ETV Bharat / state

इन छात्राओं से जानें आजादी का असली मतलब क्या है? - आजादी के मायने खबर

स्वतंत्रता सेनानियों ने कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद भारत को आजादी दिलाई थी, लेकिन आजाद भारत में हर कोई आजाद है ये कहना मुश्किल है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने पटना में छात्राओं से बात की.

आजादी पर राय देती छात्रऐं
author img

By

Published : Aug 13, 2019, 1:33 PM IST

पटना: राजधानी पटना में देश की आजादी के 77वीं वर्षगांठ की तैयारी जोर शोर से चल रही है. हर तरफ जश्न और आजादी का जोश दिख रहा है. पूरे शहर मे सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं. स्वतंत्रता सेनानियों ने कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद देश को आजाद करवाया था. लेकिन आजाद भारत में हर कोई आजाद है, ये कहना मुश्किल है. ईटीवी भारत की टीम ने पटना में छात्राओं से पूछा कि उनके हिसाब से आजादी क्या है? इस पर छात्राओं ने अपनी-अपनी राय दी.

आजादी पर अपनी राय देती छात्राऐं

'बस नाम की आजादी है'
छात्राओं का कहना है कि उन्हें आजादी तो अंग्रेजों से मिल गई है, मगर आज भी हम मानसिक गुलामी की जंजीरों में जकड़े हुए हैं. यह बस नाम की आजादी है. घर परिवार में आज भी बहू- बेटियों के साथ सम्मान से व्यवहार नहीं किया जाता है. सड़कों पर भी जब हम चलते हैं, तो खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं. आए दिन बलात्कार, छेड़खानी की घटनाएं आम हो गई हैं. उनका कहना है कि आजादी का सही मतलब तभी होगा जब हम सुबह को घर से निकलें और शाम को वापस सकुशल लौटे.

हमारी आजादी अबतक अधूरी
छात्राओं की मानें तो लड़कियों पर आज भी कई तरह के अंकुश लगे हैं. परिवार में लड़का और लड़की में आज भी भेदभाव किया जाता है. जहां लड़कों को बोलने की आजादी है, वहीं आज भी कई घरों में लड़कियों को बोलने की आजादी नहीं है. घर से लेकर बाहर तक आजादी में अंकुश लगे हुए हैं. आजादी के मायने तभी सही होंगे, जब हमें सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक आजादी मिलेगी.

patna
आजादी पर छात्राओं की राय

सोच बदलने की जरूरत
पटना की छात्रा का कहना है कि अगर कोई लड़की छोटे कपड़े पहन कर बाहर निकलती है, तो लोग उसे ऐसे देखते हैं जैसे कोई बड़ा पाप कर दिया हो. ऐसे में लोगों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है. ऐसे में राजधानी की लड़कियों ने आजादी का मतलब कई मायने में बताया है. छात्राएं या लड़कियां इस आजाद भारत में खुद को आजाद तभी मानेंगी जब वह इन सब से आजाद हो जाएंगी.

पटना: राजधानी पटना में देश की आजादी के 77वीं वर्षगांठ की तैयारी जोर शोर से चल रही है. हर तरफ जश्न और आजादी का जोश दिख रहा है. पूरे शहर मे सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं. स्वतंत्रता सेनानियों ने कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद देश को आजाद करवाया था. लेकिन आजाद भारत में हर कोई आजाद है, ये कहना मुश्किल है. ईटीवी भारत की टीम ने पटना में छात्राओं से पूछा कि उनके हिसाब से आजादी क्या है? इस पर छात्राओं ने अपनी-अपनी राय दी.

आजादी पर अपनी राय देती छात्राऐं

'बस नाम की आजादी है'
छात्राओं का कहना है कि उन्हें आजादी तो अंग्रेजों से मिल गई है, मगर आज भी हम मानसिक गुलामी की जंजीरों में जकड़े हुए हैं. यह बस नाम की आजादी है. घर परिवार में आज भी बहू- बेटियों के साथ सम्मान से व्यवहार नहीं किया जाता है. सड़कों पर भी जब हम चलते हैं, तो खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं. आए दिन बलात्कार, छेड़खानी की घटनाएं आम हो गई हैं. उनका कहना है कि आजादी का सही मतलब तभी होगा जब हम सुबह को घर से निकलें और शाम को वापस सकुशल लौटे.

हमारी आजादी अबतक अधूरी
छात्राओं की मानें तो लड़कियों पर आज भी कई तरह के अंकुश लगे हैं. परिवार में लड़का और लड़की में आज भी भेदभाव किया जाता है. जहां लड़कों को बोलने की आजादी है, वहीं आज भी कई घरों में लड़कियों को बोलने की आजादी नहीं है. घर से लेकर बाहर तक आजादी में अंकुश लगे हुए हैं. आजादी के मायने तभी सही होंगे, जब हमें सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक आजादी मिलेगी.

patna
आजादी पर छात्राओं की राय

सोच बदलने की जरूरत
पटना की छात्रा का कहना है कि अगर कोई लड़की छोटे कपड़े पहन कर बाहर निकलती है, तो लोग उसे ऐसे देखते हैं जैसे कोई बड़ा पाप कर दिया हो. ऐसे में लोगों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है. ऐसे में राजधानी की लड़कियों ने आजादी का मतलब कई मायने में बताया है. छात्राएं या लड़कियां इस आजाद भारत में खुद को आजाद तभी मानेंगी जब वह इन सब से आजाद हो जाएंगी.

Intro:विजूअल लाईव्यू से गई है,


spl.
आजादी के मायने:--

आजादी के मायने क्या है..? आजाद भारत में हर कोई आजादी को कैसे समझते हैं, ऐसे में ईटीवी भारत पर छात्राओं दी अपनी अपनी की राय......


Body:पुरा देश आजादी के 77वीं वर्षगांठ मना रहा है,हर तरफ जश्ने आजादी का जोश दिख रहा है
स्वतंत्रता सेनानीयो ने कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद भारत को आजादी दिलाई थी, स्वतंत्रता और आजादी का क्या मतलब होता है और स्वतंत्रता दिवस के क्या मायने होते है,राजधानी पटना मे छात्राओं से उनसे पुछा गया कि आपके हिसाब से आजादी क्या है,कई छात्राओं ने अपनी अपनी राय दि....

कई छात्रों ने कहा कि आजादी का मतलब यह है कि जब हम घर से निकले तो मेरे पीछे कोई दो आंखें घूरते हुए नहीं नजर आए, आजादी तो अंग्रेजों से मिल गई मगर आज भी मानसिक गुलामी की जंजीरों में जकड़े हुए हैं, घर परिवार में आज भी बहू बेटियों के साथ सम्मान से व्यवहार नहीं किया जाता है, सडको पर जब हम निकलते हैं तो हर कोई उसे घूरते नजर आते हैं, आए दिन बलात्कार, छेड़खानी की घटनाएं आम होती नजर आ रही है, आजादी का मतलब सही तभी होगा जब हम सुबह में घर से निकले और शाम को वापस सकुशल वापस लौटे, बोलने की आजादी हर तरह के काम करने की आजादी,
छात्राओं की माने तो लडकियों पर आज भी कई अंकुश लगे हुए हैं,परिवारों में लड़का और लड़की में आज भी विभेद माना जाता है, जहां लड़कों को बोलने की आजादी है वही आज भी घरों में लड़कियों को बोलने की आजादी नहीं है, घर परिवार में किसी भी तरह के कार्यक्रम में महिलाओं को बोलने की आजादी पर अंकुश है, घर से लेकर बाहर तक आजादी में अंकुश लगे हुए हैं, आजादी के मायने तभी सही होंगे जब हमें सामाजिक, आर्थिक राजनीतिक में आजादी मिलेगी
एक छात्रा ने कहा कि जब कोई लड़की छोटे कपड़े पहन कर बाहर निकलती है तो लोग ऐसे उसे देखते हैं जैसे कोई बडा पाप कर दिया हो


Conclusion: बहरहाल राजधानी पटना की लड़कियों कि माने तो आजादी का मतलब कई बातों में बताया
घर, परिवार, समाज, स्कूल, ऑफिस में लड़कियों के साथ हीन भावना,, लड़के लड़कियों में अंतर बाहर समाज में उसके साथ प्रतिक्रिया इन सबों से आजादी मांग रही है ये लड़कियां तभी इस आजाद भारत में आजादी का सही मायने मे होगा


बाईट:-छात्रा
बाईट:-छात्रा
बाईट:-छात्रा
बाईट-छात्रा
बाईट-छात्रा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.