पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाने में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव (RJD President Lalu Yadav) की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. 2015 में भी महागठबंधन की सरकार लालू की पहल के कारण ही बन पाई थी. इस बार भी बीमार होने के बावजूद उनकी सहमति से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) एक बार फिर से महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं. नई सरकार गठने के बाद से नीतीश देश में बीजेपी के खिलाफ 2024 के लिए विपक्ष को एकजुट करने का अभियान चला रहे हैं. हाल ही में दिल्ली में 4 दिनों तक विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात की. इस अभियान में भी आरजेडी चीफ अहम भूमिका निभा रहे हैं. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का तो यहां तक कहना है कि विपक्ष को एकजुट करने में लालू यादव आर्किटेक्ट के तौर पर काम कर रहे हैं. उनका कहना है कि हमारे नेता तो बीजेपी के खिलाफ हमेशा से विपक्ष को एकजुट करते रहे हैं. कई बार बीजेपी को सत्ता में आने से रोका है तो कई मर्तबे सत्ता से बाहर भी किया है. यही वजह है कि दिल्ली जाने से पहले और आने के बाद भी सीएम ने हमारे नेता से मुलाकात की थी.
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"विपक्ष को एकजुट करने में लालू प्रसाद यादव जी बड़े आर्किटेक्ट माने जाते रहे हैं. बीजेपी के खिलाफ तो हमेशा से विपक्ष को एकजुट करते रहे हैं. कई बार बीजेपी को सत्ता में आने से भी रोका है और सत्ता से बाहर भी किया है. यहां तक कि नीतीश कुमार भी जब दिल्ली गए तो लालू प्रसाद यादव से मिलकर ही गए थे. लालू प्रसाद यादव बड़े रणनीतिकार हैं और जब नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव मिलकर विपक्ष की एकजुटता की कोशिश कर रहे हैं तो बीजेपी का सत्ता से जाना तय है, इसमें कहीं कोई शक शुबा नहीं"- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी
लालू को क्रेडिट देने को जेडीयू तैयार नहीं!: वहीं जेडीयू के नेता खुलकर लालू प्रसाद यादव को क्रेडिट देने से बच रहे हैं. प्रवक्ता अरविंद निषाद का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो विपक्ष की एकजुटता को लेकर पहल की है, अब कई दलों के नेताओं ने उसकी तारीफ करनी शुरू कर दी है. विपक्ष को एकजुट करने में नीतीश कुमार के साथ सभी दल के नेता हैं. अब सोनिया गांधी से मुलाकात होगी तो लालू प्रसाद यादव भी नीतीश कुमार के साथ वहां होंगे.
"आदरणीय नीतीश कुमार ने जो विपक्ष की एकजुटता को लेकर पहल की है. अब कई दलों के नेताओं ने उसकी तारीफ करनी शुरू कर दी है. विपक्ष को एकजुट करने में नीतीश कुमार जी के साथ सभी दल के नेता हैं. अब सोनिया गांधी से मुलाकात होगी तो लालू प्रसाद यादव भी नीतीश कुमार के साथ होंगे"- अरविंद निषाद, प्रवक्ता, जेडीयू
विपक्षी दलों के बीच लालू यादव की स्वीकार्यता: हालांकि विशेषज्ञ भी मानते हैं कि विपक्षी दलों के बीच लालू यादव की स्वीकार्यता काफी अधिक है. राजनीतिक जानकार प्रो. अजय झा कहते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं कि आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की पैठ विपक्ष के कई दलों में है. लालू के प्रभाव के कारण नीतीश कुमार को आने वाले समय में उसका लाभ भी मिल सकता है.
पीएम उम्मीदवारी पर नीतीश को लालू का साथ : लालू प्रसाद यादव राजनीति के बड़े खिलाड़ी के तौर पर जाने जाते हैं. नीतीश कुमार जब दिल्ली गए थे तो लालू प्रसाद यादव से मिलकर गए थे और चर्चा यह है कि लालू प्रसाद यादव ने ही विपक्ष के कई नेताओं को फोन कर माहौल बनाने का प्रयास किया था. जिस वजह से नीतीश की विपक्ष के कई नेताओं से आसानी से मुलाकात हो गई. यहां तक कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात में भी लालू की बड़ी भूमिका रही है और अब सोनिया गांधी के साथ भी मुलाकात होनी है. उसमें भी लालू प्रसाद यादव महती भूमिका निभा रहे हैं और यही कारण है कि जब नीतीश कुमार दिल्ली में नेताओं से मिलकर पटना लौटे तो सबसे पहले लालू प्रसाद यादव से ही मिलने गए थे. जाहिर है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाने की बात हो या फिर बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने का अभियान, दोनों में लालू प्रसाद यादव इस बार भी बड़े रोल अदा कर रहे हैं. अब ये और बात है कि जेडीयू इसे स्वीकार करने में सहज महसूस नहीं कर रहा है.
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