पटना: नागरिकता संशोधन कानून पर जेडीयू नेता प्रशांत किशोर ने एक बार फिर कहा है कि हमारा स्टैंड बिल्कुल साफ है. उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि बिहार विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग और एनआरसी के मुद्दे को जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए.
प्रशांत किशोर ने कहा कि, जेडीयू ने हर स्तर पर नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध किया था. मैं यह बहुत साफ कर देना चाहता हूं कि जेडीयू एनआरसी और सीएए के खिलाफ थी, पहली असहमति जेडीयू की थी. हालांकि पार्टी ने संसद में इस बिल का समर्थन किया और पक्ष में मतदान किया था.
'इस सवाल का जवाब नीतीश कुमार ही सकते है'
दरअसल, प्रशांत किशोर से जब पूछा गया कि आखिर नीतीश कुमार ने क्यों इस कानून का समर्थन किया तो उन्होंने कहा कि यह सिर्फ नीतीश कुमार ही बता सकते हैं कि किन परिस्थितियों में उन्होंने इस कानून का समर्थन संसद के दोनों सदनों में किया. इस सवाल का जवाब वहीं दे सकते है.
हर प्लेटफॉर्म पर विरोध प्रदर्शन तेज करने की अपील
इससे पहले प्रशांत किशोर ने नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को लागू करने से रोकने के लिए ट्वीट कर दो तरीके बताएं थे. ट्वीट के जरिए प्रशांत किशोर ने सीएए और एनआरसी को रोकने के लिए सभी प्लेटफार्म पर अपनी आवाज शांतिपूर्वक उठाकर विरोध जारी रखने की सलाह दी थी. उन्होंने सभी 16 गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों को अपने राज्यों में एनआरसी लागू न करने की मांग की थी.
उन्होंने हाल ही में ट्वीट कर कहा था कि अभी तो एनआरसी की चर्चा नहीं हुई है का दावा करना सिर्फ एक कोशिश है कि CAA-NRC पर जो प्रदर्शन हो रहा है, उसे रोका जाए. मगर ये सिर्फ एक ब्रेक है, फुल स्टॉप नहीं.
'बिहार में लागू नहीं होगा NRC, नीतीश ने दिया भरोसा'
बता दें कि जेडीयू नेता प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात कर चुके है. इस मुलाकात के बाद प्रशांत किशोर ने कहा था, 'नीतीश कुमार ने भरोसा दिया है कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा.' साथ ही प्रशांत किशोर ने नागरिकता कानून पर अपने रुख पर कायम रहने की बात कही थी.