हुए हैं.

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सीएफटीयूआई के सचिव व अन्य

'कम पैसों में सरकार करा रही है काम'
इन महिलाओं का कहना है कि वर्तमान में जो केंद्र सरकार है, उसने कहीं ना कहीं श्रमिक कानून को पूर्ण रूप से हटा दिया है. जिसके कारण राज्य सरकार अपनी मनमानी करके कम पैसे में महिलाओं को काम करने के लिए बाध्य कर रही है.

राष्ट्रव्यापी हड़ताल में सड़क पर विरोध करती महिलाएं

ये भी पढ़ेंः सरकार की नीतियों के खिलाफ आज 10 सेंट्रल ट्रेड यूनियनों का भारत बंद, देखें हर अपडेट

शहर में बंद का आंशिक असर
बता दें कि राजधानी पटना में बंद का आंशिक असर कुछ जगहों पर देखा जा रहा है. लेकिन मुख्य रूप से बाजार की बात करें तो सभी दुकानें खुली हुई हैं. जैसा की कहा जा रहा था कि ऑटो की हड़ताल होगी. लेकिन अभी तक सामान्य रूप से सड़कों पर ऑटो का परिचालन हो रहा है. वहीं, मजदूर संगठन के कार्यकर्ता और नेता सड़क पर बंद को सफल बनाने उतरे हैं.

Intro:एंकर विभिन्न मजदूर यूनियन के बैनर तले आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल करने के लिए बड़ी संख्या में महिला की राजधानी पटना से सड़कों पर उतरी है आपको बता दें कि आई सी एफ टी यू के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में महिला की अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सड़क पर उतरी है बिहार में आंगनबाड़ी का कार्य कर रही महिला की संख्या सबसे ज्यादा है आंगनवाड़ी में काम कर रही महिलाओं का साफ-साफ कहना है कि सरकार महिलाओं का शोषण कर रही है और बहुत कम पैसे में काम कराया जा रहा है निश्चित तौर पर दैनिक मज़दूरी की राशि बढ़ानी चाहिए जिसकी मांग करने आज हमलोग हड़ताल में शामिल हुए हैं


Body:आईएफ सीटीयू के बैनर तले यह महिला भी आज राजधानी में प्रदर्शन कर रही है और जो उनका मिनिमम हु इज है यानी प्रतिदिन जो इनको पैसा मिलता है उसके बढ़ाने की मांग कर रही है साथ ही अस्थाई बेटन का अभिमान इन महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है निश्चित तौर पर महिलाओं का कहना है कि वर्तमान में जो केंद्र सरकार है कहीं ना कहीं श्रमिक कानून को पूर्ण रूप से हटा दिया है जिसके कारण राज्य सरकार की अपनी मनमानी करके कम पैसे में महिलाओं को काम करने के लिए बाध्य कर रही है


Conclusion:राजधानी पटना में बंद का आंशिक असर शहर के किसी क्षेत्र में तो देखा जा रहा है लेकिन मुख्य रूप से वह बाजार की बात करें तो बाजार पूरा खुला हुआ है जिस तरह कहा जा रहा था कि ऑटो हड़ताल की होगा लेकिन अभी तक सामान्य रूप से सड़कों पर ऑटो का परिचालन हो रहा है निश्चित तौर पर कई ऑटो रिक्शा चालक संघ पहले इस हड़ताल का समर्थन करते नजर आए थे लेकिन आज सड़कों पर ऑटो रिक्शा सामान्य की तरह ही चलते दिखाई दे रहा है लेकिन मजदूर संगठन के कार्यकर्ता नेता सड़क पर बंद को सफल बनाने उतरे हैं
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