पटना : 31 जुलाई को जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी (JDU Meeting In Delhi) की बैठक दिल्ली में होने वाली है. आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद इस माह के आखिर में जेडीयू को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है. एक व्यक्ति, एक पद की नीति पर चलने वाली इस पार्टी ने 31 जुलाई को दल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के अलावा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी 75 सदस्य शामिल होंगे.
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राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि किस एजेंडे पर चर्चा होगी ये अभी तय नहीं है. हालांकि सिसायी गलियारों में ये चर्चा आम है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद आरसीपी सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ सकते हैं. आरसीपी सिंह ने खुद बयान दिया था कि पार्टी यदि मजबूत साथी खोज ले तो राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ देंगे. उसके बाद कई नामों पर चर्चा भी शुरू हो गई है.
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान नीतीश कुमार किसके हाथ में सौंपेंगे ये कयास लगाए जा रहे हैं. हाल ही में जेडीयू में शामिल होने के बाद संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए उपेंद्र कुशवाहा के नाम की चर्चा तो पहले से ही हैं. ललन सिंह के नाम की भी चर्चा है. ललन सिंह आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद से नाराज चल रहे हैं. उन्हें मनाने की कोशिश लगातार हो रही है.
इसके साथ नीतीश कुमार के विश्वासपात्र विजय चौधरी के नाम की भी चर्चा है. विजय चौधरी फिलहाल बिहार में शिक्षा मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री की भूमिका में है. वहीं पार्टी के नेताओं का कहना है कि जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की यह रूटीन बैठक है. बैठक पहले होना था लेकिन कोरोना के कारण इसमें देरी हुई है. आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पहली बैठक होगी.
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वहीं अभी तक आरसीपी सिंह अध्यक्ष रहते नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन भी नहीं किया है. पुराने सदस्य नई कार्यकारिणी के गठन नहीं होने के कारण अभी भी काम कर रहे हैं. 31 जुलाई को दिल्ली में 4 घंटे की बैठक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की होगी. विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार राष्ट्रीय कार्यकारिणी और प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में लगातार बड़े फैसले लेते रहे हैं. अब दिल्ली में होने वाली बैठक पर सबकी नजर है.
बैठक को लेकर सभी को निमंत्रण पत्र भेज दिया गया है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 75 सदस्य हैं. सभी राज्यों के जिला अध्यक्ष सदस्य होते हैं. सभी लोकसभा सांसद और राज्यसभा सांसद भी इस बैठक में आते हैं. साथ ही प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बैठक में शामिल होते हैं. बैठक में मुख्यमंत्री को भी आमंत्रित किया गया है.
विधानसभा चुनाव 2020 के बाद जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की ये दूसरी बैठक है. इस पर सबकी नजर है. खासकर आरसीपी सिंह के केंद्र में मंत्री बनने के बाद एक नेता एक पद को लेकर उन पर दबाव है. अब राष्ट्रीय अध्यक्ष पद यदि छोड़ते हैं तो नीतीश कुमार अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी किसे सौंपते हैं.
यह देखने वाली बात है या फिर कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर फिलहाल काम चलाने की कोशिश की जा सकती है. ऐसे में कई नाम पर चर्चा जरूर चल रही है. लेकिन यह भी जिस नाम पर चर्चा सबसे अधिक होती है नीतीश कुमार उसे हमेशा इग्नोर करते हैं. कोई नया चेहरा सामने लाकर खड़ा कर देते हैं. पहले कई बार ऐसा कर चुका है.
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