पटना: निर्वाचन आयोग की एक टीम बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा कर वापस लौट गई है. इसके बाद, संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही चुनाव की तिथियों की घोषणा भी कर दी जाएगी, लेकिन राज्य के दोनों गठबंधनों में अब तक सीट बंटवारे को लेकर घटक दलों में असमंजस कायम है.
दोनों गठबंधन के घटक दलों के नेताओं में क्षेत्रों को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए में अभी भी लोजपा और जेडीयू में सीट बंटवारे को लेकर तानातनी बरकरार है. लोजपा की बुधवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में 143 सीटों पर चुनाव लड़ने के संकेत देकर एनडीए की बेचैनी बढ़ा दी है. हालांकि, बिहार के सियासी हलकों को इसे केवल दबाव की राजनीति बताई जा रही है.
सीट बंटवारे पर बीजेपी-जेडीयू ने नहीं खोते पत्ते
इधर, बीजेपी और जेडीयू ने भी अभी सीट बंटवारे को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल कहते हैं कि बीजेपी अपनी परंपरागत सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि गठबंधन को लेकर कहीं कोई असमंजस नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों पार्टी के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा बिहार दौरे पर मुख्यमंत्री और जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार से मिलकर स्पष्ट कर चुके हैं कि गठबंधन में कहीं कोई समस्या नहीं है.
महागठबंधन में सीटों को लेकर तानातनी
इधर, विपक्षी दलों के महागठबंधन में सीटों को लेकर अभी भी तानातनी बनी हुई है. महागठबंधन में शामिल छोटे दल, विकासशील इंसान पार्टी और रालोसपा 'वेट एंड वाच' की भूमिका में है. सूत्रों की माने तो, सीट बंटवारे को लेकर अभी तक आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने बातचीत भी शुरू नहीं की है. घटक दलों के नेता आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से बात कर रहे हैं.
कांग्रेस में सीटों को लेकर असमंजस की स्थिति
इस बीच, कांग्रेस सूत्रों की माने तो पार्टी में सीटों को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. उनके हिस्से कौन सी सीटें आएगी, यह भी कांग्रेस को पता नहीं है. ऐसे में प्रत्याशी अपने पसंदीदा क्षेत्र में क्या तैयारी करेंगे.
रालोसपा की नाराजगी
वहीं, रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी सीट बंटवारे में हो रही देरी पर अपनी नाराजगी जताते हुए कह चुके हैं कि सीट बंटवारा जितना जल्दी हो जाए वह अच्छा होगा. पहले ही इसमें काफी देरी हो चुकी है.
मांझी महागठबंधन को छोड़कर NDA में शामिल
बता दें कि कि महागठबंधन में समन्वय समिति की मांग नहीं माने जाने के कारण पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा पहले ही महागठबंधन को छोड़कर एनडीए में शामिल हो चुकी है.
फिलहाल, बिहार विधानसभा चुनाव के अक्टूबर और नवंबर महीने में होने की संभावना है. फिलहाल बनी परिस्थितियों में माना जा रहा है कि चुनाव में मुख्य मुकाबला दोनों गठबंधनों के बीच होगा, लेकिन अभी तक सीटों के बंटवारे को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने से दोनों गठबंधन के नेताओं में मायूसी है.