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मसौढ़ी के नेतौल मिडिल स्कूल में शुक्रवार को छुट्टी क्यों? सुनिये क्या बोले प्रभारी प्रधानाचार्य - शिक्षा मंत्री विजय चौधरी

बिहार में कई हिंदी सरकारी स्कूलों में उर्दू स्कूल की तर्ज पर जुमे को छुट्टी देने की परंपरा है. जिस पर इन दिनों लंबी बहस छिड़ी हुई है. हालांकि इस पूरे मामले पर शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Education Minister Vijay Choudhary) ने जांच के लिए जिलों के डीईओ से रिपोर्ट तलब की है.

Netaul middle school students
मध्य विद्यालय नेतौल
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Published : Aug 4, 2022, 10:55 AM IST

पटनाः शिक्षा का कोई मजहब नहीं होता है और ना ही इसे धर्म के साथ जोड़कर देखा जाना चाहिए. इन दिनों पूरे बिहार में जुम्मे के दिन यानी शुक्रवार को कई हिंदी सरकारी (Government Schools Of Bihar) विद्यालयों में छुट्टी होने की बात पर बवाल मचा है. ऐसा ही एक सरकारी स्कूल पटना जिला के मसौढ़ी (Weekly Holiday On Friday In Netaul Middle School) में भी है, जहां रविवार को नहीं बल्कि स्कूल की सप्ताहिक छुट्टी शुक्रवार को दी जाती है. हालांकि स्कूल के शिक्षक इसका विरोध करते हैं, लेकिन परंपरा के मान पर यहां सालों से ऐसा ही होता आ रहा है.

ये भी पढ़ें - किशनगंज के स्कूलों में जुमे को छुट्टी क्यों?.. शिक्षा मंत्री बोले- DEO से मागी है रिपोर्ट

सालों से चली आ रही परंपराः दरअसल मसौढ़ी अनुमंडल के धनरूआ प्रखंड के मध्य विद्यालय नेतौल में शुक्रवार के दिन स्कूल बंद रहता है और उसके बदले रविवार को पढ़ाई होती है. यह स्कूल पूरी तरह से हिंदी विद्यालय हैं यहां पर सभी शिक्षक हिंदू समुदाय से जुड़े हैं. इस विद्यालय में 500 छात्र छात्राएं हैं, जो ज्यादातर हिंदू समुदाय से जुड़े हैं. इसके बावजूद यहां पर शुक्रवार को छुट्टी दी जाती है. इसके बारे में बताया जाता है कि यह परंपरा सालों से चली आ रही है.

स्कूल के जमीन दाता थे मुस्लिमः बताया जाता है कि यह स्कूल मुस्लिम मोहल्ले में खोला गया है और जमीन दाता भी मुस्लिम थे. इसलिए यहां पर शुक्रवार को छुट्टी देने की परंपरा रही है. लेकिन स्कूल को शिक्षकों ने इसका विरोध जताया है. धनरूआ संकुल प्रसाधन केंद्र के सुनील कुमार ने जिला शिक्षा पदाधिकारी और डीएम से इस बारे में पत्र लिखकर विरोध जताया है, कि यह हिंदी विद्यालय है इसलिए हिंदी अवकाश के तहत स्कूल को चलाया जाए.

"हमने डीईओ को पत्र लिखकर कई बार इसका विरोध किया है. ये पूरी तरह से हिंदी स्कूल है. लेकिन यहां जुमे को छुट्टी दी जाती है, ऐसा क्यों होता है इसका पता तो हमें है नहीं, लेकिन ये सही नहीं है"- शिक्षक,
मध्य विद्यालय नेतौल

ये भी पढ़ेंः बिहार के स्कूलों में शुक्रवार की छुट्‌टी : बोले गुलाम रसूल बलियावी- 'इसमें गलत क्या?'

"ये कहा जाता है कि इस विद्यालय के जमीन दाता मुस्लिम थे और ये स्कूल भी मुस्लिम मोहल्ले में है. इसलिए स्कूल में शुक्रवार को छुट्टी दी जाती रही है. इसका प्रमाण मेरे पास नहीं है. लोगों के कहने के अनुसार हम भी कह रहे हैं. सालों से यहां शुक्रवार को छुट्टी दी जाती रही है"-मोहम्मद अहमद हुसैन, प्रभारी प्रधानाचार्य

ये भी पढ़ेंः जुमे पर कटिहार के स्कूलों में छुट्टी पर बोले डिप्टी सीएम तारकिशोर- 'नियम का होगा पालन'

लोगों ने उठाया सिस्टम पर सवालः वहीं, स्थानीय लोगों ने भी इस सिस्टम पर सवाल उठाया है कि उर्दू विद्यालय में सभी शिक्षक और छात्र मुस्लिम होते हैं इसलिए वहां जुम्मे की नमाज में छुट्टी दि जाती है यह हम मान लेते हैं, लेकिन हिंदी स्कूल में जहां न कोई छात्र और शिक्षक मुस्लिम हैं तो आखिर क्यों यहां शुक्रवार को छुट्टी दे जाती है. इस पूरे मामले पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि यह पूरी तरह से हिंदी विद्यालय है ना कि उर्दू विद्यालय लेकिन यहां शुक्रवार को छुट्टी होती है. हमने जिला शिक्षा पदाधिकारी को एक पत्र अग्रसारित किया है जैसे ही वहां से निर्देश आएगा त्वरित कार्रवाई की जाएगी.

पटनाः शिक्षा का कोई मजहब नहीं होता है और ना ही इसे धर्म के साथ जोड़कर देखा जाना चाहिए. इन दिनों पूरे बिहार में जुम्मे के दिन यानी शुक्रवार को कई हिंदी सरकारी (Government Schools Of Bihar) विद्यालयों में छुट्टी होने की बात पर बवाल मचा है. ऐसा ही एक सरकारी स्कूल पटना जिला के मसौढ़ी (Weekly Holiday On Friday In Netaul Middle School) में भी है, जहां रविवार को नहीं बल्कि स्कूल की सप्ताहिक छुट्टी शुक्रवार को दी जाती है. हालांकि स्कूल के शिक्षक इसका विरोध करते हैं, लेकिन परंपरा के मान पर यहां सालों से ऐसा ही होता आ रहा है.

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सालों से चली आ रही परंपराः दरअसल मसौढ़ी अनुमंडल के धनरूआ प्रखंड के मध्य विद्यालय नेतौल में शुक्रवार के दिन स्कूल बंद रहता है और उसके बदले रविवार को पढ़ाई होती है. यह स्कूल पूरी तरह से हिंदी विद्यालय हैं यहां पर सभी शिक्षक हिंदू समुदाय से जुड़े हैं. इस विद्यालय में 500 छात्र छात्राएं हैं, जो ज्यादातर हिंदू समुदाय से जुड़े हैं. इसके बावजूद यहां पर शुक्रवार को छुट्टी दी जाती है. इसके बारे में बताया जाता है कि यह परंपरा सालों से चली आ रही है.

स्कूल के जमीन दाता थे मुस्लिमः बताया जाता है कि यह स्कूल मुस्लिम मोहल्ले में खोला गया है और जमीन दाता भी मुस्लिम थे. इसलिए यहां पर शुक्रवार को छुट्टी देने की परंपरा रही है. लेकिन स्कूल को शिक्षकों ने इसका विरोध जताया है. धनरूआ संकुल प्रसाधन केंद्र के सुनील कुमार ने जिला शिक्षा पदाधिकारी और डीएम से इस बारे में पत्र लिखकर विरोध जताया है, कि यह हिंदी विद्यालय है इसलिए हिंदी अवकाश के तहत स्कूल को चलाया जाए.

"हमने डीईओ को पत्र लिखकर कई बार इसका विरोध किया है. ये पूरी तरह से हिंदी स्कूल है. लेकिन यहां जुमे को छुट्टी दी जाती है, ऐसा क्यों होता है इसका पता तो हमें है नहीं, लेकिन ये सही नहीं है"- शिक्षक,
मध्य विद्यालय नेतौल

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"ये कहा जाता है कि इस विद्यालय के जमीन दाता मुस्लिम थे और ये स्कूल भी मुस्लिम मोहल्ले में है. इसलिए स्कूल में शुक्रवार को छुट्टी दी जाती रही है. इसका प्रमाण मेरे पास नहीं है. लोगों के कहने के अनुसार हम भी कह रहे हैं. सालों से यहां शुक्रवार को छुट्टी दी जाती रही है"-मोहम्मद अहमद हुसैन, प्रभारी प्रधानाचार्य

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लोगों ने उठाया सिस्टम पर सवालः वहीं, स्थानीय लोगों ने भी इस सिस्टम पर सवाल उठाया है कि उर्दू विद्यालय में सभी शिक्षक और छात्र मुस्लिम होते हैं इसलिए वहां जुम्मे की नमाज में छुट्टी दि जाती है यह हम मान लेते हैं, लेकिन हिंदी स्कूल में जहां न कोई छात्र और शिक्षक मुस्लिम हैं तो आखिर क्यों यहां शुक्रवार को छुट्टी दे जाती है. इस पूरे मामले पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि यह पूरी तरह से हिंदी विद्यालय है ना कि उर्दू विद्यालय लेकिन यहां शुक्रवार को छुट्टी होती है. हमने जिला शिक्षा पदाधिकारी को एक पत्र अग्रसारित किया है जैसे ही वहां से निर्देश आएगा त्वरित कार्रवाई की जाएगी.

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