पटना: हर साल उत्तर बिहार के 15 से अधिक जिले बाढ़ से प्रभावित होते हैं. इस बार भी मानसून के कारण अच्छी बारिश हो रही है. ऐसे में एक बार फिर बिहार में बाढ़ का खतरा मंडराता नजर आ रहा है. सरकार की ओर से इसको लेकर खास तैयारियां की गई है. जल संसाधन मंत्री संजय झा का कहना है कि हमने तैयारी की है. लेकिन, अत्यधिक बारिश होने पर मुश्किलें जरूर बढ़ेंगी.
जल संसाधन मंत्री की मानें को तो बिहार में बाढ़ के हालात यहां होने वाली बारिश की वजह से नहीं बल्कि नेपाल में होने वाली बारिश के कारण नदियों में छोड़े जाने वाले पानी के कारण होते हैं. उन्होंने कहा कि फिलहाल हमारा पूरा ध्यान नेपाल के बेसमेंट में होने वाली बारिश पर है.
नेपाल के कारण बिहार में बाढ़ के हालात
संजय झा ने कहा कि विभाग 20 से 30 प्रतिशत नजर बिहार में होने वाली बारिश पर रखता है. वहीं, 70 से 80% ध्यान नेपाल के कैचमेंट वाले एरिया में होने वाले बारिश पर लगा रहता है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की ओर से जो भी बाढ़ से संबंधित बचाव के कार्य किए जाने थे वह सब कर लिए गए हैं. सीएम के नेतृत्व में विभाग की ओर से लगातार समीक्षा की जा रही है. बिहार की नदियों में जलस्तर की स्थिति अभी नियंत्रण में है, फिलहाल तो कोई चिंता की बात नहीं है.
सीएम खुद कर रहे निगरानी
जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि मुख्यमंत्री स्तर पर भी समीक्षा हुई है. मुख्यमंत्री खुद जाकर कई स्थानों का मुआयना किया है. उनके दिशा-निर्देश पर भी काम आगे हो रहा है. नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव के आरोपों को उन्होंने सिरे से खारिज किया और कहा कि वे बार-बार कहते हैं कि बाढ़ से बचाव के लिए बिहार सरकार कुछ नहीं कर रही है. जबकि उनको पता नहीं है इसलिए इस तरह की बात कर रहे हैं.
अत्याधिक बारिश होना जरूर है खतरा
पिछले साल राजधानी पटना पर भी खतरा उत्पन्न हो गया था. इस पर जल संसाधन मंत्री संजय झा का कहना है चिंता की बात नहीं है. उन्होंने कहा कि अत्यधिक बारिश तो कहीं भी परेशानी पैदा कर सकती है. जब मुंबई, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में भी समस्या आती है तो बिहार में भी होना स्वभाविक है.
नेपाल मामले में एहतियात बरत रही बिहार सरकार
पिछले दिनों नेपाल को लेकर जो खबरें आई थी, उस पर बिहार सरकार की ओर से संजय झा कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये 2 देशों का मामला है इसलिए बिहार सरकार इस मामले पर बहुत ही एहतियात बरत रही है. ऐसे नेपाल की तरफ से सकारात्मक पहल की खबरें भी आई थी. लेकिन पूरी स्थिति में केंद्र सरकार को ही कोई फैसला लेना है. उसमें बिहार सरकार की कोई भूमिका नहीं है. बिहार सरकार की तरफ से केंद्र को पत्र भी लिखा गया था.