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पटना: बरसात के दिनों में नारकीय जीवन जीते हैं मंत्री आवास से सटे इस स्लम के लोग - हज भवन

स्थानीय लोगों ने कहा कि स्लम में बारिश का पानी आ जाने से घर में खाना भी नहीं बन रहा है. हर तरफ पानी ही पानी है. किसी ऊंचे जगह पर चुल्हा रख कर खाना बनाना पड़ता है.

पटना
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Published : Sep 22, 2019, 1:19 PM IST

पटना: राजधानी में हज भवन के पीछे के स्लम इलाके में बारिश का पानी घुस गया है. जिससे यहां रह रहे लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं. बता दें कि पटना में पिछले कुछ दिनों से लगातार तेज बारिश हो रही है. स्लम में रह रहे लोगों ने बताया कि बारिश के मौमस में यहां का यही आलम होता है. हर साल बरसात के बाद स्लम पानी में डूब जाता है.

पीड़ितों का बयान

स्लम में नहीं है पानी का निकासी
लोगों ने कहा कि जब से पानी जमा है, घर में ठीक से खाना भी नहीं बन रहा है. हर तरफ पानी ही पानी है. किसी ऊंचे जगह पर चुल्हा रख कर खाना बनाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि हम कई बार अधिकारी और विधायक से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन गरीब का कोई नहीं सुनता. उन्होंने कहा कि जब से ईको पार्क बना है तब से स्लम का यही हाल है, पानी का निकासी बंद हो गया है.

पटना
स्लम में रहनी वाली महिला

बुनियादी सुविधा नदारद
यह इलाका बिहार सरकार के मंत्रियों के आवास से सटा हुआ है. बावजूद इसके स्लम में रह रहे लोगों को बुनियादी सुविधा भी उपलब्ध नहीं है. लोगों ने कहा कि हम लोग झोपड़ी में रहते हैं. इंदिरा आवास योजना का हमें कोई लाभ नहीं मिला. मामूली बारिश से भी यहां जलजमाव हो जाता है. जिसके कारण हम नारकीय जीवन जीने को मजबूर होते हैं.

पटना
बारिश के बाद स्लम की हालत

स्कूल में जलजमाव होने से पढ़ाई बाधित
स्लम इलाके के रुक्मणी देवी ने बताया कि वह 1962 से ऐसे ही रह रही हूं. पहले स्टैंड रोड इलाके में रहती थी. 1985 में जब मंत्रियों का आवास बनना शुरू हुआ तब उन्हें यहां शिफ्ट किया गया था. उन्होंने कहा कि स्थानीय स्कूल में भी जलजमाव होता है. जिससे बारिश के दिनों में स्कूल लगभग बंद ही रहता है और बच्चों की पढ़ाई बाधित रहती है.

पटना: राजधानी में हज भवन के पीछे के स्लम इलाके में बारिश का पानी घुस गया है. जिससे यहां रह रहे लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं. बता दें कि पटना में पिछले कुछ दिनों से लगातार तेज बारिश हो रही है. स्लम में रह रहे लोगों ने बताया कि बारिश के मौमस में यहां का यही आलम होता है. हर साल बरसात के बाद स्लम पानी में डूब जाता है.

पीड़ितों का बयान

स्लम में नहीं है पानी का निकासी
लोगों ने कहा कि जब से पानी जमा है, घर में ठीक से खाना भी नहीं बन रहा है. हर तरफ पानी ही पानी है. किसी ऊंचे जगह पर चुल्हा रख कर खाना बनाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि हम कई बार अधिकारी और विधायक से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन गरीब का कोई नहीं सुनता. उन्होंने कहा कि जब से ईको पार्क बना है तब से स्लम का यही हाल है, पानी का निकासी बंद हो गया है.

पटना
स्लम में रहनी वाली महिला

बुनियादी सुविधा नदारद
यह इलाका बिहार सरकार के मंत्रियों के आवास से सटा हुआ है. बावजूद इसके स्लम में रह रहे लोगों को बुनियादी सुविधा भी उपलब्ध नहीं है. लोगों ने कहा कि हम लोग झोपड़ी में रहते हैं. इंदिरा आवास योजना का हमें कोई लाभ नहीं मिला. मामूली बारिश से भी यहां जलजमाव हो जाता है. जिसके कारण हम नारकीय जीवन जीने को मजबूर होते हैं.

पटना
बारिश के बाद स्लम की हालत

स्कूल में जलजमाव होने से पढ़ाई बाधित
स्लम इलाके के रुक्मणी देवी ने बताया कि वह 1962 से ऐसे ही रह रही हूं. पहले स्टैंड रोड इलाके में रहती थी. 1985 में जब मंत्रियों का आवास बनना शुरू हुआ तब उन्हें यहां शिफ्ट किया गया था. उन्होंने कहा कि स्थानीय स्कूल में भी जलजमाव होता है. जिससे बारिश के दिनों में स्कूल लगभग बंद ही रहता है और बच्चों की पढ़ाई बाधित रहती है.

Intro:राजधानी पटना के हज भवन के पीछे शाहगद्दी मस्जिद स्लम इलाका है जहां के लोग 2 दिन पूर्व हुए बारिश के बाद उत्पन्न हुई जलजमाव की स्थिति से परेशान हैं. यह स्लम बस्ती स्टैंड रोड के पास का इलाका है जहां राज्य के सभी मंत्रियों का आवास है. स्लम बस्ती के 50 से सौ मीटर के इलाके में हीं मंत्रियों का आवास शुरू होता है. स्लम बस्ती इलाके के लोगों से बात की ईटीवी संवाददाता ने


Body:स्लम बस्ती में रहने वाले रामविलास दास ने बताया कि हर साल बरसात के बाद स्लम बस्ती पानी में डूब जाता है. जलजमाव से बहुत परेशानी होती है और बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं. उन्होंने बताया कि हम लोगों का खाना पीना भी बहुत मुश्किल से हो पाता है और मचान पर रखकर खाना बनाना पड़ रहा है.


Conclusion:स्लम इलाके के रुकमणी देवी ने बताया कि वह 1962 से यहां रह रही हैं और पहले वह स्टैंड रोड इलाके में रहती थी. 1985 में जब मंत्रियों का आवास बनना शुरू हुआ तब उन्हें यहां शिफ्ट किया गया था और 1999 में इस जगह को मलिन बस्ती स्लम एरिया के रूप में चिन्हित किया गया इसके बावजूद भी इलाके में सुविधाओं को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने बताया कि जबसे इको पार्क बना है तब से हर साल यहां जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होती है और पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार स्वच्छ भारत की बात करती है लेकिन स्वच्छता से जुड़ा कोई कार्यक्रम इधर नहीं हुआ और ना ही प्रधानमंत्री की किसी योजनाओं का उन्हें लाभ मिल पा रहा है. स्लम बस्ती के लोग प्रधानमंत्री की योजनाओं से वंचित हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं देता. उन्होंने कहा कि स्थानीय स्कूल में भी जल जमाव होने के कारण बच्चों का पढ़ाई रुकता है और वह कई बार विधायक और मंत्रियों से मिलकर स्कूल में मिट्टी भर आने की बात कह चुकी है लेकिन कोई ध्यान नहीं देता.

इसी स्लम बस्ती के इलाके में गर्दनीबाग sector-2 का प्राथमिक विद्यालय है जहां जलजमाव के कारण बच्चों को सड़क के फुटपाथ पर पढ़ाया जा रहा था जिसकी खबर ईटीवी ने दिखाई थी.
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