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पटना: खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं कंकड़बाग के लोग, जनप्रतिनिधियों पर नहीं रहा भरोसा

राजधानी के कंकड़बाग इलाके की स्थिति बदहाल है. यहां अभी भी जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. वहीं, लोग अपने जनप्रतिनिधियों को कोसते हुए योजनाओं और काम में भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं.

हालात कुछ ऐसे भी
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Published : Oct 2, 2019, 7:35 PM IST

पटना: राजधानी पटना के कंकड़बाग में जलजमाव से स्थिति बदहाल है. पिछले 5 दिनों से नारकीय जीवन जी रहे कंकड़बाग के लाखों लोग अब अपने जनप्रतिनिधियों को कोस रहे हैं. लोगों का कहना है कि उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं.

स्थानीय लोगों का कहना है कि जो काम भी हुआ है, उसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ है. इसके कारण आम लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. पूरे इलाके की जमीनी हकीकत जानने ईटीवी भारत संवाददाता अमित वर्मा और अविनाश ने जब लोगों से उनके हालातों के बारे में जाना. वर्तमान में सभी अपने जनप्रतिनिधियों को कोसते नजर आ रहे हैं.

क्या बोले लोग ( ग्राउंड रिपोर्ट)

यहां ये स्थिति...
कंकड़बाग की मुख्य सड़क पर स्थित ऑटो स्टैंड के पास अभी घुटने भर से ज्यादा पानी जमा है. वहीं, जबकि अंदर के इलाकों में और गली मोहल्लों में करीब 3 फीट पानी अब भी जमा है. लोगों के लिए रहने और खाने के साथ-साथ पीने के पानी की जबरदस्त किल्लत है. नालियों का पानी घर में घुसकर सड़ांध मार रहा है. बदबू से लोग परेशान हैं. बीमारी फैलने का डर है लेकिन इन सबके बीच जीना मजबूरी है.

हालात कुछ ऐसे भी
हालात कुछ ऐसे भी

सरकार के दावे फेल
सरकार चाहे लाख दावे करे, लेकिन जिन मशीनों के भरोसे पानी निकालने का इंतजार लोग कर रहे हैं, वो मशीनें भी लगता है दगा दे रही हैं. कंकड़बाग नगर निगम कार्यालय के ठीक सामने एक निजी संस्था की तरफ से राहत सामग्री बांटी जा रही है और उसमें लोग टूट पड़े हैं कि उन्हें पानी-दूध किसी तरह मिल जाए. वहीं, आसपास के झोपड़पट्टी के रहने वाले लोग और सब्जी विक्रेता परेशान हैं क्योंकि उनकी रोजी-रोटी छिन चुकी है.

पटना: राजधानी पटना के कंकड़बाग में जलजमाव से स्थिति बदहाल है. पिछले 5 दिनों से नारकीय जीवन जी रहे कंकड़बाग के लाखों लोग अब अपने जनप्रतिनिधियों को कोस रहे हैं. लोगों का कहना है कि उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं.

स्थानीय लोगों का कहना है कि जो काम भी हुआ है, उसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ है. इसके कारण आम लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. पूरे इलाके की जमीनी हकीकत जानने ईटीवी भारत संवाददाता अमित वर्मा और अविनाश ने जब लोगों से उनके हालातों के बारे में जाना. वर्तमान में सभी अपने जनप्रतिनिधियों को कोसते नजर आ रहे हैं.

क्या बोले लोग ( ग्राउंड रिपोर्ट)

यहां ये स्थिति...
कंकड़बाग की मुख्य सड़क पर स्थित ऑटो स्टैंड के पास अभी घुटने भर से ज्यादा पानी जमा है. वहीं, जबकि अंदर के इलाकों में और गली मोहल्लों में करीब 3 फीट पानी अब भी जमा है. लोगों के लिए रहने और खाने के साथ-साथ पीने के पानी की जबरदस्त किल्लत है. नालियों का पानी घर में घुसकर सड़ांध मार रहा है. बदबू से लोग परेशान हैं. बीमारी फैलने का डर है लेकिन इन सबके बीच जीना मजबूरी है.

हालात कुछ ऐसे भी
हालात कुछ ऐसे भी

सरकार के दावे फेल
सरकार चाहे लाख दावे करे, लेकिन जिन मशीनों के भरोसे पानी निकालने का इंतजार लोग कर रहे हैं, वो मशीनें भी लगता है दगा दे रही हैं. कंकड़बाग नगर निगम कार्यालय के ठीक सामने एक निजी संस्था की तरफ से राहत सामग्री बांटी जा रही है और उसमें लोग टूट पड़े हैं कि उन्हें पानी-दूध किसी तरह मिल जाए. वहीं, आसपास के झोपड़पट्टी के रहने वाले लोग और सब्जी विक्रेता परेशान हैं क्योंकि उनकी रोजी-रोटी छिन चुकी है.

Intro:पिछले 5 दिनों से जलजमाव के बीच नारकीय जीवन जी रहे कंकड़बाग के लाखों लोग अब अपने जनप्रतिनिधियों को कोस रहे हैं। लोगों का कहना है कि उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं। जो काम भी होता है उसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ है जिसके कारण आम लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। ग्राउंड जीरो से जलजमाव की असलियत बता रहे हैं पटना संवाददाता अमित वर्मा और अविनाश।


Body:कंकड़बाग की मुख्य सड़क पर स्थित ऑटो स्टैंड के पास अभी घुटने भर से ज्यादा पानी जमा है। जबकि अंदर के इलाकों में और गली मोहल्लों में करीब 3 फीट पानी अब भी जमा है। लोगों के लिए रहने और खाने के साथ-साथ पीने के पानी की जबरदस्त किल्लत है। नालियों का पानी घर में घुसकर सड़ांध मार रहा है बदबू से लोग परेशान हैं बीमारी फैलने का डर है लेकिन इन सबके बीच जीना मजबूरी है।
सरकार चाहे लाख दावे करे, लेकिन जिन मशीनों के भरोसे पानी निकालने का इंतजार लोग कर रहे हैं वह मशीनें भी लगता है दगा दे रही हैं। ऑटो स्टैंड के पास लोगों से ईटीवी भारत संवाददाता अमित वर्मा और अविनाश ने बात की। जहां लोगों ने अपना दर्द बयां किया। कंकड़बाग नगर निगम कार्यालय के ठीक सामने एक निजी संस्था की तरफ से राहत सामग्री बांटी जा रही है और उसमें लोग टूट पड़े हैं कि पानी दूध किसी तरह मिल जाए। वही आसपास के झोपडपट्टी के रहने वाले लोग और सब्जी विक्रेता परेशान हैं क्योंकि उनकी रोजी-रोटी छिन चुकी है।


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