पटना: बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार की नई नवेली बहू इन दिनों खूब चर्चा में हैं. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और युवाओं की पसंद तेजस्वी यादव की पत्नी रेचल उर्फ राजश्री (Tejashwi Yadav Wife Rajshree) शादी के बाद से ही लोगों से खूब मिल रही हैं. ऐसे में बिहार की राजनीति में उनकी एंट्री (Rajshree Enter Bihar Politics) को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है.
दरअसल, शादी के कुछ दिनों बाद ही ये सवाल इसलिए उठने लगे हैं क्योंकि मंगलवार को तेजस्वी और रेचल की एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें दोनों दफ्तर में नजर आ रहे हैं. दफ्तर में लालू यादव की फोटो लगी हुई है. वहीं, उनकी तस्वीर के ठीक सामने तेजस्वी कुर्सी पर बैठे हुए हैं, जबकि रेचल उनके बगल में खड़ी नजर आ रही हैं. इस फोटो के सामने आने के बाद कयासों का दौर निकल पड़ा है.
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लालू यादव (RJD Chief Lalu Prasad Yadav) की छोटी बहू से पूरे बिहार से लोग मिलने आ रहे हैं. बधाई देने वालों का तांता लगा है और तेजस्वी की पत्नी राजश्री यादव लोगों के साथ खूब मिल भी रही हैं. राजश्री सिर्फ लोगों से मिल ही नहीं रही हैं बल्कि, बधाइयां ले रही हैं और बड़ों का आशीर्वाद भी ले रही हैं.
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ऐसे में यह चर्चा भी खूब हो रही है कि, क्या आने वाले दिनों में राजश्री यादव बिहार की पॉलिटिक्स में सक्रिय दिखाई देंगी. इसे लेकर राजद परिवार की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी तो नहीं दी गई है लेकिन, राजद नेता इसे सिरे से नकारते हैं. लोगों से मिलना जुलना और उनकी बधाइयां स्वीकार करने को राजद नेता एजाज अहमद ने भारतीय संस्कृति की पहचान बताया है.
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"यही तो उनकी खासियत है कि, वह बड़े अदब से सभी लोगों से बधाइयां स्वीकार कर रही हैं. राजश्री बड़ों का आशीर्वाद ले रही हैं क्योंकि पूरे बिहार से लोग उनसे मिलने आ रहे हैं. राजश्री के पति तेजस्वी खुद नेता प्रतिपक्ष हैं, राजश्री तमाम चीजों से अभिभूत हैं. उसी भावना को जाहिर करने के लिए वो सभी के बीच आईं और अपने संस्कार का परिचय दिया."- एजाज अहमद, राजद नेता
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वहीं बिहार के सबसे बड़े सियासी खानदान की छोटी बहू के राजनीति में आने की चर्चाओं के बीच राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है. भाजपा नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि अगर राजश्री यादव पॉलिटिक्स में आतीं हैं तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी.
"राजश्री के राजनीति में प्रवेश करने पर कोई हैरानी नहीं होगी क्योंकि, राजद की पहचान एक पारिवारिक पार्टी के तौर पर है. सिर्फ परिवार के लोगों का भला करना और उन्हें आगे बढ़ाना लालू यादव की पुरानी आदत रही है. पहले से ही लालू, राबड़ी, मीसा भारती, तेजस्वी और तेजप्रताप यादव इस परिवार से सक्रिय राजनीति में हैं."- प्रेम रंजन पटेल, भाजपा नेता
हालांकि बिहार के वरिष्ठ पत्रकार और बिहार की सियासत को नजदीक से देखने वाले रवि उपाध्याय इस बात से इनकार करते हैं. उनका कहना है कि, फिलहाल तो ऐसी कोई संभावना नहीं दिखती. तेजस्वी के इतना सक्रिय और लोकप्रिय रहते राजश्री यादव बिहार की सियासत में सक्रिय होंगी, ऐसा प्रतित तो नहीं हो रहा. लेकिन अगर वे सक्रिय होती हैं तो निश्चित तौर पर उन्हें लोकप्रियता हासिल होगी, क्योंकि राजश्री युवा हैं और तेजस्वी यादव ने सामाजिक बंधनों को तोड़कर उनसे शादी की है. इसका फायदा राजश्री को जरूर मिलेगा.
आपको बता दें कि, जब लालू यादव को चारा घोटाला मामले में जेल की सजा हुई तो उन्होंने आनन-फानन में राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया था. राबड़ी देवी इसके बाद एक बार फिर मुख्यमंत्री बनीं. उन्हें बिहार की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री होने का श्रेय प्राप्त है. इस परिवार से मीसा भारती भी राज्यसभा सांसद के तौर पर राजनीति में हैं लेकिन, वह इतनी सक्रिय नहीं हैं. ऐसे में राजश्री यादव को लेकर यह चर्चा हो रही है कि, क्या वे तेजस्वी के सहयोगी के तौर पर बिहार की सियासत में लालटेन की लौ जलाती नजर आएंगी.
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