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पटना साहिब: राहुल गांधी और अमित शाह की अग्नि परीक्षा, दांव पर शत्रुघ्न और रविशंकर की प्रतिष्ठा - अमित शाह

पटना साहिब लोकसभा सीट पर दो बड़े चेहरे आमने-सामने हैं. इनके लिए इन्हीं के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्षों ने रोड शो कर मुकाबले को खासा दिलचस्प बना दिया है.

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Published : May 17, 2019, 11:59 PM IST

पटना: पटना साहिब सीट पर पूरे देश की निगाहें हैं. यहां भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और राहुल गांधी की प्रतिष्ठा दांव पर है. दोनों नेताओं ने अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए रोड शो जो किया है. अब देखना ये है कि दोनों के रोड शो पर कौन किसको रेस में हराता है.

पटना साहिब संसदीय क्षेत्र से महागठबंधन से शत्रुघ्न सिन्हा चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी का साथ छोड़ कांग्रेस का हाथ पकड़ने वाले शत्रुघ्न ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तक जमकर प्रचार प्रसार किया. वहीं, दूसरी तरफ एनडीए से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद पटना साहिब सीट से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. दोनों के बीच कांटे की टक्कर होनी है.

विभिन्न पार्टियों के प्रवक्ता

दोनों का है दोस्ताना
पटना साहिब सीट के चुनाव कई मायने में अलग हैं. शत्रुघ्न सिन्हा और रविशंकर प्रसाद दोनों एक दूसरे को मित्र बताते हैं और दोनों ने चुनाव प्रचार के दौरान भी एक दूसरे पर व्यक्तिगत हमला नहीं किया. दोनों नेताओं ने इस चुनावी लड़ाई को विचारधारा की लड़ाई का नाम दिया है. दोनों के लिए प्रचार करने आए राहुल गांधी और अमित शाह ने भी खुद को आरोप-प्रत्यारोप से दूर रखा है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि
पटना साहिब सीट का गठन वर्ष 2008 में नए परिसीमन के तहत हुआ था. इसके बाद यहां दो लोकसभा चुनाव हुए. दोनों बार बीजेपी की टिकट पर शत्रुघ्न सिन्हा सांसद चुने गए. पटना साहिब सीट पर जातीय समीकरण के आधार पर कायस्थों का दबदबा रहा है. यहां लगभग 5 लाख से ज्यादा कायस्थों के अलावा यहां यादव और राजपूत मतदाताओं की संख्या भी अच्छी-खासी है.

दोनों बड़े कायस्थ चेहरे
इस बार चुनाव मैदान में दोनों ओर से दो बड़े कायस्थ चेहरे खड़े हैं. इस वजह से वोट बंटने के कयास भी लगाए जा रहे हैं. इन सब के बीच राजनीतिक दलों के दावों का दौर भी जारी है. कांग्रेस पार्टी के विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा है कि मेरी पार्टी ने शत्रुघ्न सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है और मुझे उम्मीद है कि राहुल गांधी के रोड शो के बाद उनकी जीत होगी.

राजद की राय
राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा का कहना है कि लालू के चेहरे के बदौलत पटना साहिब सीट महागठबंधन की झोली में आएगी. मनोज झा ने कहा कि महागठबंधन में कोई कास्ट कार्ड नहीं खेला है. शत्रुघ्न सिन्हा की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान है. पटना साहिब की जनता उनके नाम पर मुहर लगाएगी.

बीजेपी का दावा
बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद का कहना है कि महागठबंधन नेता के दावों की पोल खुल जाएगी. रविशंकर प्रसाद दो बार सांसद रहे. लेकिन उनका सरोकार जनता से नहीं रहा. उन्होंने विकास कार्य किये हैं. निखिल ने उनकी जीत की कई वजह बताई.

'शत्रुघ्न को लालटेन लेकर ढूंढती थी जनता'
निखिल आनंद ने कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा को 10 साल तक पटना साहिब की जनता दिया बत्ती और लालटेन लेकर ढूंढती रही. लेकिन जनता से इनकी मुलाकात नहीं हुई. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि रविशंकर प्रसाद नरेंद्र मोदी की नीतियों को क्रियान्वित करने में अग्रणी भूमिका निभाने में सफल हुए हैं. लिहाजा, पटना साहिब में वो जीतेंगे.

पटना: पटना साहिब सीट पर पूरे देश की निगाहें हैं. यहां भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और राहुल गांधी की प्रतिष्ठा दांव पर है. दोनों नेताओं ने अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए रोड शो जो किया है. अब देखना ये है कि दोनों के रोड शो पर कौन किसको रेस में हराता है.

पटना साहिब संसदीय क्षेत्र से महागठबंधन से शत्रुघ्न सिन्हा चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी का साथ छोड़ कांग्रेस का हाथ पकड़ने वाले शत्रुघ्न ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तक जमकर प्रचार प्रसार किया. वहीं, दूसरी तरफ एनडीए से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद पटना साहिब सीट से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. दोनों के बीच कांटे की टक्कर होनी है.

विभिन्न पार्टियों के प्रवक्ता

दोनों का है दोस्ताना
पटना साहिब सीट के चुनाव कई मायने में अलग हैं. शत्रुघ्न सिन्हा और रविशंकर प्रसाद दोनों एक दूसरे को मित्र बताते हैं और दोनों ने चुनाव प्रचार के दौरान भी एक दूसरे पर व्यक्तिगत हमला नहीं किया. दोनों नेताओं ने इस चुनावी लड़ाई को विचारधारा की लड़ाई का नाम दिया है. दोनों के लिए प्रचार करने आए राहुल गांधी और अमित शाह ने भी खुद को आरोप-प्रत्यारोप से दूर रखा है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि
पटना साहिब सीट का गठन वर्ष 2008 में नए परिसीमन के तहत हुआ था. इसके बाद यहां दो लोकसभा चुनाव हुए. दोनों बार बीजेपी की टिकट पर शत्रुघ्न सिन्हा सांसद चुने गए. पटना साहिब सीट पर जातीय समीकरण के आधार पर कायस्थों का दबदबा रहा है. यहां लगभग 5 लाख से ज्यादा कायस्थों के अलावा यहां यादव और राजपूत मतदाताओं की संख्या भी अच्छी-खासी है.

दोनों बड़े कायस्थ चेहरे
इस बार चुनाव मैदान में दोनों ओर से दो बड़े कायस्थ चेहरे खड़े हैं. इस वजह से वोट बंटने के कयास भी लगाए जा रहे हैं. इन सब के बीच राजनीतिक दलों के दावों का दौर भी जारी है. कांग्रेस पार्टी के विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा है कि मेरी पार्टी ने शत्रुघ्न सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है और मुझे उम्मीद है कि राहुल गांधी के रोड शो के बाद उनकी जीत होगी.

राजद की राय
राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा का कहना है कि लालू के चेहरे के बदौलत पटना साहिब सीट महागठबंधन की झोली में आएगी. मनोज झा ने कहा कि महागठबंधन में कोई कास्ट कार्ड नहीं खेला है. शत्रुघ्न सिन्हा की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान है. पटना साहिब की जनता उनके नाम पर मुहर लगाएगी.

बीजेपी का दावा
बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद का कहना है कि महागठबंधन नेता के दावों की पोल खुल जाएगी. रविशंकर प्रसाद दो बार सांसद रहे. लेकिन उनका सरोकार जनता से नहीं रहा. उन्होंने विकास कार्य किये हैं. निखिल ने उनकी जीत की कई वजह बताई.

'शत्रुघ्न को लालटेन लेकर ढूंढती थी जनता'
निखिल आनंद ने कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा को 10 साल तक पटना साहिब की जनता दिया बत्ती और लालटेन लेकर ढूंढती रही. लेकिन जनता से इनकी मुलाकात नहीं हुई. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि रविशंकर प्रसाद नरेंद्र मोदी की नीतियों को क्रियान्वित करने में अग्रणी भूमिका निभाने में सफल हुए हैं. लिहाजा, पटना साहिब में वो जीतेंगे.

Intro:पटना साहिब सीट पर पूरे देश की निगाहें है भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और राहुल गांधी की प्रतिष्ठा दांव पर है दोनों नेताओं ने अपने प्रत्याशी के लिए रोड शो कर शो राजमा इसकी है एक और कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक सत्रुघन सेना मैदान में है तो दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद मैं पूरी ताकत झोंक रखी है


Body:पटना साहिब लोकसभा सीट पर पूरे देश की निगाहें हैं सिने अभिनेता और कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक शत्रुघ्न सिन्हा पटना साहिब सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन इस बार भाजपा के बजाय उन्होंने हाथ को मजबूत करना मुनासिब समझा है शत्रुघ्न सिन्हा का मुकाबला केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद कर रहे हैं पटना साहिब सीट पर कायस्थ वोटरों की भूमिका अहम होती है ।
पटना साहिब सीट पर चुनाव कई मायने में अलग है शत्रुघ्न सिन्हा और रविशंकर प्रसाद दोनों एक दूसरे को मित्र बताते हैं और दोनों ने चुनाव प्रचार में एक दूसरे के ऊपर व्यक्तिगत हमले नहीं किए दोनों नेताओं ने लड़ाई को विचारधारा की लड़ाई का नाम दिया दोनों के लिए प्रचार करने आए राहुल गांधी और अमित शाह ने भी खुद को आरोप-प्रत्यारोप से दूर रखा



Conclusion:पटना साहिब सीट का गठन वर्ष 2008 में नए परिसीमन के तहत हुआ था इसके बाद यहां दो लोकसभा चुनाव हुए दोनों बार बीजेपी के टिकट पर शत्रुघ्न सिन्हा सांसद चुने गए पटना साहिब सीट पर जातीय समीकरण के आधार पर कायस्थों का दबदबा रहा है लगभग 5 लाख से ज्यादा कायस्थों के अलावा यहां यादव और राजपूत मतदाताओं की संख्या भी अच्छी-खासी है इस बार चुनाव मैदान में दोनों ओर से बड़े कायस्थ के चेहरे खड़े होने की वजह से वोट बंटने के कयास भी लगाए जा रहे हैं इन सब के बीच राजनीतिक दलों के द्वारा दावों का दौर जारी है।
कांग्रेस पार्टी के विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा है कि मेरी पार्टी में शत्रुघ्न सिन्हा का उम्मीदवार बनाया है और मुझे उम्मीद है कि राहुल गांधी ए रोड शो के बाद उनकी जीत होगी राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने कहां है कि लालू के चेहरे के बदौलत पटना साहिब सीट महागठबंधन की झोली में आएगा कि मनोज झा ने कहा है कि महागठबंधन में कोई कास्ट कार्ड नहीं खेला है शत्रुघ्न सिन्हा की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान है पटना साहिब की जनता उनके नाम पर मुहर लगाएगी ।
भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि महागठबंधन नेता के दावों की पोल खुल जाएगी रविशंकर प्रसाद दो बार सांसद रहे लेकिन उनका सरोकार जनता से नहीं रहा निखिल आनंद ने कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा को 10 साल तक पटना साहिब की जनता दीया बत्ती और लालटेन लेकर ढूंढती रही लेकिन जनता से इनकी मुलाकात नहीं हुई । भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि रविशंकर प्रसाद नरेंद्र मोदी के नीतियों को क्रियान्वित करने में अग्रणी भूमिका निभाने में सफल हुए हैं लिहाजा पटना साहिब की जनता उनके नाम पर मुहर लगाएगी
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